जलवायु में बदलाव से पौधों की प्रजातियों के बीच पैदा हुई गड़बड़ी, वसंत ऋतु से पहले पौधे पर आए फूल

यह अध्ययन पौधों के विभिन्न समूहों के बीच गड़बड़ी पैदा करने वाले जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में बताता है

By Dayanidhi

On: Tuesday 22 November 2022
 
फोटो: विकिमीडिया कॉमन्स, डिकेंट्रा स्पेक्टेबिलिस

दुनिया भर में कई पौधे गर्म जलवायु के असर से प्रतिक्रिया कर रहे हैं और वसंत ऋतु से पहले ही उनसे पत्ते निकल रहे हैं और वे फूल रहे हैं। हालांकि, बेमेल तब हो सकते हैं जब प्रजातियां अलग-अलग दरों पर प्रतिक्रिया देती हैं, जिससे पारिस्थितिकी संबंधों में गड़बड़ी पैदा होती है।

एक नए अध्ययन में पाया गया कि पर्णपाती पेड़ और झाड़ियां देशी जंगली फूलों की प्रजातियों की तुलना में तेजी से बढ़ते तापमान के कारण अपने पत्तों को समय से पहले आगे बढ़ा रही हैं। इस बेमेल के कारण मूल जंगली फूलों के पौधों में गिरावट आ सकती है क्योंकि उन्हें वसंत में प्रकाश संश्लेषण के लिए धूप कम मिलती है।

कई वसंत में खिलने वाले देशी जंगली फूल अधिकांश प्रकाश संश्लेषण का संचालन करते हैं, इससे पहले कि बड़े पेड़ उनसे ऊपर बढ़कर उन पर छाया कर दें। प्रमुख अध्ययनकर्ता डॉ. तारा मिलर बताते हैं, जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, पेड़ और झाड़ियां सूर्य के प्रकाश को वर्ष की शुरुआत में पेड़ों के तल तक पहुंचने से रोक सकते हैं, जिससे देशी जंगली फूल के पौधों लिए सूर्य का पूरे प्रकाश के साथ प्रकाश संश्लेषण की अवधि कम हो जाती है।

यह अध्ययन पहले के अध्ययन जिसमें कॉनकॉर्ड, मैसाचुसेट्स में 1850 के दशक से हेनरी डेविड थोरौ से फूलों और पत्तियों के अवलोकन का उपयोग किया गया था, जो आधुनिक अवलोकनों के साथ जुड़ा है, यह दिखाने के लिए कि जंगली फूल के पौधों की तुलना में जलवायु परिवर्तन के प्रति कम प्रतिक्रियाशील हैं। वर्तमान अध्ययन उस पिछले अध्ययन के भौगोलिक दायरे का बहुत विस्तार करता है।

अध्ययन के आकलन में पूर्वी उत्तरी अमेरिका से 21 पौधों की प्रजातियां 3,000 से अधिक हर्बेरियम नमूनों का उपयोग किया गया जो समय से पहले फूल गईं। बढ़ते तापमान के लिए पौधों की प्रतिक्रिया निर्धारित करने के लिए पत्तियों के निकलने या फूलने के समय की तुलना ऐतिहासिक तापमान के आंकड़ों से की गई थी।

ठंडे वसंत के दौरान (मार्च से अप्रैल का औसत तापमान 32 डिग्री फारेनहाइट), देशी वन्य पौधों  से 15 दिन बाद फूल निकल जाते हैं। हालांकि, गर्म वसंत  (औसत 68 डिग्री फारेनहाइट) के दौरान, देशी जंगली फूलों के केवल 8 दिनों के बाद ही देशी पेड़ों की पत्तियां निकल जाती हैं, जिससे जंगली फूलों के पौधों को पूर्ण सूर्य के प्रकाश के साथ प्रकाश संश्लेषण के लिए लगभग आधा समय मिल जाता है।

डॉ. मेसन हेबरलिंग ने कहा कि बस कुछ दिनों के लिए सूर्य के प्रकाश की कमी का मतलब जंगली फूलों की कार्बन ऊर्जा आपूर्ति में भारी कमी होना है।

इसके अलावा, गर्म, दक्षिणी भाग में देशी पेड़ और जंगली फूल के पौधों से ठंडे, उत्तरी स्थानों की तुलना में तेजी से पत्ते निकलने और फूलने के समय को आगे बढ़ाते हैं।

डॉ.सारा कुएबिंग बताते हैं कि दक्षिण-पूर्व अमेरिका में बेमेल अधिक देखा गया, जहां देशी फूलों के पौधों से पहले छाया होने के आसार हैं।

देशी और गैर-देशी झाड़ियों ने भी अपने पत्तों को बाहर निकालने और फूलों के समय को देशी जंगली फूलों की तुलना में तेजी से आगे बढ़ाया, जो संभावित रूप से देशी जंगली फूलों के लिए छाया होने का खतरा पैदा करता है।

यह शोध स्थानीय इलाकों में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और अधिक प्रजातियों की विविधता का अध्ययन करने में नए उपलब्ध डिजिटल हरबेरियम नमूनों के महत्व को दर्शाता है।

यह अध्ययन पौधों के विभिन्न समूहों के बीच बेमेल होने के कारण जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर प्रकाश डालता है।

अध्ययनकर्ताओं, भूमि प्रबंधकों और जंगली फूलों पर काम करने वाले लोगों के लिए सुझाव प्रदान करते हैं, जो देशी जंगली फूलों के संरक्षण के लिए ऊंचे पेड़ों और झाड़ीदार पेड़ों, गैर-देशी प्रजातियों को हटाने और उत्तर में दुर्लभ जंगली फूलों के पेड़ों को लगाने जैसे कदमों पर विचार कर सकते हैं। यह शोध जर्नल ऑफ इकोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।

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