संसद में आज: बदलती जलवायु के कारण 2100 तक गेहूं की उपज 6 से 25 फीसदी की गिरावट के आसार

पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल सम्मिश्रण का उपयोग करके दो पहिया वाहनों में लगभग 50 फीसदी और चार पहिया वाहनों में लगभग 30 फीसदी कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन में कमी का अनुमान

By Madhumita Paul, Dayanidhi

On: Monday 13 February 2023
 

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

समय-समय पर संबंधित मंत्रालयों द्वारा कृषि और अन्य क्षेत्रों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का आकलन किया जाता रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने भारतीय कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करने और उन्हें हल करने के लिए 2011 में एक नेटवर्क परियोजना, जलवायु अनुकूल कृषि में राष्ट्रीय नवाचार (एनआईसीआरए) की शुरुआत की थी।

एनआईसीआरए के तहत किए गए अध्ययनों के अनुसार, भारत में वर्षा आधारित चावल की पैदावार 2050 से 2080 में मामूली रूप से (2.5%) कम होने और 2050 में सिंचित चावल की पैदावार 7 फीसदी और 2080  तक के परिदृश्यों में 10 फीसदी  कम होने का अनुमान लगाया है। 2100 तक गेहूं की उपज 6 से 25 फीसदी और मक्का की उपज 18 से 23 फीसदी तक कम होने का अनुमान है।

उत्पादकता में वृद्धि (23 से 54 फीसदी) के साथ जलवायु परिवर्तन से काबुली चने की उपज में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इसके अलावा, तटीय आधार पर कमजोर, स्वास्थ्य, कृषि और जल जैसे क्षेत्रों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय मिशनों के तहत कई शोध और विकास परियोजनाओं का समर्थन किया गया है। इस बात की जानकारी आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में दी।

देश में असमानता

भारत में, आय के आधार पर विभाजन के आंकड़े केंद्रीय रूप से संकलित नहीं किए जाते हैं। हालांकि, राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) द्वारा एकत्र किए गए घरेलू उपभोग व्यय के आंकड़े का उपयोग, उपभोग व्यय के संदर्भ में आर्थिक असमानता का पता लगाने के लिए परोक्ष रूप में किया जा सकता है। 2011 और 12 में आयोजित अपने 68वें दौर में एनएसएसओ  द्वारा घरेलू उपभोक्ता व्यय पर किए गए बड़े नमूना सर्वेक्षण के नवीनतम आंकड़े एकत्र किए गए।

ग्रामीण क्षेत्रों में गिनी गुणांक (आबादी के विभिन्न व्यय वर्गों के बीच असमानता को मापना) 2004-05 और 2011-12 में क्रमशः 0.27 और 0.28 पर लगभग समान  रही।

शहरी क्षेत्रों में गिनी गुणांक 2004-05 में 0.35 से 2011-12 में 0.37 तक मामूली वृद्धि हुई । अगला घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण करने की प्रक्रिया अगस्त 2022 में शुरू की गई, यह आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बताया।

जोशीमठ में भू-धंसाव

जोशीमठ क्षेत्र में भू-धंसाव के प्रभाव को कम करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार सभी संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। भूमि-धंसाव के कारण, कई संरचनाओं को मध्यम से बड़ी क्षति होने की जानकारी मिली है। राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, 863 इमारतों में दरारें देखी गई हैं और लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, 995 सदस्यों वाले 296 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है,  यह आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में बताया।

चौबे ने बताया कि, उत्तराखण्ड सरकार ने प्रत्येक प्रभावित परिवार को पुनर्वास हेतु एक लाख रुपये अग्रिम एवं 50,000 रुपये विस्थापन भत्ता के भुगतान के आदेश जारी किये हैं। इसके लिये सरकार द्वारा 45 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं। 30.01.2023 तक, कुल 235 प्रभावित परिवारों को राहत सहायता के रूप में 3.50 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।

राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी आवास की व्यवस्था की है, जिसके लिए प्रति कमरा 950 रुपये प्रतिदिन और भोजन के लिए 450 रुपये प्रति व्यक्ति उपलब्ध कराया जा रहा है। जो लोग इन अस्थायी आवासों का लाभ नहीं उठा रहे हैं, उन प्रभावित परिवारों को छह महीने के लिए 5,000/- रुपये प्रति माह का भत्ता प्रदान किया जा रहा है। राहत शिविरों में प्रभावित लोगों को मुफ्त चिकित्सा जांच और मुफ्त दवाएं भी प्रदान की जा रही हैं।

पुराने वाहनों को नष्ट करना

2016 के एक अध्ययन का अनुमान है कि 2015 तक, 87 लाख से अधिक वाहन नष्ट किए जा चुके थे और यह संख्या 2025 तक बढ़कर 218 करोड़ हो जाएगी। सरकार केंद्रीय मोटर वाहन (संशोधन) नियम, 2021 के अनुपालन में नई प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) व्यवस्था लागू कर रही है, इस बात की जानकारी आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में दी।

स्वच्छ गंगा परियोजनाओं के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजीपी) के तहत गंगा नदी की सफाई पर खर्च की गई राशि

नमामि गंगे कार्यक्रम को गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों को फिर से जीवंत करने के लिए 31 मार्च, 2021 तक की अवधि के लिए जून 2014 में शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम को बाद में 31 मार्च, 2026 तक बढ़ा दिया गया।

भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजीपी) को वित्तीय वर्ष 2014-15 से 31 जनवरी 2023 तक कुल 14,084.72 करोड़ रुपये भारत सरकार द्वारा जारी किए गए, जिनमें से 13,607.18 करोड़ रुपये राज्य सरकारों के द्वारा एनएमसीजी के लिए जारी किए गए। यह आज जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने राज्यसभा में बताया।

सम्मिश्रण द्वारा कार्बन उत्सर्जन को कम करना

अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा 2020-25 तक भारत में इथेनॉल सम्मिश्रण के लिए योजना तैयार की गई है। ई शून्य (स्वच्छ पेट्रोल) की तुलना में  ई 20 (पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल सम्मिश्रण) का उपयोग करके दो पहिया वाहनों में लगभग 50 फीसदी और चार पहिया वाहनों में लगभग 30 फीसदी कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन में कमी का अनुमान लगाया  गया है। दोपहिया और यात्री कारों दोनों में हाइड्रोकार्बन उत्सर्जन में 20 फीसदी की कमी का अनुमान है, इस बात की जानकारी आज पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने राज्यसभा में दी।

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