समुद्री हीट वेव से घटेगा मछली पकड़ने का 6 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सा, छिनेंगी लाखों नौकरियां: अध्ययन

अध्ययन में कहा गया है कि समुद्री हीट वेव के चलते 77 फीसदी खतरे वाली प्रजातियों में बायोमास या मछली की मात्रा में कमी आने अनुमान है।

By Dayanidhi

On: Tuesday 05 October 2021
 
फोटो : विकिमीडिया कॉमन्स

समुद्री मत्स्योद्योग दुनिया भर में खाद्य प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पोषक तत्व प्रदान करने के साथ-साथ इसके आर्थिक लाभ भी है। मत्स्योद्योग लोगों को रोजगार मुहैया कराता है। हाल के अंतरराष्ट्रीय आकलनों ने समुद्री पारिस्थितिक तंत्र और मत्स्य पालन पर जलवायु परिवर्तन के खराब प्रभावों पर प्रकाश डाला है। 

आकलन में कहा गया है कि इस सदी का अत्यधिक गर्म साल समुद्र में पकड़ने के लिए उपलब्ध सैकड़ों-हजारों टन मछलियों को गायब कर देगा। लंबी अवधि के जलवायु परिवर्तन से मछली के स्टॉक में अनुमानित कमी अपने उच्चतम स्तर पर होगी।

यूबीसी इंस्टीट्यूट फॉर द ओशन एंड फिशरीज (आईओएफ) के शोधकर्ताओं ने मछली, मत्स्य पालन और उन पर आश्रित लोगों, समुदायों के लिए जलवायु से संबंधित अनुमान लगाए हैं। इसमें आर्थिक क्षेत्रों में महासागर के बढ़ते वार्षिक तापमान को शामिल करते हुए एक जटिल मॉडल का उपयोग किया गया, जहां दुनिया भर में मछली पकड़ी जाती है।

सबसे खराब स्थिति के लिए मॉडल का उपयोग करते हुए, जहां ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। उन्होंने हर साल संभावित मछली पकड़ने की मात्रा में छह प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है। 77 फीसदी खतरे वाली प्रजातियों में बायोमास, या मछली की मात्रा में कमी का अनुमान है। यह गिरावट किसी दिए गए क्षेत्र में अत्यधिक गर्म वर्षों के कारण लंबी अवधि के दशकीय पैमाने पर जलवायु परिवर्तन के कारण अपने उच्चतम स्तर पर हैं।

क्या कहते हैं आंकड़े

प्रशांत कनाडा में 2000 से 2050 के बीच बढ़ते तापमान की घटना के चलते सॉकी सैल्मन मछली पकड़ने में औसतन 26 फीसदी की कमी होने का अनुमान है, जोकि प्रति वर्ष 260 से 520 टन मछली का नुकसान है। जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले नुकसान के साथ, जब 2050 के दशक में तापमान चरम पर होगा, तो साल भर में मछली पकड़ने में कुल 50 प्रतिशत से अधिक या 530 से 1060 टन मछली की कमी होगी।

2000 से 2050 के बीच अत्यधिक तापमान की घटना के दौरान पेरू के एंकोवेटा में मछली पकड़ने में 34 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है, या प्रति वर्ष 9 लाख टन से अधिक का नुकसान है। जलवायु परिवर्तन के साथ, पेरू के एंकोवेटा मत्स्य पालन को उनके मछली पकड़ने के 15 लाख टन से अधिक की लागत के लिए तापमान की चरम सीमा पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।

कुल मिलाकर, तापमान की चरम घटना के चलते पेरू की एंकोवेटा मत्स्य पालन के लिए वार्षिक राजस्व में 25 प्रतिशत की गिरावट या लगभग 60 करोड़ अमेरिकी डॉलर के नुकसान का अनुमान है।

जब 2000 से 2050 के बीच पानी का तापमान अत्यधिक चरम पर पहुंच जाएगा, तो इंडोनेशियाई मत्स्य-संबंधित क्षेत्र में लगभग 30 लाख नौकरियां छिन जाने का अनुमान है।

इन चरम घटनाओं और जलवायु परिवर्तन के कारण कुछ स्टॉक में वृद्धि होने का अनुमान है, लेकिन नुकसान को कम करने के लिए यह पर्याप्त नहीं है।

समुद्र के अत्यधिक तापमान की घटनाओं के दौरान और प्रत्येक दशक में अनुमानित तापमान में बदलाव के शीर्ष पर होने से, शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि विश्व स्तर पर मत्स्य पालन के राजस्व में औसतन तीन प्रतिशत और रोजगार में दो प्रतिशत की कटौती होगी, लाखों नौकरियों के  नुकसान होने की आशंका जताई गई है।

