जीएम से कोई समझौता नहीं: स्वदेशी जागरण मंच

मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपक शर्मा ने बताया कि सीएसई की रिपोर्ट बेहद गंभीर है। खाद्य उत्पादों में जीएम को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

By Bhagirath Srivas

On: Friday 27 July 2018
 
सीएसई के अध्ययन में खाद्य उत्पादों में जीएम के अंश मिले हैं

खाद्य उत्पादों में जीएम के अंश मिलने के सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) के खुलासे पर स्वदेशी जागरण मंच ने प्रतिक्रिया दी है। मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख दीपक शर्मा ने डाउन टू अर्थ को बताया कि सीएसई की रिपोर्ट बेहद गंभीर है। खाद्य उत्पादों में जीएम को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि स्वदेशी जागरण मंच किसी भी सीमा तक जाकर जीएम के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा। 

उन्होंने बताया कि सीएसई के खुलासे के बाद सरकार को नियम कानूनों का सख्ती से पालन करना चाहिए। उनका स्पष्ट मत था कि जब तक यह सुनिश्चित न हो जाए कि जीएम उत्पादों या फसलों का पर्यावरण, मानव स्वास्थ्य और पशुधन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं है, तब तक इसकी अनुमति नहीं देनी चाहिए। इसे प्रमाणित करने के लिए जब तक कोई प्रामाणिक अध्ययन न हो, जीएम की स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि मंच एक-दो दिन में सीएसई की रिपोर्ट पर अपना आधिकारिक वक्तव्य जारी करेगा।

बता दें कि सीएसई ने अपने अध्ययन में घरेलू और आयातित खाद्य उत्पादों के सैंपल में जीएम की मौजूदगी का पता लगाया है। कुल 65 सैंपलों में 32 प्रतिशत जीएम पॉजिटिव पाए गए हैं। विदेशी उत्पादों के 80 प्रतिशत सैंपल जीएम पॉजिटिव पाए गए हैं। शिशु आहार तक में जीएम के अंश मिले हैं। उल्लेखनीय है कि भारत में किसी भी जीएम खाद्य उत्पाद का उत्पादन, आयात और बिक्री स्वीकृत नहीं है।

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