अमेरिका, यूरोप और सिंगापुर के बाद भारत में भी कैंसरकारी तत्व होने के संदेह में देश के सभी राज्यों को पेट रोग संबंधी दवा के जांच का आदेश दिया गया है।
भारत समेत दुनियाभर में पेट से संबंधित रोगों में खूब इस्तेमाल की जाने वाली रेनिटिडाइन दवा संदेह के घेरे में है। दुनिया के कई देश इसमें कैंसर पैदा करने वाले तत्वों की जांच के लिए स्वत: ही इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। ऐसे में संदेह के आधार पर सरकार ने देश के सभी राज्यों को इसकी जांच का आदेश दिया है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएसओ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर राज्यों को आदेश दिए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने डाउन टू अर्थ को बताया कि भारतीय दवा महानियंत्रक की ओर से राज्यों को एक पत्र जारी किया गया है। पत्र में रेनिटिडिन दवा की अशुद्धियों को जांचने का आदेश है। वहीं, इस दवा का उपभोग कर रहे लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करने को कहा गया है।
रेनिटिडाइन दवा को अमेरिका की प्रमुख दवा कंपनी सैंडोज इंक ने दवा में कैंसर पैदा करने वाले तत्वों की मौजूदगी की पुष्टि के बाद 23 सितंबर को स्वत: वापसी का ऐलान किया था। कंपनी के स्वत: वापसी की नोटिस में लिखा गया है कि सैंडोज इंक स्वत: ही एक्सपायरी के दायरे में मौजूद रेनिटिडाइन हाइड्रोक्लोराइड कैप्सूल की सभी खुराक को अमेरिका में वापस लेने का ऐलान करती है।
दवा में कैंसरकारी तत्व एन-नाइट्रोसोडिमेथिलामाइन (एनडीएमए) की मात्रा फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) मानकों के अनुरूप नहीं है। सैंडोज ने 2017 और 2018 में निर्मित 14 बैच वाली दवाओं की वापसी की है। इनकी एक्सपायरी 2020 और 2021 में तय थी। कंपनी ने इसके लिए अपने डीलर्स और ग्राहकों को ई-मेल किया है। साथ ही वेबसाइट पर भी दवा के रिकॉल की नोटिस जारी की है। सभी दवा विक्रेताओं से दवा की बिक्री पर तत्काल रोक लगाने की भी बात कही गई है।
रेनिटिडाइन दवा पेट में ज्यादा एसिडिटी बनने को नियंत्रित करती है। ऐसा प्राय: होता है कि अधिकांश लोग यह दवा दुकान से ही खरीद लेते हैं। यह पेट में गैस बनने, गैस्ट्रिक अल्सर, पाचन न होने पर, पेट फूलने की समस्या आदि पेट रोग संबंधी व्याधियों में इस्तेमाल की जाती है।
सबसे पहले 13 सितंबर को अमेरिका के एफडीए ने दवा में कैंसरकारी तत्व एनडीएमए के होने की आशंका जाहिर की थी। वहीं, 23 सितंबर को कंपनी ने इस दवा की स्वत: वापसी का ऐलान कर दिया। हालांकि, जो इसका इस्तेमाल कर रहे हैं यह उन पर छोड़ा गया है कि वे इस पर अपने चिकित्सक से परामर्श लेकर निर्णय लें।
अमेरिका के अलावा यूरोप की मेडिसिन एजेंसी ने भी जांच का आदेश दिया है, जहां परिणाम का आना बाकी है। वहीं सिंगापुर दवा नियंत्रक ने भी इस दवा की आपूर्ति पर रोक लगा दिया है। भारत में जांच के आदेश दिए गए हैं।
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