अच्छी खबर: छोटा हो रहा है ओजोन छिद्र का आकार, वैज्ञानिकों ने किया खुलासा

वैज्ञानिकों ने कहा कि समय के साथ, लगातार प्रगति हो रही है और ओजोन छेद छोटा होता जा रहा है

By Dayanidhi

On: Friday 28 October 2022
 
फोटो : नासा, अंटार्कटिक ध्रुव पर कुल ओजोन के रंगों का दृश्य। बैंगनी और नीले रंग वे हैं जहां सबसे कम ओजोन है, पीले और लाल रंग वहां हैं जहां अधिक ओजोन है।

वैज्ञानिकों के अनुसार वार्षिक अंटार्कटिक ओजोन छिद्र 07 सितंबर से 13 अक्टूबर, 2022 के बीच 2.32 करोड़ वर्ग किलोमीटर की औसत क्षेत्र तक पहुंच गया। दक्षिणी ध्रुव पर ओजोन परत का यह क्षीण हुआ इलाका पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ा छोटा था और आम तौर पर हाल के वर्षों में छेद का आकार लगातार छोटा हो रहा है।

ओजोन छिद्र क्या है?
हर साल पिछले कुछ दशकों से दक्षिणी गोलार्ध के वसंत के दौरान, क्लोरीन और ब्रोमीन से जुड़ी रासायनिक प्रतिक्रियाओं के कारण दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में ओजोन तेजी से और खतरनाक तरीके से नष्ट हो जाती है। इस रिक्त क्षेत्र को "ओजोन छिद्र" के रूप में जाना जाता है। ओजोन छिद्र का क्षेत्रफल कुल ओजोन कॉलम के मानचित्र से निर्धारित होता है।

मैरीलैंड के ग्रीनबेल्ट में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में पृथ्वी विज्ञान के वैज्ञानिक पॉल न्यूमैन ने कहा कि समय के साथ, लगातार प्रगति हो रही है और छेद छोटा होता जा रहा है। उन्होंने बताया कि मौसम में बदलाव से इसमें कुछ उतार-चढ़ाव होते हैं और अन्य कारण संख्या को दिन-प्रतिदिन और सप्ताह-दर-सप्ताह थोड़ा कम करते हैं। लेकिन कुल मिलाकर, हम पिछले दो दशकों से इसे कम होते हुए देख रहे हैं। मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के माध्यम से ओजोन- घटाने वाले पदार्थों पर रोक लगने से छेद कम हो रहा है।

ओजोन परत - समताप मंडल का वह भाग जो धरती को सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचाता है। हर साल सितंबर के महीने में दक्षिणी ध्रुव के ऊपर एक "ओजोन छिद्र" बनने से परत कमजोर हो जाती है। वातावरण में क्लोरीन और ब्रोमीन के रासायनिक रूप से सक्रिय रूप, मानव-निर्मित यौगिकों से प्राप्त होते हैं, प्रत्येक दक्षिणी सर्दियों में अधिक ऊंचाई वाले ध्रुवीय बादलों से जुड़ते हैं। प्रतिक्रिया करने वाली क्लोरीन और ब्रोमीन तब ओजोन को नष्ट करने वाली प्रतिक्रियाएं शुरू करते हैं क्योंकि सूर्य अंटार्कटिका की सर्दियों के अंत में उगता है।

नासा और नेशनल ओशनिक एंड एटमोस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के शोधकर्ताओं ने ऑरा, सुओमी एनपीपी और एनओएए -20 उपग्रहों पर लगे  उपकरणों के साथ ओजोन छिद्र के विकास और नष्ट होने का पता लगाया और उसका माप लिया। 5 अक्टूबर, 2022 को, उन उपग्रहों ने 2.64 करोड़ वर्ग किलोमीटर का एक दिन का अधिकतम ओजोन छिद्र देखा गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ा बड़ा था।

जब ध्रुवीय सूरज उगता है, तो एनओएए वैज्ञानिक डॉबसन स्पेक्ट्रोफोटोमीटर के साथ भी माप लेते हैं, एक ऑप्टिकल उपकरण जो सतह और अंतरिक्ष के किनारे के बीच ओजोन की कुल मात्रा को रिकॉर्ड करता है, जिसे कुल कॉलम ओजोन मान के रूप में जाना जाता है। विश्व स्तर पर, कुल कॉलम औसत लगभग 300 डॉबसन इकाइयां हैं।

3 अक्टूबर, 2022 को, वैज्ञानिकों ने दक्षिणी ध्रुव पर 101 डॉबसन इकाइयों का न्यूनतम कुल-कॉलम ओजोन मान दर्ज किया। उस समय, 14 से 21 किलोमीटर के बीच की ऊंचाई पर ओजोन लगभग पूरी तरह से गायब थी जो कि पिछले साल के समान ही एक पैटर्न है।

क्या ज्वालामुखी के विस्फोट से ओजोन को नुकसान पहुंच सकता है?  

कुछ वैज्ञानिक जनवरी 2022 में हंगा टोंगा-हंगा हाआपाई ज्वालामुखी के विस्फोट से समताप मंडल पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में चिंतित थे। 1991 के माउंट पिनातुबो विस्फोट से पर्याप्त मात्रा में सल्फर डाइऑक्साइड निकली जिसने ओजोन परत की कमी को बढ़ा दिया। हालांकि, अंटार्कटिक समताप मंडल के आंकड़ों में हंगा टोंगा से कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पाया गया है।

ओजोन छिद्र क्या है? अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें

Subscribe to our daily hindi newsletter