क्यूबा में येलो फीवर, अमेरिकी हस्तक्षेप का बहाना

क्यूबा से निकलने वाले जहाज से कुछ यात्री इस बीमारी को अपने साथ ले आए थे। इस बीमारी ने बीस हजार लोगों की जान ले ली और कपास उद्योग 200 मिलियन डॉलर का नुकसान पहुंचाया

By Pranay Lal

On: Saturday 16 May 2020
 
मेंफिस के जेफरसन स्ट्रीट होम में ज्वर से पीड़ित व्यक्ति को रेखाचित्र के माध्यम से दर्शाया गया है। ऐसे रेखाचित्रों की श्रृंखला “द ग्रेट येलो फीवर स्कॉर्ज इंसीडेंट्स ऑफ इट्स हॉरर्स इन द मोस्ट फैटल डिस्ट्रिक्ट ऑफ द साउदर्न स्टेटस” पुस्तक में संकलित हैं

अमेरिका और अफ्रीका में येलो फीवर एक खतरनाक बीमारी है। 19वीं और 20वीं सदी की शुरुआत में जब इलाज आसानी से उपलब्ध नहीं थे, तब यह और भी अधिक भयावह था। 1878 में हवाना, क्यूबा से निकलने वाले एक जहाज के कुछ यात्री इस बुखार को अपने साथ ले गए और क्वारंटाइन से बचते हुए संयुक्त राज्य के न्यू ऑरलियन्स में इसे फैला दिया।

यह बुखार पूरी मिसिसिपी घाटी में और वहां से लेकर सेंट लुइस तक फैल गया। इससे बीस हजार लोग मारे गए और कपास उद्योग को लगभग 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ। तब जीवाणु विज्ञान एक बिलकुल नया विषय था और विषाणु विज्ञान (पीत बुखार एक वायरस के कारण होता है) का कोई अस्तित्व नहीं था। जिस प्रकार क्यूबा के साथ संयुक्त राज्य के वाणिज्यिक संबंध आगे बढ़ रहे थे, उसे देखते हुए बुखार को लेकर चिंता भी बढ़ती जा रही थी। संयुक्त राज्य के शहरों, खासकर मैक्सिको की सीमा से लगे शहरों की झोपड़पट्टियों की मैली कुचैली स्थिति स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए लगातार चिंता का विषय बनी रहती थी।

अमेरिकियों ने स्पेनिश लोगों पर इस बीमारी को फैलाने का आरोप लगाया। ये लोग जो दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों पर दावा करने की कोशिश कर रहे थे। क्यूबा में हवाना संयुक्त राज्य के संदेह का केंद्र बना और और पीत बुखार अमेरिकी साम्राज्यवादी डिजाइनों के लिए एक बहाना। 1878 में संयुक्त राज्य ने स्पेन के साथ क्यूबा के युद्ध में हस्तक्षेप किया और येलो फीवर के खतरों का इस्तेमाल उन्हें प्रेरित करने के लिए किया। क्यूबा लिबरेशन आर्मी के नेता मैक्सिमो गोमेज की टिप्पणी के अनुसार, 1868 में शुरू हुआ युद्ध 10 साल तक चला। युद्ध के अंत में जब क्यूबा लड़ाई में कमजोर पड़ रहा था, तब “अपराजेय जनरल जून, जुलाई और अगस्त” (वो महीने जब गर्मी और गर्मियों की बारिश की वजह से बुखार में बढ़ोतरी होती है) ने स्पेनवासियों को बड़ी संख्या में मार डाला। मौत की यह संख्या संयुक्त राज्य द्वारा दिए गए सभी असलहे और बारूद की तुलना में अधिक थी। क्यूबा लंबे समय तक इस बीमारी चपेट में रहा जिसकी वजह से उनमें कुछ हद तक प्रतिरक्षा विकसित हो गई।

