बड़े तटीय शहरों की सीमा के अंदर 2 वर्ग किलोमीटर भूमि 2030 तक पानी में समा जाएगी
कुछ शहरों की सीमा के अंदर यदि बढ़ते समुद्र को रोकने के लिए उपाय नहीं किए गए तो लगभग 2 वर्ग किलोमीटर भूमि 2030 तक पानी के नीचे चली जाएगी
On: Thursday 22 September 2022
शोधकर्ताओं की एक टीम ने पाया कि कई बड़े तटीय शहरों के हिस्से समुद्र स्तर के बढ़ने की तुलना में तेजी से डूब रहे हैं। टीम ने दुनिया के 48 सबसे बड़े शहरों के हिस्सों को मापने के लिए उपग्रह-आधारित रडार का उपयोग कर इसका वर्णन किया है। ये वो शहर है जहां दुनिया की 20 प्रतिशत आबादी रहती है।
यह शोध नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी की एक टीम और ईटीएच ज्यूरिख के एक सहयोगी के साथ नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है।
पहले के शोध से पता चला है कि ग्लोबल वार्मिंग दुनिया भर में बर्फ पिघला रही है, जिससे समुद्र का स्तर बढ़ रहा है। समुद्र के स्तर में यह वृद्धि समुद्र के किनारों पर बसे शहरों और कस्बों के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है।
लेकिन कई शहरों को एक और समस्या का भी सामना करना पड़ता है, जो है भूमि का घटना, जिसमें भूजल या गैस को हटाने और इसके ऊपर की इमारतों के भारी वजन से भूमि धस जाती है।
इस नए प्रयास में, शोधकर्ताओं ने गौर किया कि डूबती भूमि के साथ बढ़ते समुद्र के स्तर के परिणामस्वरूप आने वाले वर्षों में तटीय शहरों के लिए बड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
समस्या कितनी बड़ी होगी इसके बारे में अधिक जानने के लिए, शोधकर्ताओं ने नासा के उपग्रहों से रडार के आंकड़ों का उपयोग और विश्लेषण किया जो दुनिया भर में भूमि की ऊंचाई को मापते हैं।
कुल मिलाकर, शोधकर्ताओं ने 2014 से 2020 तक दुनिया के सबसे बड़े शहरों में से 48 के लिए भूमि के घटने को मापा। उन्होंने पाया कि उन्होंने जिन शहरों का अध्ययन किया उनमें से लगभग सभी में कुछ हद तक भूमि घट रही थी। उनमें से 44 क्षेत्र ऐसे थे जो समुद्र की तुलना में तेज गति से डूब रहे थे।
शोधकर्ताओं का शोध के आधार पर मानना है कि समुद्र के जल स्तर के ऊपर उठने की तुलना में कई तटीय शहरों के हिस्से तेजी से डूब रहे हैं। उन्होंने बताया कि भूमि के सबसे तेजी से डूबने का खतरा एशिया के शहरों को है।
शोध से पता चला है कि समुद्र का स्तर लगभग 3.7 मिमी प्रति वर्ष की दर से बढ़ रहा है। अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ शहरों के कुछ हिस्सों में 20 मिमी प्रति वर्ष तक की दर से भूमि डूब रही है। उदाहरण के लिए हो ची मिन्ह सिटी की औसत दर 16.2 मिमी प्रति वर्ष थी।
उन्होंने रियो डी जनेरियो जैसे कुछ शहरों पर भी करीब से नजर डाली और पाया कि शहर की सीमा के अंदर यदि बढ़ते समुद्र को रोकने के लिए उपाय नहीं किए गए तो लगभग 2 वर्ग किलोमीटर भूमि 2030 तक पानी के नीचे चली जाएगी। यह शोध नेचर सस्टेनेबिलिटी नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।