राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तरीय पर्यावरण योजनाओं को हर साल किया जाए अपडेट: एनजीटी

एनजीटी ने अपने 17 जनवरी, 2023 को दिए आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि देश में राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तरीय पर्यावरण योजनाओं को हर साल तैयार और अपडेट किया जाना चाहिए

By Susan Chacko, Lalit Maurya

On: Saturday 21 January 2023
 

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अपने 17 जनवरी, 2023 को दिए आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि देश में राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तरीय पर्यावरण योजनाओं को हर साल तैयार और अपडेट किया जाना चाहिए।  गौरतलब है कि जिला पर्यावरण योजनाओं को अपडेट और लागू करने के विषय पर एनजीटी के पहले के 8 फरवरी, 2022 को दिए आदेश के क्रम में यह निर्देश पारित किया गया है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस तरह का प्लान तैयार करने का निर्देश सबसे पहले कोर्ट ने 15 जुलाई 2019 को जारी किया था।

इस बारे में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी समिति द्वारा 10 अक्टूबर, 2022 को जारी रिपोर्ट में अदालत को योजनाओं की तैयारी के लिए उठाए गए कदमों और आगे की राह के बारे में जानकारी दी गई थी। रिपोर्ट में जिला पर्यावरण योजना (डीईपी) को तैयार करने के संबंध में बताया गया है कि 738 में से 640 जिलों के लिए योजना तैयार कर ली गई है। वहीं 98 जिलों के लिए योजनाएं अभी तैयार की जानी हैं।

ट्रिब्यूनल ने इन रिपोर्टों को देखने के बाद संतोष व्यक्त किया है। साथ ही संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सीपीसीबी की निगरानी समिति द्वारा जारी रिपोर्ट में उल्लिखित टिप्पणियों और सिफारिशों के आधार पर आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा है कि जिला पर्यावरण योजनाओं में विभिन्न विषयगत विषयों पर सभी प्रासंगिक आंकड़े शामिल होने चाहिए। इसमें प्रत्येक शहर, कस्बे और गांव को कवर करते हुए, पहचान की गई कमियों के साथ, उसे दूर करने की अनुमानित लागत, अपेक्षित बजटीय सहायता के साथ जरूरी कार्रवाई के लिए योजना का भी विवरण होना चाहिए।

कोर्ट ने शेष 98 जिलों के संबंध में 31 दिसंबर की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार जिला योजनाओं को शीघ्रता से अंतिम रूप देने की बात कही है। इसके लिए कोर्ट ने ज्यादा से ज्यादा तीन महीनों का समय दिया है। आदेश में कहा है कि सीपीसीबी को संबंधित राज्यों के साथ मिलकर इसका पालन किया जाना चाहिए। साथ ही इस कार्य योजना में कितनी प्रगति हुई इस बारे में जानकारी हर वर्ष 31 जनवरी तक वेबसाइट पर प्रकाशित की जानी चाहिए।

इसी तरह, कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जिला पर्यावरण योजनाओं या अन्य प्रासंगिक आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए राज्य पर्यावरण योजना को हर साल 28 फरवरी तक अंतिम रूप दिया जाना चाहिए और इससे संबंधित जानकारी राज्य की वेबसाइटों पर रखी जाना चाहिए।

इसके बाद सीपीसीबी किसी अन्य मंत्रालय या प्राधिकरण के साथ मिलकर हर साल 31 मार्च तक राज्य पर्यावरण योजनाओं के आधार पर एक संयुक्त योजना तैयार करेगा और उसे अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा। यह संयुक्त राष्ट्रीय योजना भी हर साल 30 अप्रैल तक ट्रिब्यूनल के रजिस्ट्रार जनरल के पास दायर की जा सकती है।

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