गर्म होती जलवायु के कारण पूर्वी एशिया में नदियां बढ़ा रही हैं बारिश की चरम घटनाएं

बदलती जलवायु में यह समझना जरूरी है कि भविष्य में चरम घटनाओं का विकास किस तरह हो रहा है

By Dayanidhi

On: Tuesday 25 January 2022
 

ग्लोबल वार्मिंग का मतलब केवल गर्मी बढ़ने से नहीं है, बल्कि इसके कई और नुकसान भी हैं। त्सुकुबा विश्वविद्यालय की अगुवाई में शोधकर्ताओं की टीम ने पूर्वी एशिया में "वायुमंडलीय नदियां" नामक मौसम संबंधी घटना के कारण अधिक लगातार और गंभीर चरम वर्षा की घटनाओं का अनुमान लगाया है।

जैसा कि नाम से पता चलता है, वायुमंडलीय नदियां वायुमंडल से बहने वाली केंद्रित जल वाष्प की लंबी, संकरी धारियां हैं। जब इनमें से कोई एक मुड़ी हुई पर्वत श्रृंखला जैसे अवरोध से टकराता है, तो यह अत्यधिक वर्षा या बर्फबारी पैदा कर सकता है।

पिछले दशक में पूर्वी एशिया के कुछ हिस्सों में अक्सर इस तरह की चरम घटनाओं ने नुकसान पहुंचाया है। यह समझना जरूरी है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं के किस तरह विकसित होने के आसार हैं, क्योंकि जलवायु में परिवर्तन जारी है।

प्रोफेसर योइची ने बताया कि गर्म होती जलवायु के तहत पूर्वी एशिया में वायुमंडलीय नदियों और अत्यधिक वर्षा के व्यवहार का पता लगाया है। इसके लिए उन्होंने उच्च-रिज़ॉल्यूशन वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण मॉडल सिमुलेशन के साथ-साथ क्षेत्रीय जलवायु मॉडल डाउनस्केलिंग सिमुलेशन का उपयोग किया।

उन्होंने कहा हमने 1951 से 2010 तक के ऐतिहासिक मौसम संबंधी आंकड़ों की तुलना भविष्य के सिमुलेशन के साथ किया। सिमुलेशन 2090 के मुताबिक जलवायु परिदृश्य के तहत की जबकि सतह की हवा के औसतन तापमान को 4 डिग्री सेल्सियस माना गया।


शोधकर्ताओं ने भविष्य के सिमुलेशन के आधार पर पूर्वानुमान लगाया जिससे पता चलता है कि जल वाष्प और वर्षा में लगातार वृद्धि होने के आसार हैं। आने वाले समय में पूर्वी एशिया के कुछ हिस्सों में अभूतपूर्व वर्षा की घटनाएं हो सकती हैं।

जापानी आल्प्स के दक्षिण-पश्चिमी ढलानों पर सबसे अधिक  वर्षा के साथ, जापान, कोरियाई प्रायद्वीप, ताइवान और उत्तरपूर्वी चीन सहित पूर्वी एशिया में पहाड़ों के दक्षिणी और पश्चिमी ढलानों पर वायुमंडलीय नदी से संबंधित वर्षा की मात्रा में भारी बढ़ोतरी हुई।

प्रोफेसर कामे कहते हैं कि हमारे निष्कर्ष मध्य अक्षांश के अन्य क्षेत्रों पर भी लागू हो सकते हैं, जहां वायुमंडलीय नदियों और खड़े पहाड़ों के परस्पर प्रभाव पश्चिमी उत्तरी अमेरिका और यूरोप जैसे वर्षा में एक प्रमुख भूमिका निभाती है। इन क्षेत्रों में भी जलवायु के गर्म होने पर अधिक लगातार और भारी वर्षा की घटनाएं हो सकती हैं। यह अध्ययन जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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