Water

बड़वानी के आधा दर्जन गांवों में भूकंप के झटके

सरदार सरोवर बांध का पानी नर्मदा घाटी के गांवों में भरने के बाद अब वहां भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं 

 
By Anil Ashwani Sharma
Published: Tuesday 17 September 2019
मादिल गांव के घरों की दीवारों पर दरारें आ गई हैं। फोटो: हिमशी सिंह

मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में सोमवार (16 सितंबर, 2019) रात आधे दर्जन से अधिक गांवों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया  कि झटकों के साथ धमाके सुनाई दिए। ये झटके शाम के छह से सात बजे के बीच आया और लगातार रातभर आते रहे। इस भूकंप के बाद से आधा दर्जन गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों में भय का माहौल व्याप्त हो गया। ध्यान रहे कि नर्मदा घाटी अब धीरे-धीरे पानी में डूबती जा रही है। दूसरी ओर, अब इसी जल भराव के कारण जमीन के नीचे घाटी में लगातार भूकंप के झटके और धमाके आ रहे हैं। 

धमाके इतने प्रभावी थे कि मकान की छतों से छप्पर और टिन भी नीचे गिर गए। मदिल गांव के अलावा राजपुर तहसील के देवझिरी, साकर और भमोली आदि गांवों में भी ये झटके रातभर महसूस किए गए। मकान और अन्य इमारतों के ढहने के डर से गांव के लोग रात भर सो नहीं पाए। 

पिछले कई माह से इस क्षेत्र में लगातार पानी भरने से तबाही मचाई हुई है और अब इन झटकों ने ग्रामीणों को और डरा दिया है। नर्मदा घाटी में डूब से तो लोगों के घरों और जान-माल पर संकट छाया ही हुआ है, परन्तु भूकंप के झटके उससे ज्यादा दहला देने वाली स्थिति पैदा कर रहे हैं। जिन गांवों में पानी भर रहा है,  उसके अलावा भी दूर-दराज के गांवों में तेज भूकंप झटके महसूस किए ज रहे हैं।

इससे पहले डूब प्रभावित एकलवारा और सेगांवा गांव जो आधे गांव डूब भी चुके हैं, वहां भी लगातार लोग भूकंप के धमाके झेल रहे हैं। ऐसे सैकड़ों परिवार भी हैं जो डूब क्षेत्र से बाहर बताए गए थे, लेकिन पानी घरों में घुसने से घर की दीवारें जर्जर हो चुकी हैं और ढह रहीं हैं। ऐसे में इन दीवारों में दरारें आ गई हैं और वे भूकंप के झटकों से गिर रही हैं। मदिल तहसील के निवासी नर सिंह का कहना है कि पिछले एक महीने से उनके गांव में भूकंप के झटके आ रहे हैं, परंतु कल पूरी रात 5- 10 मिनट के अंतराल में ये धमाके होते रहे, घर के मटके, नाजुक समान तक  टूट  गया और छतों में रखा सामान और टिन भी नीचे गिर गए। गांव के बच्चे और परिवार के सदस्य पूरी रात दहशत में बैठे रहे। गांव के लोग इस डर में थे कि कहीं सभी मकान न ढह जाए।

बड़वानी में एनएपीएम की कार्यकर्ता हिमशी सिंह ने डाउन टू अर्थ को बताया कि कच्चे घरों की ईंटें, मटके और छतों पर रखे सामान का बड़ी संख्या में नुकसान हुआ है। इतनी भयानक स्थिति होते हुए भी प्रशासन का ध्यान अब तक इस तरफ नहीं गया है। उनका कहना है कि अब तक इतने झटके के बाद भी राज्य सरकार ने भूकंप मापक यंत्र को जांचने के लिए अपनी कोई राज्य स्तरीय टीम नहीं लगाई है बल्कि केंद्र से आई टीम इसकी जांच कर रही है। लेकिन इस टीम ने भूकंप मापन यन्त्र लगाए हैं, उनकी रिपोर्ट तक जाहिर नहीं की जा रही है। ऐसे में नर्मदा घाटी के लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि तुरंत इन क्षेत्रों का दौरा किया जाए और जो भूकंप मापन यन्त्र लगे हुए हैं उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। जिन गांवों में इससे गंभीर स्थिति बन रही है वहां जाकर तुरंत कार्रवाई की जाए। 

ध्यान रहे कि मध्यप्रदेश के बड़वानी में गत 20 अगस्त को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस समय रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 1.6 दर्ज की गई थी।  तब जिले के अंजड़ के आसपास के करीब 8 गांवों में  10  दिनों  तक भूमिगत धमाकों से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गई थी।

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