कॉप 27: 2100 तक हर साल 90 हजार यूरोपीय लोगों की जान ले सकती है 'लू': ईईए

यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी के मुताबिक 1980 से 2020 के बीच अत्यधिक गर्मी से करीब 1,29,000 यूरोपीय लोगों की मौत हुई

By Dayanidhi

On: Thursday 10 November 2022
 
फोटो:यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी (ईईए) रिपोर्ट

बदलती जलवायु के कारण चरम मौसम की घटनाएं, जैसे विनाशकारी बाढ़, जंगल की आग या भीषण और लंबे समय तक चलने वाली लू की घटनाएं अब अधिक आम हो गई हैं।

जलवायु परिवर्तन के इन बढ़ते खतरों का सबसे अधिक असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। जलवायु में बदलाव को कम करने के प्रयासों को तेज करने के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के प्रति अनुकूलन अति आवश्यक है।

यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी (ईईए ) की रिपोर्ट के मुताबिक अगर जलवायु में बदलाव को लेकर कुछ नहीं किया गया, तो सदी के अंत तक हर साल 90,000 यूरोपीय लोगों की मौत हो सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुकूलन उपायों के बिना और 2100 तक तापमान में 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी के परिदृश्य के तहत, 90,000 यूरोपीय लोग सालाना अत्यधिक गर्मी के कारण मौत के मुंह में जा सकते हैं। वहीं तापमान के 1.5 डिग्री सेल्सियस पर रहने से सालाना 30,000 तक मौतें कम की जा सकती  हैं।

देशों ने पूर्व-औद्योगिक स्तरों से बढ़ते तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का संकल्प लिया है, दुनिया भर में वर्तमान उत्सर्जन को देखते हुए इस लक्ष्य पर टिक पाना असंभव है।

यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी ने बीमा के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 1980 से  2020 के बीच अत्यधिक गर्मी से करीब 1,29,000 यूरोपीय लोगों की मौत हुई।

लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण लगातार बढ़ती गर्मी, बढ़ती आबादी और अंधाधुंध शहरीकरण के कारण आने वाले वर्षों में इस आंकड़े के बढ़ने की आशंका है, खासकर महाद्वीप के दक्षिण हिस्सों में ऐसा हो सकता है।

वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कॉप 27 जलवायु वार्ता के दौरान कहा कि गर्म मौसम के कारण यूरोप में इस साल अब तक कम से कम 15,000 लोगों की मौत हो चुकी है।

रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से जून से अगस्त के तीन महीने यूरोप में सबसे गर्म थे और असाधारण रूप से उच्च तापमान ने मध्य युग के बाद से महाद्वीप को सबसे भीषण सूखे की और धकेल दिया

गर्मी के खतरे से परे, ईईए ने कहा, जलवायु परिवर्तन यूरोप को मलेरिया और डेंगू बुखार जैसे मच्छरों के काटने से फैलने वाले संक्रामक रोगों के लिए भी अधिक प्रवण बना सकता है।

बाल्टिक सागर के तट पर समुद्र का गर्म होता पानी हैजा फैलाने वाले बैक्टीरिया के लिए तेजी से उपयुक्त होता जा रहा है।

ईईए ने कहा कार्रवाई करने से यूरोप को लेकर बहुत अधिक तापमान से जुड़ी लगभग सभी मौतों को रोका जा सकता है।

गर्मी से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करने के लिए प्रभावी गर्मी स्वास्थ्य कार्य योजनाओं, शहरी हरियाली, उपयुक्त भवन डिजाइन और निर्माण कार्य समय तथा परिस्थितियों को समायोजित करने सहित समाधानों की एक बड़ी श्रृंखला को लागू करने की आवश्यकता है।

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