बारिश से बढ़ सकता है टिड्डी दल का हमला, बुआई प्रभावित

टिड्डियों का खतरा अक्टूबर तक बने रहने का अंदेशा है। इस पर काबू के लिए 17 जुलाई को पाकिस्तान के साथ बातचीत होगी

On: Thursday 04 July 2019
 
राजस्थान के बाड़मेर में ऐसी टिड्डियों का हमला हुआ है। फोटो: प्रेम सिंह राठौड़

प्रेम सिंह राठौड़

बाड़मेर जिले में टिड्डी को लेकर खतरा बढ़ गया है। बॉर्डर से 80 किमी दूर गांवों में इसकी उपस्थिति से द्वीफसली इलाकों तक इनके पहुंचने की आशंका है। बाड़मेर जिले में टिड्डी को लेकर जिला प्रशासन एवं टिड्डी चेतावनी संगठन हाई अलर्ट पर है। टिड्डी चेतावनी संगठन को दो अतिरिक्त वाहन दिए गए है।

जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि टिड्डी नियंत्रण की स्थिति में है। टिड्डी चेतावनी संगठन की वाहन एवं जरूरत पूरी की गई है। प्रशासनिक अधिकारियों को टिड्डी दिखाई देते ही सूचना देने के निर्देश दिए गए है।  इधर, बॉर्डर पर बारिश होने से टिड्डी दल के हमले के लिए अनुकूल वातावरण बना हुआ है। यहां अक्टूबर माह तक इनके हमले का खतरा बना रहेगा।

दूसरी ओर पाकिस्तान में चार पहिया वाहनों पर स्प्रे मशीनों की तादाद कम होने से हवाई स्प्रे किया जा रहा है, लेकिन इन्फेक्टिव स्प्रे नहीं होने से वहां अंडों से लगातार टिड्डिया बाहर आ रही है। पाकिस्तान के साथ 17 जुलाई को खोखरापार में होने वाली बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। बाड़मेर जैसलमेर में मौजूदा समय में पीले रंग की टिड्डिया है। यह खाना अधिक नहीं खाती है, लेकिन अंडे अधिक देने से खतरनाक मानी जा रही है। इससे यहां बुआई प्रभावित हो रही है।

जिला कलेक्टर जैसलमेर ने आज टिड्डी प्रभावित इलाकों का भृमण कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को सतर्क रहकर टिड्डी दलों पर नजर रखने व लगातार छिड़काव व अन्य उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने टिड्डी नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों के साथ प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट जिला मुख्यालय पर भेजने के निर्देश दिए।

फोटो: प्रेम सिंह राठौड़

बाड़मेर जिले में टिड्डी दल के हमले से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए है। मौजूदा समय में टिड्डी नियंत्रण में है। इनकी रोकथाम के लिए रामसर, गडरारोड़ एवं गुड़ामालानी तहसील के विभिन्न राजस्व गांवों में 325 हैक्टेयर में कीटनाशक का छिड़काव किया गया है।

जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि टिडडी चेतावनी संगठन की ओर से तीन अतिरिक्त बोलेरो केम्पर की मांग की गई थी। यह वाहन कृषि विभाग जोधपुर के संयुक्त निदेशक की ओर से स्वीकृति के उपरांत उपलब्ध करा दिए गए है। टिड्डी के सर्वेक्षण के लिए जिले में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कार्यशाला आयोजित कर टिड्डी के जीवन चक्र के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

इधर, कृषि विभाग के उप निदेशक किशोरीलाल वर्मा ने बताया कि मौजूदा समय में टिड्डी नियंत्रण में हैं तथा किसी भी फसल को कोई नुकसान नहीं है। जिले में सर्वेक्षण का कार्य जारी है। उनके मुताबिक शिव क्षेत्र में देवका ग्राम पंचायत में देवगिरी डूंगरी के पास चतरसिंह की ढाणी में टिड्डी नियंत्रण कार्य चल रहा है। वहीं रामसर के बूठिया में जुम्मा फकीर की बस्ती मंे दुबारा स्प्रे करवाया जा रहा है। उप निदेशक वर्मा ने बताया कि टिड्डी चेतावनी संगठन के पास टिड्डी दलों की रोकथाम के लिए पर्याप्त तादाद में वाहन उपलब्ध है।

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