1897 में हवाना में बिगड़ती स्थितियों ने फिर से दक्षिणी संयुक्त राज्य की अर्थव्यवस्था को पंगु बना दिया और दिसंबर 1898 में संयुक्त राज्य की सेना ने क्यूबा को पीत बुखार से बचाने के लिए कार्रवाई की। कब्जा कर चुकी सरकार ने क्यूबा के परिवारों को सड़कों को साफ करने, पुरानी इमारतों को ध्वस्त करने और हवाना बंदरगाह को गिराने के लिए मजबूर किया। चूंकि पीत बुखार काफी हद तक एक शहरी बीमारी है, इसलिए संयुक्त राज्य की सेनाएं हवाना शहर के बाहर शिविरों में ठहरी थीं। प्रारंभिक स्वच्छता-सम्बन्धी उपायों की विफलता ने बुखार के कारणों में नए सिरे से रुचि पैदा कर दी। इस बीच क्यूबा के एक डॉक्टर कार्लोस फिनेले ने एक परिकल्पना दी कि एक मच्छर की प्रजाति एडीस एसपीपी ने बुखार को एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलाया। संयुक्त राज्य के एक स्वच्छता कर्मी हेनरी कार्टर ने पाया कि इस बुखार ने मच्छर द्वारा काटे गए व्यक्ति को वास्तव में प्रभावित करने के लिए 10-12 दिनों का समय लिया।

संयुक्त राज्य येलो फीवर कमीशन के प्रयोगों ने फिनेले और कार्टर के निष्कर्षों की पुष्टि की, जिसकी वजह से हवाना में वेक्टर के प्रजनन स्थलों को खत्म कर दिया गया और 1901 आते-आते क्यूबा में कोई पीत बुखार नहीं रह गया था। लेकिन स्वच्छता के तरीकों को अपनाने के लिए की गई जबरदस्ती ने क्यूबाई लोगों और कब्जा करने वालों के बीच पहले से ही असहज रिश्ते को और तनावपूर्ण बना दिया। 1902 में प्लाट संशोधन नामक कानून क्यूबा के संविधान में लाया गया। इस संशोधन के तहत क्यूबा के नागरिक अधिकारियों द्वारा निर्मित स्वच्छता सुविधाओं को अमेरिकियों द्वारा बनाए गए साधनों से बदल दिया गया।

1906 में क्यूबा में पीत बुखार फिर से प्रकट हुआ। संयुक्त राज्य सरकार ने फिर से हस्तक्षेप किया लेकिन वह विफल रहा। बढ़ती मौतों के वजह से अमेरिकियों को 1911 तक मजबूरन द्वीप छोड़ देना पड़ा। उस समय तक क्यूबा के लोगों ने यह जान लिया था कि अपने देश को पीत बुखार से मुक्त रखने के लिए अपने शक्तिशाली पड़ोसियों को दूर रखना जरूरी है। कार्लोस फिनेले जिसे संयुक्त राज्य के साथ मिल जाने की वजह से क्यूबा के लोगों द्वारा शुरू में अनदेखा किया गया था, अब एक राष्ट्रीय नायक बन चुका था, जिसने अमेरिकियों की तुलना में पीत बुखार के विज्ञान को बेहतर तरीके समझा। द्वीप वासियों ने यह भी महसूस किया कि वे सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी मामले में संयुक्त राज्य से किसी भी तरह से कमतर नहीं थे और निवारक चिकित्सा में उन्होंने समानांतर और कभी-कभी शानदार सफलताएं हासिल कीं।

1930 और 1940 के दशक की शुरुआत में संयुक्त राज्य ने अपने निकटवर्ती पड़ोसियों की ओर अपना रुख लगभग जेनोफोबिक रखा। रॉकफेलर और फोर्ड फाउंडेशन नामक संयुक्त राज्य स्थित परोपकारी संगठनों ने पाया कि मध्य और दक्षिण अमेरिका बुखार के लगातार फिर से शुरू होने का खतरा पैदा कर रहे थे। इन संगठनों ने दमनकारी (रोग) स्वच्छता कार्यक्रम चलाए। उदाहरण के तौर पर, रॉकफेलर फाउंडेशन ने मैक्सिको में हुकवर्म उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया, जबकि वो अच्छी तरह से जानते थे कि मौजूदा तकनीक से इसे बहुत अच्छी तरह से अंजाम नहीं दिया जा सकता।

राज्य के दुश्मनों द्वारा आयातित बीमारी का डर संयुक्त राज्य के लिए कोई नया सिंड्रोम नहीं है। इसने सार्वजनिक स्वास्थ्य को लगातार कूटनीति और अधीनता के उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया है।

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