श्रम कानूनों से जुड़े तीन विधेयक भी पास, ये होंगे बदलाव

राज्यसभा में विपक्ष की अनुपस्थिति में तीन श्रम विधेयकों को मंजूरी दे दी गई

By DTE Staff

On: Wednesday 23 September 2020
 
राज्यसभा ने तीन श्रम विधेयकों को पास कर दिया। फोटो: विकास चौधरी

राज्‍यसभा में 23 सितंबर 2020 को श्रम कानून से जुड़े तीन अहम विधेयक भी पास हो गए। लोकसभा में इन्हें 22 सितंबर को पास किया गया था। ये तीनों श्रम कानून उन चार कोड का हिस्सा हैं, जिन्हें श्रम मंत्रालय ने 29 केंद्रीय श्रम कानूनों को समेकित करने के लिए तैयार किया था। संसद ने 2019 में मजदूरी पर इस कोड को पारित किया था, जिसे बाद में सरकार ने अधिसूचित किया था।

23 सितंबर को राज्यसभा ने जिन तीन विधेयक को पास किया, उनमें सामाजिक सुरक्षा बिल 2020, आजीविका सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा संहिता बिल 2020 और औद्योगिक संबंध (इंडस्ट्रियल रिलेशंस) संहिता बिल 2020 शामिल हैं। हालांकि विपक्षी दलों ने इनका विरोध किया और उनकी गैर-मौजूदगी में इन विधेयक को मंजूरी दे दी गई।

इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड के तहत कंपनियों को भर्ती और छंटनी को लेकर ज्‍यादा अधिकार दिए गए हैं। अभी के श्रम कानून के मुताबिक 100 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियों को छंटनी या यूनिट बंद करने से पहले सरकार की मंजूरी नहीं लेनी पड़ती है, लेकिन अब नए विधेयक में यह सीमा बढ़ाकर 300 कर्मचारी कर दी है। इसका आशय यह है कि जिन कंपनियों में 300 तक कर्मचारी हैं, उन्‍हें कर्मचारियों की भर्ती या छंटनी के लिए श्रम विभाग की इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी। इसका फायदा बड़ी कंपनियों को मिलेगा, वे कर्मचारियों की छंटनी करने के अलावा कंपनी बंद करना भी आसान होगा। इसके अलावा नए विधेयक में राज्‍य सरकारों को अपनी जरूरत के अनुसार इस संख्या को बढ़ाने की शक्तियां भी प्रदान की गई हैं।

राज्यसभा में विधेयक के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि इससे बड़ी फैक्ट्रियों को निवेश करने के लिए प्रोत्‍साहित किया जा सकेगा। साथ ही, कंपनी ज्‍यादा कर्मचारी रखेंगी, क्योंकि इस कानून से बचने के लिए कई कंपनियां 100 से अधिक कर्मचारियों की भर्ती नहीं करती थी। इसके अलावा विधेयक में फिक्‍स्‍ड-टर्म इम्‍प्‍लॉयमेंट को कानूनी वैद्यता देने की बात कही गई है। साथ ही, कॉन्‍ट्रैक्‍ट वर्कर्स के छंटनी के नियमों को भी आसान किया गया है।

श्रम मंत्री ने कहा कि सभी वर्कर्स को किसी न किसी प्रकार से सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए सामाजिक सुरक्षा संहिता बिल पारित किया गया है। इसमें असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले वर्कर्स को सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की बात कही गई है।

इसके अलावा आजीविका सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा संहिता बिल के तहत सरकार ने स्टाफिंग कंपनियों के लिए एकल लाइसेंस की अनुमति दी जाएगी। अनुबंध (कांट्रेक्ट) पर श्रमिकों को काम पर रखने के लिए इसकी जरूरत पड़ती है। पहले इसके लिए कई लाइसेंस लेने पड़ते थे, लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। इसके अलावा अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों की सीमा 20 से बढ़ाकर 50 कर दी गई है। इससे सभी क्षेत्रों में ठेके पर काम पर रखने में नियोक्ताओं को आसानी होगी।

 

Subscribe to our daily hindi newsletter