नक्शे से जानिए आपके राज्य में कितने किसानों ने की आत्महत्या

एनसीआरबी द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों में भले ही किसानों की आत्महत्या में कमी दिखाई गई हो लेकिन स्थिति अब भी चिंताजनक बनी हुई है

By DTE Staff

On: Friday 06 December 2019
 

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने लंबे समय के बाद 8 नवंबर को वर्ष 2016 में हुई आत्महत्याओं का आंकड़ा जारी कर दिया। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि 2016 में कृषि क्षेत्र (कृषक एवं कृषि श्रमिक) में कुल 11,379 आत्महत्याएं हुईं। दूसरे शब्दों में कहें तो हर महीने कम से कम 948 और प्रतिदिन 31 आत्महत्या हुई। इन आंकड़ों की मुताबिक, किसानों की आत्महत्या में 2015 के मुकाबले 11 प्रतिशत की गिरावट आई है।

2016 में देश भर में कुल 6,270 किसानों ने आत्महत्या की। 2015 में यह आंकड़ा 8,007 था। वहीं दूसरी तरफ कृषि श्रमिकों की आत्महत्या में बढ़ोतरी हुई है। यह 2015 में 4,595 आत्महत्याओं के मुकाबले 2016 में 5,109 हो गया। एक लाख की आबादी पर आत्महत्या की राष्ट्रीय दर 10.3 है। 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह दर राष्ट्रीय स्तर से अधिक है। सिक्किम में यह सर्वाधिक 40.5 है।

एनसीआरबी के अनुसार, 2016 में देशभर में कुल 1,31,008 लोगों ने आत्महत्या की। इसमें कृषि क्षेत्र में की गई आत्महत्या 8.7 प्रतिशत है। 2015 की तरह 2016 में भी महाराष्ट्र में सबसे अधिक किसानों ने आत्महत्या की। किसानों की कुल आत्महत्या में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 32.2 प्रतिशत है। इसके बाद कर्नाटक (18.3 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (11.3 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (7.1 प्रतिशत) और छत्तीसगढ़ (6 प्रतिशत) सर्वाधिक आत्महत्या वाले राज्यों में शामिल हैं।

एनसीआरबी के मुताबिक, दिवालियापन, कर्ज, फसलों को नुकसान, बीमारी, नशे की लत और घरेलू कारण आत्महत्या की बड़ी वजह हैं। आत्महत्या करने वाले 6,270 किसानों में 275 महिलाएं हैं। वहीं कृषि श्रमिकों में 633 महिलाओं ने आत्महत्या की। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कृषि क्षेत्र में कोई आत्महत्या नहीं हुई। इनमें बिहार, बंगाल, नागालैंड, चंडीगढ़, दादरा एवं नगर हवेली, दमन व दीव, दिल्ली और लक्षद्वीप शामिल हैं।

स्रोत: एक्सीडेंटल डेथ एंड स्यूसाइड इन इंडिया 2016, एनसीआरबी, राज्यवार किसानों की आत्महत्या के आंकड़े प्रोविजनल

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