Science & Technology

तकनीक में भागीदारी

स्मार्टफोन ऐप से ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को मंच उपलब्ध कराने की कोशिश

 
By Kristen Lyons
Published: Saturday 15 September 2018
तारिक अजीज / सीएसई

क्या 21वीं सदी में “फासला खत्म करने में” डिजिटल तकनीकें भूमिका निभा सकती हैं? हमारी रिसर्च डिजिटल तकनीकों को डिजाइन करने पर केंद्रित है जो मौजूदा बाहरी पावर स्ट्रक्चर को संचालित करती हैं। इसका मतलब है स्वदेशी नेताओं द्वारा प्रक्रिया का प्रभार संभालना और पूरे स्वदेशी अंतिम उपयोगकर्ताओं से परामर्श करना। ऑस्ट्रेलिया में स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाई पहले वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीविद, इंजीनियर और गणितज्ञ थे।

60,000 से अधिक वर्षों से नवीनता के लिए उनके दृष्टिकोण ने आकार लिया है और दर्शाया है कि आधुनिक ऑस्ट्रेलिया कृषि और जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण और खनिजों और संसाधनों के खनन का कैसे व्याख्यान करता है। पिछले 248 वर्षों से, स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाई लोगों ने कॉलोनाइजेशन (उपनिवेशन) के कारण विघटन और नुकसान उठाया है। अब इंटरनेट के आगमन से, वही संरचनाएं जो स्वदेशी लोगों को हाशिए पर और असल दुनिया में अलग-थलग रखती हैं, डिजिटल दुनिया में बदल रही हैं। 2015 में एप्पल ऐप स्टोर, अमेजॉन ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर पर सर्वाइवल आइलैंड 3 नामक एक गेमिंग ऐप उपलब्ध कराया गया था। 3डी गेम ने खेलने वालों को आदिवासी ऑस्ट्रलियाई लोगों को मारने के लिए मजबूर करने को प्रोत्साहित किया। अंतत: इस ऐप को स्टोर्स से हटा दिया गया, लेकिन तथ्य यह है कि इसने पहली बार इस पहलू पर रोशनी डाली कि कैसे ऑनलाइन स्पेस स्वदेशी लोगों के लिए शत्रुतापूर्ण हो सकते हैं।

2016 से हम #दिसमाईमोब (#thismymob) नामक एक स्मार्टफोन ऐप बना रहे हैं, यह जानने के लिए कि कैसे डिजिटल तकनीकें स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाई लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करने और कल्याण के लिए योगदान दे सकती हैं। ऑस्ट्रेलिया के स्वदेशी लोगों के साथ तकनीकी निर्माण और सह-डिजाइन के लिए यह स्वदेशी नेतृत्व वाली पहली रिसर्च है। हम आभासी दुनिया में एक सुरक्षित और सांस्कृतिक रूप से उचित स्थान बनाना चाहते थे जहां स्वदेशी लोगों को नागरिकता का बोध हो। एक जगह जहां वे अलगाव या कमजोर महसूस किए बिना अपनी भीड़ यानी समूह और अन्य लोगों के साथ जुड़ सकते हैं। इसे हम डिजिटल लैंड राइट्स कहते हैं। यह स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाई लोगों को खुद को व्यक्त करने और सकारात्मकता के साथ सांस्कृतिक और कलात्मक रूप से स्वयं को प्रमोट करने में सशक्त कर सकता है। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि गैर-स्वदेशी व्यक्तियों और समुदायों के साथ अपनी शर्तों पर सरोकार रखना।

उत्तर-औपनिवेशिक संगणना

हमारा काम अमेरिकी शोधकर्ता लिली ईरानी के पोस्टकॉलोनियल कंप्यूटिंग फ्रेमवर्क की ओर ध्यान आकर्षित करता है जो पहचानता है कि औपनिवेशिक संबंध खत्म हो सकते हैं, और फिर भी शक्ति की वैश्विक गतिशीलता का इतिहास, धन, आर्थिक ताकत और राजनीतिक प्रभाव समकालीन सांस्कृतिक टकराव को आकार देते हैं। इस गतिशीलता को दोहराने से बचने के लिए हम एक सहभागी डिजाइन का प्रयोग करते हैं ताकि स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाई लोगों के साथ और उनके लिए डिजिटल तकनीकें बनाई जा सकें। सहभागिता डिजाइन का एक मूल सिद्धांत यह स्वीकार करता है कि जिन लोगों के लिए हम डिजाइन करते हैं, वे अपने बारे में सर्वश्रेष्ठ जानते हैं और उन्हें पता है कि उनके लिए क्या महत्वपूर्ण है। इसलिए हम डिजाइन प्रक्रिया में अंतिम उपयोगकर्ताओं को शामिल करते हैं। एक और महत्वपूर्ण सिद्धांत लोगों की विशेषज्ञता के प्रति सम्मान दिखा रहा है और दूसरे लोगों के उनके लिए बोलने के बजाय उन्हें खुद अपनी गतिविधियों का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार देता है। सहभागिता डिजाइन सुनिश्चित करता है कि जो तकनीक हम डिजाइन करते हैं, वे सांस्कृतिक रूप से उपयुक्त हैं और समुदायों की विविधता व संदर्भों में व्यापक रूप से प्रयोग करने योग्य है। हमारी रिसर्च का एजेंडा स्वेदशी ऑस्ट्रेलियाई द्वारा संचालित है। इसमें गैर-स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाई लोगों की भागीदारी शामिल है क्योंकि हम जानते हैं कि अनुसंधान और विकास परियोजनाओं पर स्वदेशी नेतृत्व मौलिक रूप से महत्वपूर्ण है।

