पेप्सिको इंडिया का आलू आईपीआर विवाद : नहीं मिली दिल्ली हाईकोर्ट से तात्कालिक राहत
पौधे की किस्मों का संरक्षण करने वाले प्राधिकरण पीपीवी और एफआर ने 3 दिसंबर, 2021 को पेप्सिको इंडिया के आलू किस्म एफएल 2027 के बौद्धिक संपदा अधिकार प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया था।
On: Thursday 19 May 2022
आलू की किस्म एफएल 2027 के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) के प्रमाणपत्र निरस्तीकरण और नए आवेदन को खारिज किए जाने के मामले में पेप्सिको इंडिया को दिल्ली हाईकोर्ट से तात्कालिक राहत नहीं मिल पाई है। पेप्सिको इंडिया ने अपने आलू किस्म एफएल 2027 के आईपीआर निरस्त किए जाने के निर्णय पर तत्काल रोक लगाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
कृषि कार्यकर्ता कविता कुरुगांति द्वारा दायर की गई याचिका पर 3 दिसंबर, 2021 को पौधे की किस्मों का संरक्षण करने वाले प्राधिकरण पौध किस्मों और किसान अधिकार संरक्षण (पीपीवी और एफआर) ने पेप्सिको इंडिया को दी गई आलू की किस्म 'एफएल-2027' के पंजीकरण प्रमाणपत्र पर हैरानी जताते हुए उसे निरस्त कर दिया था।
पीपीवी एंड एफआर ने अपने 79 पृष्ठ के फैसले में कहा था "एफएल 2027 वाले आलू की किस्म के संबंध में पेप्सिको के पक्ष में रजिस्ट्रार द्वारा एक फरवरी 2016 को दिया गया पंजीकरण प्रमाण पत्र तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है।" वहीं, पेप्सिको इंडिया इस फैसले से संतुष्ट नहीं थी।
पीपीवी एंड एफआर एक सांविधिक निकाय है जिसकी स्थापना पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकार अधिनियम, 2001 के तहत की गई है।
कृषि कार्यकर्ता कविता कुरुगंती ने यह जानकारी दी कि 19 मई , 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले में किसी तरह की बहस नहीं हुई और मामले को आगे के लिए टाल दिया गया। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने पीपीवीएंडएफआर को पक्षकार के तौर पर जोड़ते हुए अगली सुनवाई में जवाब मांगा है। हालांकि, पेप्सिको इंडिया को निरस्तीकरण पर स्टे संबंधी तात्कालिक राहत नहीं मिल पाई है।
पेप्सिको इंडिया ने दिल्ली हाईकोर्ट में मांग की है कि उनकी एफएल 2027 किस्म के आईपीआर का निरस्तीकरण वाले निर्णय पर रोक लगाई जाए साथ ही 11, फरवरी, 2022 को दोबारा किए गए आवेदन को खारिज किए जाने के विरुद्ध फैसला सुनाया जाए।
मामले की अगली सुनवाई 3 हफ्तों के ाद 21 जुलाई, 2022 को होगी।
आलू की इस किस्म का विवाद 2019 में सामने आया था जब पेप्सिको इंडिया ने गुजरात के नौ किसानों के खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज कराया था। किसानों ने इस किस्म के आलू अपने खेतों में उगाए थे जिसपर कंपनी का कहना है कि उसे उगाने का अधिकार सिर्फ उसके पास है।
आलू को उगाने की वजह से इन किसानों को अदालत के चक्कर काटने पड़ रहे थे। पेप्सिको इंडिया इस किस्म के आलू का प्रयोग लेज ब्रांड का चिप्स बनाने में करती है। इस संदर्भ में पेप्सिको के खिलाफ देश भर में किसानों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले समूहों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध भी किया था।