कोविड-19 के चलते इस साल पर्यटन को हुआ 150 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान

2019 के दौरान वैश्विक जीडीपी में पर्यटन की हिस्सेदारी करीब 4 फीसदी की थी जो 2020 में घटकर 1.8 फीसदी रह गई थी। वहीं 2021 में इसके 2 फीसदी रहने का अनुमान है 

By Lalit Maurya

On: Tuesday 30 November 2021
 

इस साल कोविड-19 के चलते वैश्विक स्तर पर पर्यटन को 150 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है। यह जानकारी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्लूटीओ) द्वारा जारी रिपोर्ट में सामने आई है। वर्ल्ड टूरिज्म बैरोमीटर के इस नवीनतम संस्करण के अनुसार यदि 2020 की तुलना में देखे तो जुलाई से सितंबर 2021 के बीच अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन में करीब 58 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि इसके बावजूद वो 2019 की तुलना में करीब 64 फीसदी कम है। 

यदि इस क्षेत्र के वैश्विक जीडीपी में योगदान की बात करें तो वो करीब 4 फीसदी है जिसकी कुल वैल्यू 2019 में करीब 262.7 लाख करोड़ रुपए थी। हालांकि 2020 में  महामारी के चलते इसमें करीब 50 फीसदी की गिरावट आ गई थी, जब यह घटकर वैश्विक जीडीपी का करीब 1.8 फीसदी हिस्सा ही रह गया था। वहीं 2021 में इसके 2 फीसदी रहने का अनुमान है।      

यही नहीं वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में आए उछाल और आपूर्ति श्रृंखलाओं में आए व्यवधान ने भी दुनिया भर में पर्यटन को प्रभावित किया है। आंकड़ों से पता चला है कि 2019 की तुलना में 2021 के दौरान अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन में करीब 70 से 75 फीसदी की कमी आने का अनुमान है, गौरतलब है कि 2020 में भी इसी तरह की गिरावट दर्ज की गई थी। 

रिपोर्ट के अनुसार यदि इस वर्ष अगस्त और सितम्बर की बात करें तो पर्यटकों का आगमन 2019 में इस अवधि की तुलना में करीब 63 फीसदी कम था। देखा जाए तो महामारी के बाद से यह पहला मौका है जब पर्यटन के क्षेत्र में इतना सुधार देखें को मिला है।

रिपोर्ट के अनुसार पर्यटन से होने वाली आय में 2020 के दौरान भी लगभग 2021 जितनी ही गिरावट आई थी जो स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि इस महामारी ने पर्यटन क्षेत्र को अन्य की तुलना में कुछ ज्यादा ही प्रभावित किया है। इसमें कोई शक नहीं कि पिछले कुछ महीनों के दौरान इस क्षेत्र में एक बार फिर से सुधार आना शुरु हुआ था, पर वैश्विक स्तर पर टीकाकरण में व्याप्त असमानता इसे फिर से प्रभावित कर सकती है।

ओमिक्रोन के चलते पर्यटन पर एक बार फिर मंडराने लगे हैं संकट के बादल

वहीं 24 नवंबर को सामने इस वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन (बी.1.1.529) के चलते इस क्षेत्र पर अनिश्चितता के बादल गहराने लगे हैं। निश्चित रूप से पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से देश अपनी सीमाओं को दूसरे देशों के नागरिकों के लिए बंद कर रहे हैं उसका सीधा असर पर्यटन क्षेत्र पर भी पड़ेगा।     

वहीं यदि जनवरी से सितंबर 2021 के बीच के आंकड़ों को देखें तो 2020 की तुलना में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन करीब 20 फीसदी कम था, जो वर्ष के शुरुवाती छह महीनों में आई 54 फीसदी की गिरावट की तुलना में स्पष्ट तौर पर आए सुधार की ओर इशारा करता है। 

यदि क्षेत्रीय आंकड़ों को देखें तो यूरोप में जनवरी से सितंबर 2021 के बीच पर्यटकों का आगमन 2020 में समान अवधि के तुलना में केवल 8 फीसदी और 2019 की तुलना में करीब 69 फीसदी कम था। यूरोप में पर्यटन के क्षेत्र में आए इस सुधार के लिए कहीं हद तक डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र ने काफी मदद की है जिसने टीकाकरण की मदद से यूरोपियन यूनियन के अंदर मुक्त आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में योगदान दिया है।

वहीं यदि अमेरिका की बात करें तो वहां पर्यटन के क्षेत्र में काफी सुधार देखने को मिला है जब पर्यटकों का आगमन 2020 की तुलना में एक फीसदी बढ़ गया है हालांकि वो अभी भी 2019 की तुलना में 65 फीसदी कम है। 

यूएनडब्ल्यूटीओ महासचिव, ज़ुराब पोलोलिकाश्विली के अनुसार 2021 की तीसरी तिमाही में जो आंकड़े सामने आए हैं वो उत्साहजनक हैं। हालांकि अभी भी पर्यटकों का आगमन महामारी से पहले के स्तर से करीब 76 फीसदी कम है। साथ ही वैश्विक स्तर पर इसमें अभी भी असमानता देखी जा सकती है।

उनके अनुसार कोविड-19 के बढ़ते मामलों और नए वैरिएंट के बावजूद हमें हिम्मत नहीं छोड़नी चाहिए। हमें इस बात के प्रयास करने होंगे की दुनिया में ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन मिल सके और टीकाकरण में व्याप्त असमानता को दूर किया जा सके।

Subscribe to our daily hindi newsletter