सहभागी डिजाइन कैसा दिखता है

#दिसमाईमोब ऐप बनाने के लिए, हमने चार स्वदेशी समुदायों के साथ डिजाइन कार्यशालाएं आयोजित की। ये समुदाय ऑस्ट्रेलिया के एकदम अलग क्षेत्रों लॉम्बाडिना (डब्ल्यूए), टिवी आइलैंड्स (एनटी), पोर्टलैंड (वीआईसी) और सिडनी (एनएसडब्ल्यू) का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन स्थानों से 40 से अधिक प्रतिभागियों ने ऐप की विशेषताओं को डिजाइन करने में मदद की। उन्होंने बताया कि वे अपने खुद के ऐप में क्या चाहते थे, इसका उपयोग कैसे करेंगे, उपयोगकर्ता के अनुरूप और सांस्कृतिक रूप से क्या उपयुक्त मानते हैं, और हम कैसे सांस्कृतिक सुरक्षा और पहचान सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं। इन कार्यशालाओं से कुछ विशेषताएं सामने आईं, मसलन भीड़ (लोगों का समूह) की पहचान, भीड़ से संबंधित समाचार और पुरुषों और महिलाओं के काम की जगह। प्रत्येक उपयोगकर्ता के लिए ऐप की कार्यक्षमता उस समूह द्वारा निर्धारित की जाती है जिससे वे जुड़े हुए हैं। उपयोगकर्ता सीधे अपने समूह या फिर सभी समूहों के लिए पोस्ट कर सकते हैं। इसका मतलब है कि हमें कई अलग-अलग स्वदेशी लोगों, भाषा समूहों, कुलों और संस्कृतियों के लिए डिजाइन और कोड बनाना था।

आप किस भीड़ से हैं?

#दिसमाईमोब ऐप स्वदेशी समुदाय के बारे में है और बताता है कि हम एक-दूसरे से कैसे जुड़ते हैं। हम आमतौर पर सड़क पर एक-दूसरे से पहली बात यह पूछते हैं कि आपका समूह/समुदाय कौन सा है और बाकी सब यहीं से शुरू होता है। यह ऐप स्वदेशी लोगों को एक सुरक्षित और सांस्कृतिक रूप से उचित मंच से जोड़ देगा। यह एक ऐसा स्थान होगा जहां यह कहना ठीक है कि “अरे, मैं काला हूं और मुझे गर्व है।” यह युवा एवं स्वदेशी उपभोक्ताओं को मार्गदर्शन एवं समर्थन मांगने के लिए देश भर के बुजुर्गों तक पहुंचने का मौका देगा। यह युवा स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाई लोगों को एसटीईएमएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित और दवा) में डिग्री लेने और करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। यहां स्वदेशी कलाकार, स्वदेशी और गैर स्वदेशी खरीदारों में अपने काम को बढ़ावा देने में सक्षम होंगे। हमें उम्मीद है कि #दिसमाईमोब ऐप आभासी दुनिया में स्वामित्व की भावना पैदा करेगा और जहां हम सुरक्षित रूप से कह सकते हैं कि ‘हमें डिजिटल भूमि अधिकार मिला है।’

भविष्य की ओर देखते हुए

#दिसमाईमोब प्रोजेक्ट सिर्फ एक उपयोगी नई तकनीक के निर्माण के बारे में नहीं है। इससे भविष्य में आकार और सूचना पाने में मदद मिलेगी कि कैसे उभरती हुई प्रौद्योगिकियों को स्वदेशी उपयोगकर्ताओं के साथ सह-डिजाइन और निर्मित किया गया। हम उनके डिजाइनरों और इंजीनियरों के लिए नैतिक दिशानिर्देशों के सुधार में मदद के लिए ऐप्पल और गूगल से परामर्श कर रहे हैं ताकि उनके उत्पादों में सांस्कृतिक मूल्य, नैतिकता, बहुखंडीय पहचान और वैश्विक नजरिए का सम्मिलित होना सुनिश्चित किया जा सके। हम दूसरे देशों के स्वदेशी समूहों के साथ अपने विचारों पर चर्चा कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि इस काम के प्रभाव को ऑस्ट्रेलिया की सीमाओं से परे भी महसूस किया जा सकेगा।

(क्रिस्टफर लॉरेंस सिडनी स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी विभाग में निदेशक हैं। यह लेख द कन्वरसेशन के विशेष समझौते के तहत प्रकाशित)

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