केंद्र के तीन नए कृषि बिलों के खिलाफ दिल्ली के लिए किसानों का कूच, सीमाओं पर पुलिस की चौकसी
कृषि संगठनों ने किसानों से रैली में शामिल होने की अपील की है। दावा किया जा रहा है कि 2 लाख से अधिक किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं।
On: Wednesday 25 November 2020
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि बिल और प्रस्तावित इलेक्ट्रिसिटी बिल, 2020 के खिलाफ किसानों की गोलबंदी और रैली की गतिविधि तेज हो गई है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हजारों किसानों ने 25 नवंबर, 2020 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए कूच कर दिया है। किसान संगठनों ने पहले से ही 26 नवंबर, 2020 को नए कृषि बिलों के विरुद्ध अपनी मांगों को लेकर दिल्ली चलो नारे के साथ एकत्र होने का ऐलान किया था।
किसान संगठनों की अगुवाई करने वाले ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-ऑर्डिनेशन कमेटी (एआईकेएससीसी) की ओर से जारी ताजा बयान में कहा गया है कि करीब 2 लाख से ज्यादा किसान समूचे भारत से दिल्ली चलो नारे के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इसमें करीब 300 समूह शामिल हैं। वहीं, देर शाम को स्वराज पार्टी के नेता योगेंद्र यादव ने भी लोगों से किसानों की इस विरोध रैली में शामिल होने की अपील की।
किसान नेताओं ने कहा है कि वे अनिश्चितकालीन धरने की तैयारी कर रहे हैं, हालांकि अगला निर्णय 3 दिसंबर, 2020 को लिया जाएगा। इसी तारीख को पंजाब के करीब 32 किसान समूह संगठनों के अगुवाकार केंद्र सरकार के आला अधिकारियों व अन्य से बातचीत करेंगे।
यह सभी 32 किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े हुए हैं, जिससे पूरे भारत में 470 किसान संगठन जुड़े हुए हैं।
क्रांतिकारी किसान संघ के अध्यक्ष दर्शन पाल सिंह ने कहा कि हम 2 दिसंबर, 2020 तक धरना देते रहेंगे। कई इलाकों से किसान ट्रैक्टर व अन्य साधनों के जरिए दिल्ली की तरफ आ रहे हैं। राशन, ईंधन और बैठने के लिए गद्दों का इंतजाम भी किसानों के साथ है। हमें हर कोने से सहयोग मिल रहा है। कई चिकित्सकों ने भी कहा है कि वे किसानों के लिए मेडिकल कैंप लगाएंगे।
24 नवंबर, 2020 को भी पंजाब-हरियाणा के किसानों ने दिल्ली की तरफ डेरा डालने के लिए कूच किया था लेकिन हरियाणा में पुलिस ने इन किसानों के साथ चल रहे नेताओं को हिरासत में ले लिया था।
हरियाणा पुलिस ने किसान रैली को देखते हुए 25 नवंबर को बॉर्डर इलाकों में कई जगह बैरीकेडिंग की है। वहीं वाटर कैनन भी रखे गए हैं ताकि किसानों को तितर-बितर किया जा सके। हाई-वे पर धारा 144 भी लगाई गई है।
वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हरियाणा सरकार के जरिए बॉर्डर को बंद करना पूरी तरह अलोकतांत्रिक है। हमारा विरोध बीते दो महीनों से चल रहा है अभी तक एक बार भी किसानों ने न ही कोई हिंसा की है और न ही किसी को नुकसान पहुंचाया है। किसानों को विरोध करना उनका अधिकार है और इसे सरकारों के जरिए रोका जाना अलोकतांत्रिक कदम।
वहीं दिल्ली पुलिस ने भी किसानों को जंतर-मंतर पर एकत्र होने के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया है।