फॉल आर्मीवर्म का खतरा : अजमेर और चित्तौड़गढ़ में मक्का की फसलों को कर रहे चट
2018 से अब तक 20 राज्यों की फसले इस कीट से प्रभावित हो चुकी हैं।
On: Friday 24 June 2022
गेहूं संकट के बाद अब खरीफ फसलों के सीजन पर भी कई तरह के संकट के बादल घिर आए हैं। फिलहाल मक्के की फसलों पर विनाशकारी माने जाने वाले कीट “फॉल आर्मीवर्म” और गोभी पर “तंबाकू इल्ली” (टोबैको कैटरपिलर) के नुकसान का बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
राजस्थान जिले के अजमेर और चित्तौड़गढ़ जिले में इन कीटों का दल फसलों को तबाह करने पहुंच चुका है और बात आर्थिक नुकसान के सीमा स्तर को पार कर गई है। यह कीट अजमेर जिले में 30 और चितौरगढ़ में 50 हेक्टेयर कृषि भूमि क्षेत्र को अपनी जद में ले चुके हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधीन क्रॉप फोरकास्ट कोऑर्डिनेशन सेंटर ने अपनी हाल ही में की गई बैठक रिपोर्ट में चेताया है कि इस वर्ष कीट और बीमारियों की तीव्रता कम रहेगी लेकिन राजस्थान के मक्का की फसलों पर फॉल आर्मीवर्म कीटों का हमला और गोभी में तंबाकू इल्ली कीट लगने की आशंका ज्यादा है।
दक्षिणी-पश्चिमी मानसून से खरीफ फसलों के लिए अभी तक संतोषजनक वर्षा नहीं हुई है। ऐसे में मक्के की फसल का रकबा भी बढने के आसार हैं। इसका आशय हुआ कि कीटों को नुकसान करने के लिए एक बड़ा क्षेत्र मिलेगा, जिसका खामियाजा किसान उठाएंगे।
फॉल आर्मीवर्म या स्पोडोप्टेरा फ्रूजाईपेर्डा अमेरिका के उष्ण कटिबंधीय और उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता था जो कि अब दुनिया के अन्य हिस्सों में भी धीरे-धीरे फैलने लगा है।
वर्ष 2016 में पहली बार फॉल आर्मीवर्म मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में पाया गया था और कुछ ही दिनों में लगभग पूरे उप-सहारा अफ्रीका में फैल गया। बहरहाल पांच सालों के भीतर दक्षिण अफ्रीका के बाद यह कीट भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड और चीन के यूनान क्षेत्र तक भी पहुंच चुका है।
भारत में स्थिति और भी खराब है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक करीब 20 राज्यों में इस सैनिक कीटों की उपस्थिति है। 18 मई, 2018 को कर्नाटक के शिवामोगा में इन कीटों ने पहली बार फसलों को बर्बाद किया था। इसके बाद फॉल आर्मीवर्म का दुष्प्रभाव राजस्थान समेत तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, छत्तीसगढ़, केरल, झारखंड, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और सिक्कम में देख गया था।
भाकृअनुप- भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (आईएमआर) के वैज्ञानिकों के मुताबिक फॉल आर्मीवर्म मुख्य रूप से मक्का की फसल को नुकसान पहुंचाता है। हालांकि, अन्य फसलें जैसे गन्ना, चावल, रागी, चारा, गेहूं, घास आदि को भी प्रभावित करता है। यह कपास और सब्जियों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
फॉर्म आर्मीवर्म के पतंगे अपने भोजन की तलाश में 100 किलोमीटर से भी अधिक उड़ान भर सकते हैं। एक मादा पंतगा अपने जीवनकाल में 1000 से अधिक अंडे देती है। अंडो का इन्क्यूबेशन 4 से 6 दिन का होता है। इनकी लारवा अवस्था ही मक्के के फसल को नुकसान पहुंचाती है। फसलों को चट करने के लिए यह रात में ही सक्रिय होते हैं। इनकी कुल जीवन अवधि चक्र 31 से 35 दिन का होता है।