संविधान दिवस पर किसानों पर सख्ती, आंसू गैस के गोले छोड़े

तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने दिल्ली चलो का आह्वान किया था

By Shagun

On: Thursday 26 November 2020
 

कृषि कानूनों के विरोध में राजधानी दिल्ली आ रहे किसानों को जगह-जगह पुलिस की सख्ती का सामना करना पड़ा।

गौरतलब है कि कई राज्यों के किसानों ने 26-27 नवंबर को "दिल्ली चलो" की घोषणा की थी। सरकारों ने इसे रोकने के लिए भारी इंतजाम किए हैं। खासकर हरियाणा में किसानों के रोकने का जगह-जगह प्रयास किया गया।

हरियाणा पुलिस ने अंबाला और कुरुक्षेत्र में दिल्ली आ रहे किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें छोड़ी।

इससे पहले हरियाणा पुलिस ने 24 व 25 नवंबर को कई किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया था, जबकि कुछ नेताओं को 26 नवंबर को हिरासत में लिया गया।

स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव को दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर में राठीवास गांव के पास पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उस समय वह किसानों के साथ दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।

कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्यम प्रदेश के किसान नेताओं को उत्तर प्रदेश पुलिस ने राजस्थान-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर समेर का पुरा के पास गिरफ्तार कर लिया। जबकि किसानों के कई जत्थों को आगरा में ही गिरफ्तार कर लिया गया।

दिल्ली चलो का आह्वान लगभग 300 किसान संगठनों के संयुक्त मंच ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति ने किया था। समिति की ओर से दावा किया गया कि 2 लाख से अधिक किसान दिल्ली पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।

पंजाब सहित अन्य राज्यों से किसान 24 व 25 नवंबर को दिल्ली के चले थे, लेकिन उन्हें हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस ने रोक दिया, जिसके चलते उन्हें रात ठंड में सड़कों पर ही गुजारनी पड़ी, जबकि कई जगह बारिश भी आ रही थी।

ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति ने कहा कि कई इलाकों में गुरुद्वारा समितियों की ओर से किसानों को खाना उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि कई किसान अपने साथ ट्रेक्टर टॉली में राशन आदि ले कर चल रहे थे और वे दिल्ली में लंबे समय तक रुकने की तैयारी करके आया है।

गुरुग्राम बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया है।

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्र व हरियाणा में भाजपा की सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा की।

उन्होंने कहा कि पंजाब में किसान दो माह से शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं, पंजाब में कोई समस्या नहीं आई, लेकिन हरियाणा सरकार किसानों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें उकसा रही है। क्या किसानों को राजमार्ग से गुजरने का अधिकार नहीं है? उन्होंने टि्वटर पर यह बात कही है।

दूसरी पोस्ट में पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह बहुत दुखद है कि संविधान दिवस के मौके पर किसानों को इस तरह रोका जा रहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को चाहिए कि वह किसानों को जानें दे, ताकि वे अपनी बात दिल्ली में शांतिपूर्वक रख सकें।

अमरिंदर की तरह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्र सरकार से अपील की कि किसानों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए।

दिल्ली में ही रह रहे कई किसान सुबह जंतर मंतर पर पहुंच गए। लेकिन उन्हें धरनास्थल पर जाने से रोक दिया गया और हिरासत में ले लिया गया।

दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना स्थल पर जाते किसान नेताओं को रोकते पुलिस अधिकारी। फोटो: AIKSCC

दिल्ली को आने वाले हर रास्ते पर भारी पुलिस बल का इंतजाम किया गया था। पुलिस बल हर वाहन पर नजर रख रहे थे और उनकी जांच भी कर रहे थे, इसके चलते लगभग हर बॉर्डर पर दिन भर भारी जाम लगा रहा।

पंजाब और हरियाणा में रोडवेज की बसों का संचालन बंद रहा। जबकि दूसरे प्रदेशों से आने वाली मेट्रो की सेवाएं भी बंद रही।

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