कोविड-19 की वजह से खसरा और पोलियो का टीकाकरण रुका

यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ ने चेताया है कि कोविड-19 महामारी के कारण कुछ देशों में टीकाकरण की दर में 50 प्रतिशत तक की गिरावट आई है

By DTE Staff

On: Friday 06 November 2020
 
फोटो: श्रीकांत चौधरी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने कहा है कि दुनिया भर में कोविड-19 महामारी के कारण स्वास्थ्य सेवाओं और टीकाकरण में आई बाधा के कारण लाखों बच्चों के पोलियो और खसरा का जोखिम बहुत बढ़ गया है।

संयुक्त राष्ट्र के इन दोनों संगठनों ने चेताया है कि कोविड-19 महामारी के कारण कुछ देशों में टीकाकरण की दर में 50 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।

इन संगठनों द्वारा जारी संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोनावायरस से बचने के लिए लगी पाबन्दियों के कारण स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता बहुत कम हो गई है। या बहुत से लोग कोरोनावायरस के संक्रमण के डर से खुद ही स्वास्थ्य सेवाओं तक जाने से बचने रहे। इसके चलते पोलियो और खसरे से रोकथाम के लिए चलाए जा रहे अभियान रोकने पड़े।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि दुनिया भर में कोविड-19 का स्वास्थ्य सेवाओं खासतौर से टीकाकरण सेवाएं व्यापक रूप में प्रभावित हुई हैं। हालांकि कोविड-19 के मुकाबले पोलियो और खसरे से निपटने के लिए हमारे पास न केवल विशेषज्ञता है, बल्कि इंतजाम भी हैं। बस जरूरत है कि हम इनका इस्तेमाल जमीनी तौर पर कर सकें। अगर हम ऐसा कर पाते हैं, तो बच्चों की जिंदगियां बचाई जा सकते हैं।

इस रिपोर्ट में यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अनुमान लगाया है कि मध्यम आय वाले देशों में टीकाकरण अभियानों के लिये मौजूद खाई को भरने के लिए लगभग 65 करोड़ 50 लाख डॉलर राशि की जरूरत है।
इस राशि में से लगभग 40 करोड़ डॉलर की राशि वर्ष 2020-2021 के दौरान पोलियो का मुकाबला करने के लिए चाहिए। जबकि अगले तीन वर्षों के दौरान खसरा के प्रसार को रोकने के लिए लगभग 25 करोड़ 50 लाख डॉलर राशि की जरूरत है।

संयुक्त राष्ट्र की दोनों एजेंसियों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर स्थिति को इसी तरह से छोड़ दिया गया तो इन दोनों बीमारियों का विस्फोटक प्रसार होने का डर है और पोलियो व खसरा का यह प्रसार अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं को भी पार कर सकता है।

यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरिएटा फोर ने कहा कि इस बात की इजाजत नहीं दी जा सकती कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के कारण अन्य बीमारियों के खिलाफ अभियान पर प्रभाव पड़े।

उन्होंने कहा, “कोविड-19 महामारी का मुकाबला करना बहुत जरूरी है, लेकिन ये भी सच है कि दुनिया के कुछ गरीब देशों में अन्य घातक बीमारियां भी लाखों- करोड़ों बच्चों की जान पर भारी पड़ सकती हैं। इसलिए हम आज देशों के नेताओं, दानदाताओं और साझीदारों से तत्काल वैश्विक कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।"

यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों का आहवान किया कि वे बीमारियों का प्रसार रोकने के लिए तुरन्त कार्रवाई करें। अपने बजटों में टीकाकरण को प्रथामिकता पर रखें।

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