यूबीसी के महासागर और मत्स्य पालन संस्थान (आईओएफ) के प्रोफेसर और निदेशक प्रमुख अध्ययनकर्ता डॉ विलियम चेउंग ने कहा हम देखते हैं कि उन देशों में जहां मत्स्य पालन पहले से ही कमजोर है। समुद्र के गर्म होने और डीऑक्सीजनेशन जैसे लंबी अवधि के परिवर्तनों से, तापमान चरम सीमा तक बढ़ जाएगा, हो सकता है कि यह मत्स्य पालन की क्षमता से अधिक हो जाएगा।

बर्न विश्वविद्यालय के जलवायु और पर्यावरण भौतिक विभाग के प्रोफेसर, सह-अध्ययनकर्ता डॉ. थॉमस फ्रोलिचर कहते हैं, भविष्य में अत्यधिक तापमान की घटनाओं के अधिक बार होने का अनुमान है। आज की समुद्री गर्मी और मत्स्य पालन पर उनके गंभीर प्रभाव भविष्य के खतरे हैं क्योंकि ये घटनाएं गंभीर पर्यावरणीय परिस्थितियों को उत्पन्न कर रही हैं।

शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ क्षेत्र दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावित होंगे, जिसमें इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में ईईजेड, विशेष रूप से दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के आसपास के पानी और प्रशांत द्वीप समूह शामिल हैं। पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत क्षेत्र जो अमेरिका के प्रशांत तट के साथ चलता है और पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्र के कुछ देश इसमें शामिल है।

बांग्लादेश में जहां मत्स्य पालन से संबंधित क्षेत्र देश के एक-तिहाई कर्मचारियों को रोजगार देते हैं, अत्यधिक समुद्री गर्मी की घटना से देश की मत्स्य पालन नौकरियों में दो प्रतिशत से लगभग 10 लाख - 60 लाख से अधिक की कटौती के आसार हैं। यह 2050 तक लंबे समय तक जलवायु परिवर्तन के कारण नौकरियां छिन जाने का अनुमान है।

इक्वाडोर के लिए भी स्थिति समान रूप से गंभीर है, जहां अत्यधिक उच्च तापमान की घटनाओं से देश के मत्स्य राजस्व के अतिरिक्त 10 प्रतिशत, या लगभग 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का अनुमान है। जो कि 21वीं सदी के मध्य तक अपेक्षित 25 प्रतिशत की कमी के अपने सबसे उच्चतम स्तर पर है।

चेउंग ने कहा यह अध्ययन वास्तव में समुद्री तापमान की चरम सीमाओं से निपटने के तरीकों को तेजी से विकसित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। इन तापमान की चरम सीमाओं का अनुमान लगाना अक्सर मुश्किल होता है कि वे कब और कहां होते हैं, खासकर गर्म स्थानों में उनके मत्स्य पालन के लिए सटीक वैज्ञानिक पूर्वानुमान लगाना कठिन है। जब हम लंबे समय तक जलवायु परिवर्तन से निपटने की योजना बनाते हैं तो हमें उस अप्रत्याशित होने वाली घटनाओं पर विचार करने की आवश्यकता होती है।

चेउंग ने कहा कि सक्रिय मत्स्य प्रबंधन महत्वपूर्ण है। जलवायु में होने वाले बदलावों से निपटने तथा सालों में मछली पकड़ने के कोटे को समायोजित करना शामिल है जब मछली स्टॉक अत्यधिक तापमान की घटनाओं से पीड़ित होते हैं या गंभीर मामलों में, मत्स्य पालन को बंद करना ताकि स्टॉक का पुनर्निर्माण हो सके। चेउंग ने आगे जोड़ते हुए कहा हमें इससे निपटने के लिए तंत्र की आवश्यकता है। यह अध्ययन साइंस एडवांसेज में प्रकाशित हुआ है।

स्टैनफोर्ड सेंटर फॉर ओशन सॉल्यूशंस के प्रमुख वैज्ञानिक और सह-अध्ययनकर्ता डॉ. कोलेट वैबनिट्ज़ ने कहा इस तरह के जलवायु में हो रहे बदलावों के अनुकूल विकल्पों से प्रभावित लोगों के साथ काम करना महत्वपूर्ण होगा। क्योंकि कुछ निर्णय समुदायों की आजीविका, साथ ही साथ खाद्य और पोषण सुरक्षा पर भी असर डाल सकते हैं। हितधारक अलग-अलग हैं और इसमें न केवल उद्योग, बल्कि स्वदेशी समुदाय, छोटे पैमाने पर मत्स्य पालन करने वाले और अन्य शामिल हैं। उन्हें जलवायु परिवर्तन और समुद्री हीट वेव के प्रभावों के साथ-साथ समाधानों के डिजाइन और कार्यान्वयन के बारे में चर्चा में शामिल होना चाहिए।

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