3 दिसंबर 1967 को दक्षिण अफ्रीका के कैपटाउन में पहला हृदय प्रत्यारोपण किया गया। दक्षिण अफ्रीका के सर्जन क्रिस्टियन बर्नाड ने इस सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
पहला हृदय प्रत्यारोपण किसका किया गया?
अमेरिकी सर्जन नॉर्मन सम्वे ने पहला सफल हृदय प्रत्यारोपण एक कुत्ते का किया था। कैलिफोर्निया के स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में यह प्रत्यारोपण 1958 में किया गया था। इसके बाद उन्होंने कई कुत्तों के हृदय का कामयाब प्रत्यारोपण किया। सम्बे ने हृदय प्रत्यारोपण की तकनीक विकसित की जिसका आगे चलकर कई सर्जनों ने इस्तेमाल किया।
पहला सफल मानव हृदय प्रत्यारोपण किसने गया?
3 दिसंबर 1967 को दक्षिण अफ्रीका के कैपटाउन में पहला हृदय प्रत्यारोपण किया गया। दक्षिण अफ्रीका के सर्जन क्रिस्टियन बर्नाड ने इस सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। क्रिस्टियन बर्नाड की टीम में 30 लोग शामिल थे और हृदय प्रत्यारोपण करने में उसे 9 घंटे का वक्त लगा। बर्नाड ने नॉर्मन सम्वे द्वारा विकसित तकनीक का इस्तेमाल किया था। हालांकि 1905 में भी मानव हृदय प्रत्यारोपण की कोशिश की गई थी लेकिन यह कामयाब नहीं हो पाई।
यह प्रत्यारोपण किस मरीज पर किया गया?
पहला मानवीय हृदय प्रत्यारोपण 53 साल के लुइस वाशकांस्काई नामक मरीज का किया गया। उनके हृदय ने काम करना बंद कर दिया था और वह जिंदगी और मौत से जूझ रहे थे। उनमें 25 साल की डेनिस डरवाल का हृदय प्रत्यारोपित किया था। एक कार दुर्घटना में डेनिस के दिमाग में गंभीर चोटें आई थीं और वह ब्रेन डेड हो गई थीं। डेनिस दूसरों की मदद करने में यकीन करती थीं इसलिए पिता एडवर्ड डरवाल ने अपनी बेटी के अंगदान करने का निर्णय लिया था। डेनिस की किडनी ने दस साल के बच्चे की भी जान बचाई थी।
इस प्रत्यारोपण से मरीज कितने दिन जीवित रहा?
हृदय प्रत्यारोपण के बाद मरीज लुइस के पहले शब्द थे, “मैं अब भी जीवित हूं।” निमोनिया के कारण हृदय प्रत्यारोपण के 18 दिन बाद लुइस की मौत हो गई। डॉक्टर क्रिस्टियन बर्नाड के दूसरे मरीज फिलिप ब्लाईबर्ग करीब दो साल तक जीवित रहे। शुरुआत में जिन मरीजों का हृदय प्रत्यारोपण किया गया, वे अधिक समय तक जीवित नहीं रह पाए।
इस घटनाक्रम के बाद हृदय प्रत्यारोपण की गति कैसी रही?
हृदय प्रत्यारोपण कराने वाले मरीजों की लंबी आयु न होने के कारण इसमें कमी आई। 1968 में जहां दुनियाभर में 99 हृदय प्रत्यारोपण किए गए, वहीं 1969 में 47, 1970 में 17 और 1971 में 9 हृदय प्रत्यारोपण ही हो पाए। इसके बाद विशेषज्ञों ने मांग की कि इस क्षेत्र में और शोध की जरूरत है।
क्या पहला अंग प्रत्यारोपण हृदय का किया गया था?
नहीं। सबसे पहले किडनी का प्रत्यारोपण डॉक्टर जोसफ ई मरे की टीम ने किया था। 23 दिसंबर 1954 को अमेरिकी के बोस्टन में दो जुड़वा भाइयों के बीच किडनी प्रत्यारोपण हुआ। गंभीर रूप से बीमार रिचर्ड हेरिक को उसके भाई रोनल्ड ने अपनी एक किडनी दी थी। 1962 में रिचर्ड की मौत हो गई। इसके बाद 1966 में पहला पेनक्रिया और 1967 में पहला लिवर प्रत्यारोपण किया गया। चिकित्सा के क्षेत्र में यह अहम पड़ाव थे।
हृदय प्रत्यारोपण के बाद औसतन कितनी उम्र बढ़ जाती है?
युनाइटेड स्टेट्स नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अंग नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलजी इन्फर्मेशन में प्रकाशित एक शोधपत्र के अनुसार, हृदय प्रत्यारोपण के बाद 87 प्रतिशत लोगों की जीवन दर एक साल, 77 प्रतिशत लोगों की जीवन दर 5 साल और 57 प्रतिशत लोगों की जीवन दर 10 साल बढ़ जाती है। लोगों की औसतन उम्र में 9.1 साल का इजाफा हो जाता है। लेकिन हृदय प्रत्यारोपण की शुरुआत में यह दर काफी निम्न थी।
इस वक्त हृदय प्रत्यारोपण की वैश्विक दर क्या है?
इस समय दुनियाभर में हर साल करीब 3,500 हृदयों का प्रत्यारोपण किया जा रहा है। सबसे ज्यादा प्रत्यारोपण अमेरिका में किए जा रहे हैं। यहां हर साल करीब 2000-2300 लोगों के हृदय का प्रत्यारोपण किया जा रहा है। विश्व भर में हृदय प्रत्यारोपण के लिए मांग और आपूर्ति में भारी अंतर है। इसी वजह से कई जरूरतमंदों को समय पर हृदय नहीं मिल पाते।
भारत में हृदय प्रत्यर्पण कब से शुरू हुआ?
भारत में पहला हृदय प्रत्यर्पण 3 अगस्त 1994 को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सर्जन पी. वेणुगोपाल ने किया था। इस सफल सर्जरी में 20 सर्जन ने योगदान दिया और 59 मिनट में यह सर्जरी की गई। यह सर्जरी देवी राम नामक शख्स की गई थी। सर्जरी के बाद 15 साल तक वह जीवित रहे। इससे पहले हृदय प्रत्यारोपण के लिए विदेश जाना पड़ता था।
हृदय प्रत्यारोपण में सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
सबसे बड़ी चुनौती अंगदान करने वालों की सीमित संख्या है। हालांकि भारत में अंगदान को कई संस्थाओं और सरकारों द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है लेकिन फिर भी पर्याप्त संख्या में लोग अंगदान खासकर हृदय दान करने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। भारत में हर साल 50,000 लोगों को हृदय प्रत्यारोपण की जरूरत होती है। केवल दिल्ली में ही हर साल 1,000 हृदय प्रत्यारोपण की जरूरत होती है। लेकिन साल 2016 तक महज 350 हृदय ही प्रत्यारोपण किए गए हैं। भारत में दस लाख लोगों में करीब 0.03 लोग ही अंगदान करते हैं। स्पेन में यह दर प्रति दस लाख 34 अंगदान है।
प्रस्तुति: भागीरथ
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