सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में कहा था कि आधार नंबर को लोक कल्याण योजनाओं के लिए अनिवार्य नहीं किया जा सकता
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध जाते हुए केंद्र सरकार ने टीबी के मरीजों के लिए बारह अंकों का आधार अनिवार्य कर दिया है। 16 जून को जारी नोटिफिकेशन में सरकार ने कहा कि जो लोग संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम (RNTCP) के तहत आर्थिक मदद चाहते हैं, उन्हें आधार देना या इसके लिए आवेदन करना होगा। आधार के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख भी 31 अगस्त तय कर दी गई है। यह सब उन मरीजों को करना होगा जो पहले ही जानलेवा बीमारी से जूझ रहे हैं। इस स्कीम के तहत सरकार टीबी के मरीजों का निशुल्क दवाएं उपलब्ध कराती है।
आरएनटीसीपी लोक कल्याण योजना है, जिसके तहत टीबी के मरीजों, निजी सेवा प्रदाताओं को इलाज के लिए नगद अनुदान दिया जाता है। हालांकि बहुत से लोग इस योजना से अनजान हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में दिए अपने आदेश में कहा था कि आधार नंबर को लोक कल्याण योजनाओं के लिए अनिवार्य नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2015 को भी अपने आदेश में गैस सब्सिडी, सहित अन्य जन वितरण सिस्टम जैसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम और रोजगार पेंशन योजना में आधार की अनिवार्यता खारिज कर दी थी।
ज्यादातर टीबी के मरीज प्रवासी होते हैं। उनके पास संसाधनों और आधार बनवाने की जानकारी का अभाव रहता है। ऐसे में सरकार का फैसला उनके लिए परेशानी पैदा कर सकता है।
ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2016 के मुताबिक, भारत टीबी की बीमारी का सबसे बड़ा शिकार है। यहां हर साल 4.8 मिलियन टीबी के नए मामले सामने आते हैं। ड्रग प्रतिरोधक टीबी के मामले में भी भारत काफी आगे है। सरकार की 2025 तक टीबी को बीमारी को खत्म करने की योजना है।
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