Pollution

आसान हुआ लेड का पता लगाना, वैज्ञानिकों ने बनाया उपकरण

अमेरिका के शोधकर्ताओं ने एक नया फोरेंसिक ट्रेसर विकसित किया है, जो लेड आइसोटोप के उपयोग से मिट्टी और गाद सहित धूल व अन्य ठोस पदार्थों में से कोयले की राख में पाए जाने वाले लेड का पता लगा सकता है

 
By Dayanidhi
Published: Thursday 24 October 2019
Photo: Meeta Ahlawat

ड्यूक यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना चैपल हिल, अमेरिका के शोधकर्ताओं ने एक नया फोरेंसिक ट्रेसर विकसित किया है, जो लेड आइसोटोप के उपयोग से मिट्टी और गाद सहित धूल व अन्य ठोस पदार्थों में से कोयले की राख (फ्लाई ऐश) और उसमें पाए जाने वाले लेड का पता लगा सकता है।

यह ट्रेसर कोयले की राख से निकलने वाले लेड और अन्य प्रमुख मानव या प्राकृतिक स्रोतों से निकलने वाले लेड के बीच अंतर कर सकता है,  यह गैसोलीन में पाए जाने वाले और पेंट में मिलाए गए लेड का पता लगा सकता है। यह शोध एनवायर्नमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी लेटर्स नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

ट्रेसर के माध्यम से वैज्ञानिक यह पता लगा सकेंगे कि लैंडफिल और आसपास रहने वाले लोगों पर इसका क्या असर पड़ेगा। कोयले के जलने से उड़ने वाले राख के कणों से फेफड़ों और हृदय रोग, कैंसर, तंत्रिका तंत्र की समस्याएं आदि होने की आशंका होती है।

वैज्ञानिकों ने आशा जताई है कि यह नया ट्रेसर, जमीन तथा पानी में कोयले की राख से होने वाले प्रदूषण पर नजर रखेगा, जिससे लोगों को प्रदूषण के खतरों से सुरक्षा प्रदान करने में मदद मिलेगी। यह कोयला उत्पादक बेसिनों से कोयला फ्लाई ऐश में लेड आइसोटोप का व्यवस्थित विश्लेषण प्रदान करने वाला पहला अध्ययन है।

शोधकर्ताओं ने नए प्रमुख आइसोटोप ट्रेसर का उपयोग पूर्वी कैरोलिना के सटन झील के गाद का विश्लेषण करने के लिए किया। इस झील के निकट 1970 के दशक से कोयला आधारित बिजली संयंत्र लगा था, जिसे 2013 में प्राकृतिक गैस-संचालित संयंत्र में बदल दिया गया था। इस साल के शुरू में एक अध्ययन में वैज्ञानिकों की टीम ने पाया कि यहां वर्षों से फैल रही कई टन कोयले की राख जमा है और झील की गाद में लेड पाया गया।  

सटन झील, विलमिंगटन शहर से लगभग 11 मील की दूरी पर केप फियर नदी पर स्थित है। शोधकर्ताओं ने लेक वेक्माकोव से तलछट के नमूनों का भी परीक्षण किया जिसके आस-पास कभी भी कोयले की राख से संबंधित उद्योग नहीं थे।

शोधकर्ता ने कहा कि परीक्षणों से पता चला कि सटन झील के गाद में लेड पाया गया था, जो एपलाचियन बेसिन, अमेरिका के कोयले के फ्लाई ऐश में पाए गए लेड के समान था जबकि अप्रभावित लेक वेकमाकोव के गाद से बिल्कुल अलग था। यह पिछले अध्ययन के परिणामों के अनुरूप था, जो कि पहले के निष्कर्षों की पुष्टि करता है और पर्यावरण में कोयले की राख पर नज़र रखने के लिए नए उपकरण के रूप में लेड आइसोटोप को स्वीकृति देता है।

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