वायु प्रदूषण आपको आक्रामक बना सकता है: अध्ययन

वैज्ञानिकों ने प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद होने वाली हिंसक घटनाओं का आकलन करने के बाद पाया कि प्रदूषण बढ़ने के बाद हिंसक घटनाएं भी बढ़ जाती हैं 

By Dayanidhi

On: Friday 04 October 2019
 
Photo: Vikas Choudhary

प्रदूषित हवा में सांस लेने से आप बीमार हो सकते हैं। लेकिन नए शोध के अनुसार, यह आपको अधिक आक्रामक भी बना सकता है। हाल ही में कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला है।

कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा अर्थशास्त्र, वायुमंडलीय विज्ञान और सांख्यिकी में अध्ययन के एक समूह से यह निष्कर्ष निकला है। टीम ने महाद्वीपीय संयुक्त राज्य अमेरिका में बढ़े हुए हमले और अन्य हिंसक अपराधों के रूप में वायु प्रदूषण से व्यवहार पर पड़ने वाले प्रभाव के बीच मजबूत संबंध होने का दावा किया है। दैनिक फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन अपराध के आठ साल के आंकड़ों और दैनिक अमेरिकी वायु प्रदूषण के विस्तृत नक्शे से प्राप्त परिणाम, जर्नल ऑफ़ एनवायर्नमेंटल इकोनॉमिक्स एंड मैनेजमेंट में प्रकाशित किए गए हैं।

अध्ययन के प्रमुख जेसी बुर्कहार्ट, कृषि और संसाधन अर्थशास्त्र विभाग में सहायक प्रोफेसर हैं, जिन्होंने साथी अर्थशास्त्री जुडबहम के साथ मिलकर अध्ययन किया है। एंडर विल्सन सांख्यिकी विभाग में हैं, सिविल इंजीनियरिंग और वायुमंडलीय विज्ञान विभाग में कई अन्य वायु प्रदूषण विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने इस अध्ययन को अंजाम तक पहुंचाया है।

सीएसयू शोधकर्ताओं ने तीन अत्यधिक विस्तृत डेटासेट का विश्लेषण किया है: जिसमें एफबीआई द्वारा रोज तैयार किए जाने वाले आपराधिक गतिविधि के आंकडे़, अमेरिकी एनवायर्नमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी मॉनीटर्स द्वारा 2006-2013 तक के रोज एकत्र किए गए काउंटी-स्तरीय वायु प्रदूषण के आकंड़े, और नैशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के हैज़र्ड मैपिंग सिस्टम द्वारा प्रदान की गई उपग्रह चित्र से जंगल की आग और धुएं के आंकड़ों पर रोज जुटाए गए आंकड़े शामिल हैं।

वायु प्रदूषण को वैज्ञानिक आम तौर पर ओजोन की सांद्रता, "पीएम 2.5," (जो 2.5 माइक्रोन व्यास के या उससे छोटे कण होते हैं ये सांस के द्वारा हमारे शरीर में चले जाते है) के माध्यम से प्रदूषण की दरों को मापते हैं, जो स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। एफबीआई द्वारा "हिंसक" माने जाने वाले अपराधों में से 83 फीसदी अपराध डेटाबेस में हमले के रूप में वर्गीकृत किए जाते हैं।

शोधकर्ताओं ने अध्ययन में यह जानने के कोशिश की कि, क्या अपराध घर के अंदर हुए थे या बाहर हुए थे, उन्होंने पाया कि 56 फीसदी हिंसक अपराध और 60 फीसदी हमले घर के भीतर हुए थे, जो इस बात का संकेत दते है ऐसे कई अपराध घरेलू हिंसा से जुड़े होते हैं।

शोध के परिणाम बताते हैं कि पीएम 2.5 के लिए एक ही दिन में 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक-मीटर की वृद्धि से हिंसक अपराधों में 1.4 फीसदी की वृद्धि होती है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि ओजोन में एक ही दिन में 0.01 प्रति मिलियन की वृद्धि के कारण हिंसक अपराधों में 0.97 फीसदी की वृद्धि हुई, या हमलों में 1.15 फीसदी की वृद्धि हुई है।

अध्ययन के सहायक, बेहम ने कहा हम उन अपराधों के बारे में भी बात कर रहे हैं जो शारीरिक नहीं हैं - आप किसी पर मौखिक हमला भी कर सकते हैं। आशय है कि जब आप अधिक प्रदूषण के संपर्क में होते हैं, तो आप थोड़े अधिक आक्रामक हो जाते हैं, इसलिए कुछ चीजें जो नहीं होनी चाहिए वो भी हो जाती हैं।

शोधकर्ताओं ने बताया कि प्रदूषण के संपर्क में आने से कोई कैसे अधिक आक्रामक हो जाता है, उनके परिणाम केवल अपराधों और वायु प्रदूषण के स्तर के बीच एक मजबूत संबंध बताते हैं। सह अध्ययनकर्ता जेफ पियर्स, एटॉमिक साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर ने बताया कि उपकरण जिसने प्रदूषण डेटा के साथ अपराध डेटा की तुलना की थी, मूल रूप से वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य प्रभावों का अध्ययन करने के लिए सीएसयू महामारी विज्ञान विशेषज्ञ शेरिल मैजमैन के सहयोग से इस्तेमाल किया गया था।

अर्थशास्त्रियों ने गणना की कि यदि रोज पीएम 2.5 में 10 फीसदी की कमी आती है तो प्रति वर्ष अपराध की लागत में 1.1 मिलियन डॉलर बचाया जा सकता है, जिसे उन्होंने "प्रदूषण से पहले की अनदेखी लागत" कहा है।

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