मां के लाइफस्टाइल से बच्चों को हो सकता है हाई बीपी: स्टडी  

अध्ययन में कहा गया है कि  अगर मां घास या पेड़ पौधों के आसपास रहती हैं तो उनके बच्चे सामान्य होते हैं 

By Dayanidhi

On: Tuesday 03 September 2019
 

गर्भावस्था के दौरान नकारात्मक जीवन शैली जैसे कि मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता अथवा व्यायाम न करना, संतुलित आहार न लेना, और शराब और तंबाकू का सेवन करने से जहां मां को हृदय रोग हो सकता है, वहीं पैदा होने वाले बच्चे हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप, हाई बीपी) के शिकार हो सकते हैं और इसका असर पूरे जीवनकाल तक रह सकता है।  

जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार मां के व्यवहार के कारण ही जन्म से ही बच्चे हाइपरटेंसिव या उच्च रक्तचाप का शिकार हो सकते हैं।

अध्ययन में ह्यूमन अर्ली-लाइफ एक्सपोज़ोम (हेलिक्स) परियोजना से कुल 1,277 मातृ-शिशु को शामिल किया गया। इसमें ब्रिटेन, फ्रांस, स्पेन, लिथुआनिया, नॉर्वे और ग्रीस के छह यूरोपीय देशों में जन्मे बच्चे शामिल हैं।  अध्ययन में शामिल ये बच्चे 6 से 11 वर्ष की आयु के बीच के थे।  उनका रक्त और मूत्र के नमूनों को लिया गया था और इन बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या नहीं थी। परीक्षण में 10 प्रतिशत बच्चों को उच्च रक्तचाप या उच्च रक्तचाप से ग्रस्त पाया गया।

शोधकर्ताओं ने कुल 89 प्रसव पूर्व माताओं और 128 प्रसव के बाद बच्चों का अध्ययन किया। इनमें से, चार व्यापक वातावरणीय कारकों को बच्चों में रक्तचाप के लिए उत्तरदायी माना गया, जिनमें वातावरण (जहां गर्भावस्था के दौरान मां रह रही थी), बाहरी तापमान, मछली का सेवन और रसायनों के संपर्क में आना आदि था।

अध्ययनकर्ता ने बताया कि, इस तरह का यह पहला अध्ययन है जो बच्चों में रक्तचाप पर प्रारंभिक जीवन के दौरान सैकड़ों वातावरणीय कारकों के संपर्क के संभावित प्रभावों पर बात करता है। इसका आकलन प्रश्नावली तथा मां और बच्चे से जैविक नमूनों के निर्धारण के माध्यम से किया गया था।

गर्भावस्था के दौरान जो महिलाएं घास, पेड़, या अन्य वनस्पति वाली जगहों पर रहती थीं, जहां चलने योग्य वातावरण था, और उनकी पहुंच दुकानों, रेस्तरां और सार्वजनिक परिवहन तक थी, उनके बच्चों का रक्तचाप सामान्य था। इसके उलट जो माताएं शहरी या अत्यधिक चलने योग्य वातावरण में नहीं रहती थीं उनमें उच्च रक्तचाप था। शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि एक शहरी हालात में रहने के बावजूद रक्तचाप का कम होना, गर्भावस्था के दौरान अधिक शारीरिक गतिविधियां करने से ही कम हुआ था।

रक्तचाप के मूल्यांकन के समय बाहर के तापमान के संपर्क में आने से बच्चों में डायस्टोलिक रक्तचाप कम होता है। वयस्कों और बच्चों दोनों में रक्तचाप को प्रभावित करने में बाहरी तापमान एक चिर-परिचित कारण है। गर्भावस्था के दौरान कम और अधिक मछली का सेवन बच्चों में कम और अधिक रक्तचाप दोनों से जुड़े थे। जबकि मछली में पाए जाने वाले ओमेगा -3 फैटी एसिड हृदय और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं, रसायनों या धातुओं द्वारा दूषित मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड के सकारात्मक प्रभाव को कम कर सकती है, जिससे रक्तचाप प्रभावित हो सकता है। 

अध्ययन में कहा गया है कि जिन बच्चों को बचपन में तांबे के संपर्क में रखा गया था, उनमें भी उच्च रक्तचाप था।

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