उड़ीसा जेएसडब्ल्यू स्टील प्लांट विवाद : गिरफ्तारियों और पुलिस की कार्रवाई से ढिंकिया में माहौल गरमाया

प्रदर्शनकारियों ने ओडिशा पुलिस और जेएसडब्ल्यू अधिकारियों के बीच गठजोड़ का आरोप लगाया है।   

By Ashis Senapati

On: Wednesday 22 December 2021
 

ओडिशा पुलिस ने बीस दिसंबर को जगतसिंहपुर जिले की ढिंकिया ग्राम पंचायत क्षेत्र में जिंदल साउथ वेस्ट यानी जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड की प्रस्तावित फैक्ट्री का विरोध कर रहे स्थानीय नेता देबेंद्र स्वैन के दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया। उन दोनों पर कई गांववालों को उकसाने का आरोप है।

 
गिरफ्तार किए जाने वाले लोगों में देबेंद्र के 73 साल के चाचा अयोध्या स्वैन और अयोध्या की 23 साल की बेटी मिली स्वैन शामिल है। पुलिस ने इन दोनों पर भारतीय दंड संहिता के तहत दंगा करने, गैरकानूनी तौर पर लोगों को इकट्ठा करने, अश्लील भाषा का इस्तेमाल करने, नुकसान पहुंचाना वाला उत्पात करने और आपराधिक धमकी जैसी धाराओं में केस दर्ज किया है।

अभयचंद्रपुर पुलिस स्टेशन के इंचार्ज इंस्पेक्टर जिबाननंदा जेना ने कहा कि उन दोनों पर ये धाराएं इसलिए लगाई गईं क्योंकि वे पुलिस को उकसा रहे थे, पुलिस के वाहनों को नुकसान पहुंचा रहे थे और उसे गांव में प्रवेश करने से रोक रहे थे।

उन्होंने कहा कि पुलिस पर 4 दिसंबर को भी उस समय हमला किया गया था, जब उसने फैक्ट्री के समर्थक गांववालों पर बम फेंकने के आरोप में कुछ लोगों को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी। उनके मुताबिक, ‘कई लोगों ने हम पर बीस दिसंबर को भी पत्थर फेंके थे।

गांववालों का गठजोड़ का आरोप

ढिंकिया के रहने वाले सांति दास ने पुलिस पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिसवालों ने महिलाओं और बच्चों समेत निर्दोष गांववालों पर हमला किया, जिसमें लकवा के शिकार 70 साल के लाकनाथ स्वैन को गंभीर चोटें आईं। प्रस्तावित प्लंाट का विरोध करने वालों में शामिल नित्यानंद स्वैन ने पुलिस और जेएसडब्ल्यू के अधिकारियों के बीच गठजोड़ का आरोप लगाया।

देबेंद्र स्वैन, जिदंल प्रतिरोध संग्राम समिति का नेतृत्व कर रहे हैं, जो प्रस्तावित साइट पर प्लांट का विरोध करने वालों का एकजुट मंच है। पहले यह जगह दक्षिण कोरिया की स्टील बनाने वाली कंपनी पॉस्को को दी जाने वाली थी।

राज्य के पंचायती राज और पेयजल विभाग ने जिले के पूर्व कलेक्टर की एक रिपोर्ट पर ‘सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सत्ता के जानबूझकर दुरुपयोग’ के कारण उन्हें 7 दिसंबर को पंचायत समिति के सदस्य के पद से हटा दिया था।

गिरफ्तारियों और पुलिस की कथित ज्यादतियों ने ढिंकिया, नुआगंाव और गडाकूजंग ग्राम पंचायतों में आक्रोश पैदा कर दिया है। विरोध के लिए बुलाई गई एक बैठक में तमाम महिलाओं, यहां तक कि बच्चों ने भी हिस्सा लिया।

13.2 मिलियन टन प्रति वर्ष की प्रस्तावित क्षमता वाले जेएसडब्ल्यू के संयंत्र के खिलाफ इन समुद्र तटीय गांवों के निवासी एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके  विरोध ने भूमि-अधिग्रहण में तेजी लाने की जिला प्रशासन के कोशिशों पर असर डाला है।

ढिंकिया के रहने वाले अक्षय दास ने बताया कि गांववालों ने 22 नवंबर को एक जनसुनवाई भी की थी। उनके मुताबिक, ‘राज्य सरकार पॉस्को, टाटा, एस्सार, मित्तल, जिंदल, आदि जैसे बड़े कॉरपोरेट घरानों के साथ समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना चाहती है। राज्य सरकार, व्यावहारिक रूप से उन्हें कम रॉयल्टी पर बंधुआ खदानों के रूप में सर्वश्रेष्ठ लौह अयस्क जमा करने का उपहार देना चाहती है लेकिन इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग इसके लिए प्रतिबद्ध हैं कि हम सरकार को जबरदस्ती ये जमीन नहीं लेने देंगे।’

जेएसडब्ल्यू ने 15 दिसंबर को इस प्रोजेक्ट से प्रभावित होने वाले लोगों के लिए मुआवजा पैकेज का ऐलान भी किया था, लेकिन लाभांवित होने वाले बहुत सारे लोगों को उसका ये प्रस्ताव ठीक नहीं लगा।

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