संसद में आज: केरल में हर कृषक परिवार पर औसतन 1,71,581 रुपये का कर्ज

जलवायु परिवर्तन से आई मछली भंडार में कमी

By Madhumita Paul, Dayanidhi

On: Tuesday 09 February 2021
 

 

केरल राज्य में हर कृषक परिवार पर औसतन 1,71,581 रुपये का कर्ज है। जो कि देश में सबसे अधिक है, इसके बाद पंजाब में औसत कर्ज 1,20,889 रुपये है। यह जानकारी कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में देश में किसानों के कर्ज के विवरण के साथ उपलब्ध कराई। लेकिन सरकार के पास पंजाब सहित देश के किसानों द्वारा बैंकों और साहूकारों से लिए गए कर्ज को माफ करने की कोई योजना नहीं है।

जलवायु परिवर्तन से आई मछली भंडार में कमी

पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी के अनुसार जलवायु परिवर्तन ने देश में मछली पालन, मछली भंडार को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि यह 2012-2019 से सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमएफआरआई) द्वारा कराए गए अध्ययनों के आधार पर है, इन अध्ययनों से पता चला कि भारतीय तट पर 2013 के बाद से अल नीनो प्रभाव जारी रहने के कारण 2018 की तुलना में 2019 में इंडियन ऑइल सारडाइन की पकड़ में 6 फीसदी की कमी आई है

कोविड-19 परीक्षण की कीमत पर लगाम

परीक्षण किटों के अनुमोदन पर तेजी से नज़र रखते हुए, स्वदेशी निर्माण में वृद्धि, सीबीएनएटी /जीनक्सपर्ट जैसे वैकल्पिक प्लेटफार्मों को शामिल करना, प्रतिस्पर्धी कीमतों पर बाजार की उपलब्धता में सुधार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों / संघ शासित प्रदेशों को निजी प्रयोगशालाओं से बातचीत करने की सलाह दी है। कोविड-19 परीक्षण के लिए आपस में सहमती कर कीमतों को ठीक करें। कोविड-19 के लिए परीक्षण उत्पादों का मूल्य निर्धारण करना आदि। यह जानकारी राज्य सभा में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री, अश्विनी कुमार चौबे द्वारा दी गई। 

देश में थैलेसीमिया के रोगी

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज स्वीकार किया कि भारत में थैलेसीमिया के प्रसार के बारे में जानकारी नहीं है और केंद्र द्वारा इस तरह के डेटाबेस नहीं रखा गया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर), नई दिल्ली से प्राप्त जानकारी के अनुसार, हर साल बीटा-थैलेसीमिया ग्रस्त 10,000 से 12,000 बच्चे पैदा होते हैं और भारत में लगभग 65,000-67,000 बीटा-थैलेसीमिया रोगी हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि देश के अधिक प्रसार क्षेत्रों में हीमोग्लोबिनोपैथियों और हीमोफिलिया से पीड़ित रोगियों की देखभाल के लिए राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा 177 आईसीएचएच केंद्र (हेमोग्लोबिनोपैथियों और हीमोफिलिया के लिए एकीकृत केंद्र) स्थापित किए गए हैं।

एनीमिया मुक्त भारत

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-वी के आंकड़ों से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल के अधिकतर बच्चों में (92.5) खून की कमी (एनीमिया) है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-वी के आंकड़ों को आज राज्यसभा में पेश किया गया।

एनीमिया मुक्त भारत को लेकर एक प्रश्न के उत्तर में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री, अश्विनी कुमार चौबे, के कार्यान्वयन के बाद से एनीमिया में कमी लाने का निर्धारित लक्ष्य 3 प्रतिशत प्रति वर्ष हासिल किया गया है, कार्यक्रम अपने प्रारंभिक चरणों में है और विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और किशोरों में खून की कमी (एनीमिया) के प्रसार में कमी को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहा है।

जननी सुरक्षा योजना

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज राज्यसभा में कोविड-19 महामारी के कारण मार्च 2020 से संस्थागत प्रसव में कमी होने की बात को स्वीकार किया है।

स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल/दिसंबर, 2019 की अवधि के दौरान संस्थागत प्रसवों में अवधि के दौरान 1.54 करोड़ की तुलना में अप्रैल से दिसंबर, 2020 की इसी अवधि में 1.33 करोड़ रहा।

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