छत्तीसगढ़ में सरकार ने मजदूरों के पलायन पर बरती सख्ती, बस सेवा बंद, अवैध पलायन की हो रही निगरानी
छत्तीसगढ़ से महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, झारखंड, बंगाल जैसे सीमावर्ती राज्यों में मजदूरों का पलायन होता है सरकार ने इसे रोकने के लिए इंटर स्टेट बस सेवा भी बंद कर दी है
On: Tuesday 24 March 2020
कई दिनों से बेरोजगार घर पर बैठे महासमुंद और गरियाबंद जिले के 76 मजदूर एकसाथ उत्तरप्रदेश जाने के लिए निकले। ये सभी मजदूर ओडिसा के तीन ठेकेदार मुन्ना जगत, संतोष साहू और बुधंकर साहू के कहने पर बस्ती जिले में ईट भट्ठे में काम करने जा रहे थे। जिला प्रशासन की ओर से गठित श्रम अधिकारी और पुलिस की संयुक्त टीम ने इन्हें कोमखान रेलवे स्टेशन पर रोक लिया। प्रशासन ने श्रमिकों को घर जाने की सलाह दी और तीन ठेकेदारों पर अन्तर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम 1979 के तहत श्रम न्यायलय में मामला दर्ज कराया। मजदूरों ने बताया कि वे कई दिनों से खाली बैठे हैं और उत्तरप्रदेश जाकर रोजी रोटी कमाना चाहते हैं। ये मजदूर महासमुंद जिला और गरियाबंद जिले के बिन्द्रावन, कसेकेरा, सलिहापानी, खेमड़ा, साल्हेभाठा, छिदौंली कोठी और नवापारा से आए हैं।
श्रम विभाग के श्रम निरीक्षक अमित कुमार चिराम कहते हैं कि पूरे छत्तीसगढ़ में शासन के आदेश के अनुसार अवैध पलायन पर नजर रखी जा रही है। एक दिन पहले महासमुंद जिले में 500 श्रमिकों को बाहर जाने से रोका गया। ठेकेदार को मजदूर बाहर ले जाते समय जिला अधिकारी की अनुमति लेनी होगी।
यह स्थिति महज महासमुंद जिले में नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में है। नोवेल कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए छत्तीसगढ़ प्रवासी श्रमिकों का प्रदेश से बाहर जाने और प्रदेश के बाहर से राज्य में आने वाले प्रवासी श्रमिकों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए है। इस संबंध में श्रम विभाग से प्रदेश के सभी कलेक्टरों, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और सभी जिला श्रम कार्यालय प्रमुखों को निर्देश दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि कोई भी ठेकेदार, सट्टेदार, एजेंट बिना संबंधित जिला कलेक्टर की जानकारी के प्रवासी मजदूरों को दूसरे राज्यों में न ले जा सकता है न ही वापस भेज सकता है। यह आदेश 30 अप्रैल तक लागू रहेंगे। मजदूरों का पलायन रोकने के लिए राज्य सरकार ने सिटी बस और इंटर स्टेट बस सेवा 31 मार्च तक बंद कर दी है। रेलवे ने पहले ही रेल सेवाएं स्थगित कर दी हैं।
असंगठित क्षेत्र के मजदूर हो रहे परेशान
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कोरोना संकट के दौरान श्रमिकों को किसी भी प्रकार से दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर श्रम विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने राज्य के सभी निजी संस्थानों, कारखानों, अस्पतालों, मॉल, रेस्टोरेंट आदि के नियोजकों से मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए श्रमिकों एवं कर्मचारियों की छंटनी नहीं किए जाने और कोरोना वायरस (कोविड-19) से पीडि़त होने या अन्य कारणों से बीमार होने पर संवैतनिक अवकाश प्रदान करने के साथ ही आवश्यकता पड़ने पर उनसे घरों से भी कार्य लिए जाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, वे मजदूर जो असंगठित क्षेत्र में हैं और दिहाड़ी पर काम करते हैं उनका लॉकडाउन की वजह से रोजगार छिन गया है।