मॉनसून से राजस्थान में फसल को भारी नुकसान, एमपी में सबसे अधिक मौतें
कभी बारिश न होने के कारण जहां सूखा पड़ता था, जलवायु परिवर्तन की वजह से वहां अब बाढ़ आने लगी है। इस बार यह सिलसिला काफी बढ़ गया और बाढ़ से राजस्थान को सबसे अधिक नुकसान हुआ
On: Thursday 21 November 2019
“राजस्थान में बाढ़” कहना अपने आप में एक हंसी का पात्र बनने के लिए काफी है। लेकिन डाउन टू अर्थ ने आज से दो साल पहले यानी सितंबर, 2017 में ही अपनी एक रिपोर्ट में यह कहा था, “राजस्थान का मरुस्थली इलाका असामान्य बारिश से जूझ रहा है। बाढ़ न केवल नियमित होती जा रही है बल्कि विनाशकारी रूप भी धर रही है।” अब इस बात को केंद्र सरकार ने भी मान ली है।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान 19 नवंबर,2019 को पूछे गए प्रश्न के जवाब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद ने बताया कि 2019 में मॉनसून के दौरान 1 जून से 14 नवंबर के बीच बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन के कारण 2391 लोगों की मौत हुई, जबकि 15729 पशुओं की मौत हुई। 8,00,067 मकान टूट गए और 63.975 हेक्टेयर फसलों का नुकसान हुआ।
मॉनसून की वजह से सबसे अधिक 674 लोगों की मौत हुई, लेकिन राजस्थान में सबसे अधिक फसलों का नुकसान हुआ है। यहां 27.36 हेक्टेयर में लगी फसल का नुकसान हुआ है, जबकि यहां 126 लोगों की मौत हुई और 28415 पशुओं की भी मौत हुई और 28415 मकान क्षतिग्रस्त हुए। मध्य प्रदेश में 6.04 लाख हेक्टेयर में बोई फसल मॉनसून के दौरान बर्बाद हो गई।
इस बात को ध्यान में रखते हुए गृह राज्य मंत्री ने बताया कि बाढ़ और वर्षा जनित आपदाओं के बाद भारत सरकार ने 19 अगस्त 2019 को निर्णय लिया हे कि इन आपदाओं से निपटने के लिए राजस्थान सहित 14 राज्यों में आईएमसीटी यानी अंतर मंत्रालयी केंद्रीय दल का गठन किया गया। इस दल की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित राज्य को आपदाओं से हुई क्षति का आंकलन किया जाता है।
डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट में कहा गया था कि पिछले 15 सालों से यहां बारिश 15 फीसदी की दर से बढ़ रही है। लेकिन 2016 में 849.2 मिमी तो यहां औसत से 300 फीसदी अधिक बारिश हुई। इस साल भी औसत से 200 फीसदी से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसका कारण है हवा के स्वरूप (विंड पैटर्न) में तेजी से बदलाव। यह क्षेत्र समुद्र से बहुत अधिक दूरी (यह दूरी लगभग 350 सौ किलोमीटर) पर नहीं है। इसके कारण वातावरण में तेजी से आर्द्रता आ रही है। मानसून का स्वरूप अब पश्चिम की ओर हो रहा है। इसकी वजह से इस पश्चिमी भाग में बहुत ज्यादा तूफान आ रहे हैं। यही नहीं इस इलाके के तापमान में भी तेजी से इजाफा हो रहा है।” इस वर्ष राजस्थान व गुजरात के शुष्क क्षेत्र में जून में भारी बारिश हुई। तब जयपुर के आपदा और राहत विभाग के सचिव हेमंत गेरा ने कहा कि इस साल पश्चिमी राजस्थान के पाली, सिरोही, जालौर, बाड़मेर सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित जिले हैं।
मॉनसून के दौरान किन राज्यों में हुई कितनी मौतें
राज्य मौतें
मध्य प्रदेश 674 लोग
महाराष्ट्र 253 लोग
प. बंगाल 227 लोग
गुजरात 195 लोग
उत्तर प्रदेश 133 लोग
राजस्थान 126 लोग
केरल 125 लोग
बिहार 133 लोग
असम 103 लोग
उत्तराखंड 80 लोग
कहां कितनी फसल हुई बर्बाद
राज्य नुकसान हेक्टेयर में
राजस्थान 27.36 लाख
कर्नाटक 9.35 लाख
मध्य प्रदेश 6.04 लाख
उत्तर प्रदेश 8.88 लाख
महाराष्ट्र 4.17 लाख
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