फसलों को फंगल से बचाएगा यह केमिकल: रिसर्च

अभी जो केमिकल इस्तेमाल होता है, एक समय बाद वह नए फंगल पर काम करना बंद कर देता है और ये केमिकल नुकसानदायक भी होते हैं

By Dayanidhi

On: Friday 03 April 2020
 

कवक (फंगल) रोग की वजह से दुनिया भर में फसलों को बहुत नुकसान पहुंचता है। इससे बचने के लिए अभी एंटी-फंगल केमिकल का छिड़काव किया जाता है। लेकिन अकसर यह देखा गया है कि एक समय बाद नए फंगल पर पुराने केमिकल का असर नहीं होता, इसलिए नए-नए कवकनाशक रसायनों को लगातार बनाने की आवश्यकता होती है।

प्रोफेसर गैरो स्टेनबर्ग के नेतृत्व में ब्रिटेन स्थित एक्सेटर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने नए केमिकल की खोज की है, जो फसलों को नुकसान पहुंचाए बिना फंगल को खत्म कर देता है। यह शोध नेचर कम्युनिकेशंस नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

इस नए केमिकल को मोनो-अल्काइल चेन लिपोफिलिक (एमएएलसीएस) नाम दिया गया है। इससे  गेहूं और चावल में लगने वाली बीमारी 'सेप्टोरिया ट्रिटीकी ब्लाट' से बचा जा सकता है।

वैज्ञानिकों के द्वारा खोजा गया नया रसायन एमएएलसीएस फंगल के नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधि (माइटोकॉन्ड्रिया) को रोकता है। यह केमिकल माइटोकॉन्ड्रिया में एक आवश्यक मार्ग को रोक देता है और सेलुलर ऊर्जा की आपूर्ति में कटौती कर देता है, जिसके चलते रोगाणु मर जाते हैं।

शोधकर्ताओं ने इस केमिकल के एक और अधिक प्रभावी रसायन को सी18-एसएमई2+ नाम दिया है। सी18-एसएमई2+ माइटोकॉन्ड्रिया के अंदर आक्रामक अणुओं को उत्पन्न करता है, ये अणु रोग पैदा करने वाले फंगल को मार देता है।

क्सेटर के शोधकर्ताओं ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सी18-एसएमई2+ पौधों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है और अन्य स्प्रे की तुलना में बहुत कम विषैला है।

प्रोफेसर सारा गूर ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण अध्ययन है, क्योंकि आज फंगल के कारण पौधों की बीमारी के बढ़ रही है, इससे कई देशों में लोगों के खाने का इंतजाम नहीं हो पा रहा है। हमारी चुनौती केवल यह नहीं थी कि नए एंटीफंगल की खोज करनी है। बल्कि हम यह भी सुनिश्चित करना चाहते थे कि फंगल के खिलाफ ऐसा शक्तिशाली  केमिकल न तैयार किया जाए, जिससे पौधों, वन्यजीवों या इंसानों को नुकसान पहुंचे। 

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