2019 में खसरा से 2 लाख से अधिक मौतें, 23 साल में सबसे अधिक मामले
रिपोर्ट के मुताबिक एक दशक में वैक्सीन की पर्याप्त पहुंच न होने के कारण खसरा के मामलों में वृद्धि हुई
On: Friday 13 November 2020
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अमेरिका की संस्था सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वर्ष 2019 में खसरा बीमारी के कारण दो लाख से ज्यादा मौतें हुई, जबकि पिछले 23 साल में सबसे अधिक मामले सामने आए।
इस रिपोर्ट के मुताबिक एक दशक में वैक्सीन की पर्याप्त पहुंच न होने के कारण खसरा के मामलों में वृद्धि हुई। वर्ष 2016 में खसरा के कारण होने वाली मौतों में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन 2019 में उसकी तुलना में 50 फीसदी की वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में खसरा के साढ़े आठ लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं।
हालांकि इस वर्ष 2020 में कम मामले देखने को मिले हैं, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण वैक्सीन के प्रयासों को झटका लगा है।
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की कार्यकारी निदेशक हेनरीएटा फोर ने आगाह किया है कि कोरोनावायरस संकट से पहले दुनिया खसरे के संकट से जूझ रही थी और यह अभी टला नहीं है।
खसरा की पूरी तरह रोकथाम की जा सकती है लेकिन इसके लिए समय रहते 95 फीसदी बच्चों को खसरा वैक्सीन की दो खुराकें बच्चों को दी जानी चाहिए।
पहली खुराक एमसीवी1 की कवरेज में विश्व भर में पिछले एक दशक से ज्यादा समय से रूकावट आई है और अब यह 84-85 फीसदी तक सीमित है।
रिपोर्ट बताती है कि एमसीवी2 की कवरेज में वृद्धि हो रही है, लेकिन यह अभी 71 प्रतिशत तक ही सम्भव हो पाई है।
एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पिछले कुछ समय के दौरान कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य, मैडागास्कर, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, जॉर्जिया, समोआ, यूक्रेन, उत्तर मैसेडोनिया सहित अन्य देशों में बड़ी संख्या में खसरा के मामले सामने आये हैं।
गौरतलब है कि बीते सप्ताह यूनीसेफ और डब्ल्यूएचओ ने खसरा और पोलियो के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए एक साझा अपील जारी की थी। जिसमें कहा गया था कि अगले तीन साल में 25 करोड़ डॉलर की धनराशि की जरूरत होगी, ताकि खसरा के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता की कमियों को दूर किया जा सके।