छत्तीसगढ़ में हाईकोर्ट के आदेश के बाद 18-44 आयु वर्ग टीकाकरण में एपीएल भी शामिल
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक कुल मिलाकर 18-14 आयु वर्ग के कुल मिलाकर 1,79,505 टीकाकरण किया जा चुका है।
On: Wednesday 12 May 2021
अवधेश मलिक
छत्तीसगढ़ में अब तक 10742 लोगों की कोरोना से मृत्यु हो चुकी है और अभी भी संक्रमण की दर 18 प्रतिशत से उपर है। विकराल होती कोरोना संकट से लड़ने के लिए - बिलासपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद से राज्य सरकार ने 18 से 44 साल उम्र वर्ग के लोगों को फिर से वैक्सीन लगाने का कार्य 8 मई, 2021 से दोबारा शुरू कर दिया है। इस बार टीकाकरण में एपीएल, बीपीएल और अंत्योदय तीनों वर्गों को शामिल किया है तथा एक तिहाई यानी की 33 फीसदी की दर से राज्य सरकार ने वैक्सीनेशन करने के लिए व्यवस्था दी है।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के आदेश के बाद से राज्य सरकार ने जो आंकड़े जारी किए हैं उससे यह पता चलता है कि फिलहाल प्रदेश में 741 केंद्रों पर 18 से 44 साल उम्र वर्ग के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 18-44 आयु वर्ग में 10 मई को 69636 लोगों का टीकाकरण किया गया है जिसमें अंत्योदय के 4100, बीपीएल के 29409, एपीएल के 30490 तथा 5637 फ्रंटलाईन वर्कर थे । राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक कुल मिलाकर 18-14 आयु वर्ग के कुल मिलाकर 1,79,505 टीकाकरण किया जा चुका है।
राज्य सरकार द्वारा नए प्रावधान को सामाजिक आर्थिक वर्गीकरण का नाम दिए जाने के बावजूद लोगों में टीकाकरण में बरते गए भेदभाव को लेकर गुस्सा कम नहीं हो रहा है। कल राजधानी रायपुर के कई स्थानों पर एपीएल को लेकर वैक्सीन खत्म हो जाने के कारण लोगों में काफी नाराजगी थी। टीकाकरण को लेकर युवाओं की भीड़ उमड़ने के कारण स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को नियंत्रण करने खुद ही उतरना पड़ा। शहरी क्षेत्रों में कई टीकाकरण केंद्रों पर भीड़ अपेक्षा से अधिक होने के कारण विधायकों को खुद उतरकर मोर्चा संभालना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को 18-14 युवा वर्ग खासकर एपीएल कैटेगरी में वैक्सीनेशन को लेकर केंद्रों की संख्या बढ़ाने के साथ ग्रामीण बस्तियों के टीकाकरण के कोटे को काट कर फिलहाल शहरों की ओर करने की बात कही है। राज्य सरकार के साथ दिक्कत है कि जिन बीपीएल एवं अंत्योदय कार्डधारियों को लेकर सरकार ने प्राथमिकता तय की और उसे कोर्ट तक जाना पड़ा वे ही लोग ग्रामीण क्षेत्रों में इसका विरोध कर रहें हैं। अंत्योदय और बीपीएल राशन कार्ड वाले टीका लगवाने में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण का विरोध
राजनांदगांव, बस्तर, कोंडागांव, महासमुंद समेत कई जिलों के अंदरूणी गांवों में वैक्सीनेशन को लेकर गई टीम के साथ झूमाझटकी से लेकर उन्हें मारने तक की कोशिश हो चुकी है। लोगों को डर है कि इससे वे नपुंशक हो सकते हैं। कुछेक को बुखार आने से यह भ्रम फैला की उनको दूसरा टीका दिया जा रहा है। कांकेर के प्रकाश ठाकुर बताते हैं कि भानुप्रतापपुर के एक गांव में ऐसा हुआ था हालांकि अब पहले से बेहतर स्थिति है।
आईआईएम इंदौर के कम्यूनिकेशन कंसल्टेंट अशोक तोमर जिनका की बस्तर में रहने का एक लंबा अनुभव हैं कहते हैं राज्य सरकार ने जो निर्णय लिया है उसमें यह दिखता है कि उसने सामाजिक जनप्रतिनिधियों से नियम बनाने से पहले उनकी राय नहीं ली गई। लोगों के सामाजिक परिवेश एवं वातावरण पर विचार नहीं किया गया अतः ऐसी स्थिति में ऐसा तो होना ही था। राज्य सरकार ने पहले आदेश निकाल लिया और अब लोगों के विचार के अनुरूप उसमें बदलाव कर रही है। ऐसी स्थितियों से सरकारों को बचना चाहिए।
पत्रकार श्रीकांत बाघमारे कहते हैं लोगों को जब वैक्सीन चाहिए उस समय सरकार ने आनन-फानन में राजनीतिक फायदे के उद्देश्य से इसमें आरक्षण तय कर दिया। वह भी यह जानते हुए कि इस वर्ग से आने वाले अधिकांश लोग आज भी अशिक्षित हैं और टीकाकरण के लिए पहले उन्हें जागरूक करना आवश्यक था। बिना प्रभावी उपाय किए इस प्रकार के वर्गीकरण करने पर ऐसी स्थिति का आना लाजमी था। ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण को लेकर कई तरह के भ्रांतिया एवं अफवाह फैल गई है। दूसरी और ऐसी परिस्थिति में सरकार ने मदिरा की ऑनलाइन सुविधा शुरू कर दी है जिससे बुद्धिजीवी वर्ग में भी काफी नाराजगी है।
ऑनलाइन शराब बिक्री का विरोध
आंकड़ों के मुताबिक पहले दिन राज्य सरकार ने करीब 4 करोड़ रुपये की शराब ऑनलाइन पोर्टल घर पहुंच सेवा के माध्यम बिक्री की। मदिरा प्रेमियों की मांग इतनी थी की वेबसाइट ही क्रैश हो गया। कोरोना काल में राज्य सरकार के इस निर्णय को लेकर सरकार की छीछालेदर हो रही है। लोग मांग कर रहें हैं कि सरकार ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को टीका लगवाए।
वहीं आबकारी मंत्री और राज्य सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि शराब बिक्री करने का निर्णय वह जहरीली शराब पीकर हो रही मौतों को रोकने के लिए ले रही है।
हालांकि इन सबके मद्देनजर राज्य एपीडेमिक कंट्रोल विभाग के निदेशक सुभाष मिश्रा कहते हैं। टीका की सीमित मात्रा में डोज आ रही है इसलिए सरकार को वर्गीकरण करना पड़ा। हालांकि जैसे जैसे वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा में खेप आने लगेगी। लोगों को नाराजगी भी दूर होने लगेगी। राज्य सरकार के ओर से इसको लेकर प्रचार प्रसार किया जा रहा है।