जानवरों के व्यवहार को बदल रहा है जलवायु परिवर्तन

अध्ययन में शामिल सभी जीवों के व्यवहार के लक्षण - आक्रामकता, गतिविधि, साहस, सामाजिकता, इंसानों द्वारा लाए गए पर्यावरणीय बदलाव के कारण बदल गए हैं

By Dayanidhi

On: Thursday 28 October 2021
 
फोटो : विकिमीडिया कॉमन्स

दुनिया भर की नजर ग्लासगो में होने वाले 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन या कॉप-26 पर है। वहीं अभी तक देशों द्वारा मानवजनित जलवायु में हो रहे बदलाव को रोकने के बहुत कम प्रयास किए हैं। जिसके चलते आज न केवल इंसान अपितु हर किसी पर जलवायु परिवर्तन का असर देखा जा सकता है।

अब शोधकर्ताओं ने 100 से अधिक जानवरों की प्रजातियों के व्यवहार के बारे में पता लगाने के लिए आंकड़े एकत्र किए। आंकड़ों की मदद से इस बात की जांच की गई कि जीवों के कौन से व्यवहार संबंधी लक्षण हैं, जिनमें मानवजनित जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक बदलाव देखे जा रहे हैं। जानवरों में कौन से मानवजनित परिवर्तन आए हैं जिनका वे मुकाबला कर रहे हैं।

अध्ययन में जीवों के सबसे बड़े से लेकर सबसे छोटे समूह तक शामिल हैं। इनमें मछली, पक्षी, क्रस्टेशियंस और स्तनधारी के अलावा, कीड़े, उभयचर और छिपकलियों को भी इसमें शामिल किया गया था। यह अध्ययन हेलसिंकी विश्वविद्यालय और लैंकेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की अगुवाई में किया गया है।

अध्ययन में शामिल सभी जीवों के व्यवहार लक्षण - आक्रामकता, गतिविधि, साहस, सामाजिकता और इंसानों द्वारा लाए गए पर्यावरणीय बदलाव के कारण स्पष्ट रूप से बदल गए हैं।

हेलसिंकी विश्वविद्यालय के जैविक और पर्यावरण विज्ञान संकाय से पोस्ट डॉक्टरल शोधकर्ता पेट्री निमेला कहते हैं कि सबसे बड़े बदलावों में जानवरों के अपने वातावरण में लगातार ढूढते रहने संबंधी गतिविधि में देखा गया। पर्यावरण में बदलाव के सभी रूपों के लिए जानवरों की एक मजबूत प्रतिक्रिया पाई गई है। लेकिन जलवायु परिवर्तन ने जानवरों के व्यवहार में सबसे बड़ा बदलाव किया है।

जलवायु परिवर्तन के अलावा, मॉडलिंग में शामिल मानवजनित जलवायु परिवर्तन के अन्य रूप में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा का बढ़ना शामिल है। साथ ही पोषक तत्वों के स्तर, विदेशी प्रजातियों और अन्य जैविक परिवर्तनों के साथ-साथ प्रत्यक्ष मानव प्रभाव में होने वाले परिवर्तन शामिल थे, उदाहरण के लिए, शहरीकरण या अन्य मानवीय गड़बड़ियां।

गतिविधि या अन्य व्यवहार में परिवर्तन अक्सर जलवायु परिवर्तन से प्रेरित जानवरों में शुरुआती बदलाव हो सकता है।

व्यवहार परिवर्तन एक बफर के रूप में काम कर सकता है, जिसके साथ जानवर पर्यावरण में होने वाले बदलावों के तत्काल बुरे प्रभावों से बचते हैं। उदाहरण के लिए, इस तरह के परिवर्तन प्रजनन की सफलता में कमी या पर्यावरणीय परिवर्तन के कारण मृत्यु दर में वृद्धि की भरपाई कर सकते हैं। अपने व्यवहार को बदलकर, बदलते परिवेश में जानवर भी अधिक सचेत रह सकते हैं।    

हेलसिंकी विश्वविद्यालय और लैंकेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक हजार से अधिक विद्वानों, सहकर्मी-समीक्षा, प्रकाशनों के सर्वेक्षण पर आधारित अध्ययन किया। जिसमें से विश्लेषण के लिए आवश्यक आंकड़े सौ से अधिक जानवरों की प्रजातियों पर एकत्र किए गए थे। यह अध्ययन अंतरराष्ट्रीय ओइकोस जर्नल श्रृंखला में एक ओपन-एक्सेस प्रकाशन के रूप में प्रकाशित हुआ है। 

Subscribe to our daily hindi newsletter