कॉप-26: ग्लासगो की सड़कों पर उतर कर युवाओं ने की जलवायु कार्रवाई की मांग

ग्लासगो में चल रहे कॉप-26 के पांचवे दिन युवाओं ने सड़कों पर उतर कर जलवायु न्याय की मांग की

By DTE Staff

On: Saturday 06 November 2021
 
ग्लासगो की सड़कों पर उतरे युवा। Photo: https://twitter.com/GretaThunberg

स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो शहर में चल रहे संयुक्त राष्ट्र के जलवायु सम्मेलन (कॉप26) के पांचवां दिन युवाओं को समर्पित रहा।

हर शुक्रवार को दुनिया भर में प्रदर्शन करने वाले छात्र 5 नवंबर को ग्लासगो में जुटे। ये युवा छात्र नारे लगा रहे थे, “हम क्या चाहते हैं? जलवायु न्याय! हम यह कब चाहते हैं? अभी!”

इस मार्च का आयोजन फाइड्रेज फॉर फ्यूचर नामक अभियान ने किया। गौरतलब है कि इस इस अभियान की शुरुआत स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने की थी।

इन युवाओं ने ग्लासगो में जुटे विश्व भर के नेताओं को आगाह किया कि संसाधनों का दोहन बन्द कीजिये और कार्बन को भूमि में ही रहने दीजिए।

लातिन-अमेरिकी आदिवासी नेताओं भी प्रदर्शन में शामिल हुए। आदिवासी नेताओं ने कहा, जलवायु परिवर्तन की वजह से आदिवासी बाढ़ का सामना कर रहे हैं। उनके घर तबाह हो रहे हैं, भोजन, पुल, फसलें सभी कुछ नष्ट हो रहा है।

इस मौके पर ग्रेटा थनबर्ग ने कहा कि 26 वर्षों के जलवायु सम्मेलनों के बावजूद अब तक कुछ खास परिणाम नहीं निकले हैं। बल्कि कॉप बैठकों के दौरान जो वादे किए जाते हैं, उन वादों का क्या होता है, यह भी पता नहीं चलता।

ग्रेटा ने कहा कि नेता अपने लिए ऐसे रास्ते तैयार कर रहे हैं, जिनसे उन्हें फायदा होता रहे और विनाशकारी तंत्र से उन्हें मुनाफा मिलता रहे।

“प्रकृति व लोगों का दोहन और मौजूदा व भावी जीवन की परिस्थितियों की तबाही जारी रखने के लिये, नेताओं द्वारा किये जाने वाला यह एक सक्रिय चयन है.”

युवा जलवायु कार्यकर्ताओं ने कॉप अध्यक्ष और अन्य नेताओं को एक वक्तव्य भी सौंपा। 40 हजार से अधिक युवाओं ने इस वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसमें नेताओं से बदलाव की मांग की गई है और मौजूदा परिस्थितियों पर चिंता जताई गई।

इस वक्तव्य में जलवायु वित्त पोषण, परिवहन, वन्य जीव रक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिये कार्रवाई की अपील की गई। 

Subscribe to our daily hindi newsletter