सांभर में फिर पक्षियों की मौत जारी : तीन दिन में 53 कौए और 4 श्वान मृत मिले

By Madhav Sharma

On: Tuesday 23 November 2021
 

 

राजस्थान का सांभर झील पक्षियों के लिए कब्रगाह बन रहा था कि अब 4 कुत्तों के भी मरने की खबर आई है। यह पहली बार है कि बर्ड फ्लू की आशंकाओं के बीच 4 कुत्ते भी मर गए हों।  बीते चार दिन में 53 से अधिक मृत कौए मिले हैं। साथ ही एक कबूतर, 5 कौए और एक बाज घायल भी मिले हैं। शाकंभरी माता मंदिर रोड पर चार श्वान भी मरे मिले हैं। आशंका है कि मृत पक्षियों को खाने से श्वान मरे हैं। घायल पक्षियों का इलाज पास की ही रेस्क्यू सेंटर में चल रहा है। जिस जगह मृत कौए मिले हैं, वहां वन विभाग, पशुपालन विभाग की टीम पहुंची है और शनिवार को चार सैंपल भोपाल की राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान के लिए भेजे हैं। भोपाल से रिपोर्ट्स आने के बाद ही यह साफ होगा कि पक्षी बर्ड फ्लू से मरे हैं या ये सामान्य मौत हैं। बताया जा रहा है कि इस हफ्ते के मध्य तक रिपोर्ट आएगी।

कुत्तों के मरने की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं है। उनका पोस्टमॉर्टम नहीं किया जा सका है। ऐसा माना जा रहा है कि विषाक्त मांस खाने से उनकी मौत हुई। 

21 नवंबर से लगातार हो रही मौतोंं ने से बर्ड फ्लू की आशंकाओं को भी जन्म दिया है। क्योंकि बीते हफ्ते ही जोधपुर के कापरड़ा तालाब में 190 कुरजां (साइबेरियन क्रेन) की मौत बर्ड फ्लू से हुई है। 20 नवंबर को भी 7 कुरजां की मौत हुई।  भोपाल स्थित लैब से आई रिपोर्ट के बाद कुरजां में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। इसीलिए अंदेशा है कि सांभर में भी कौओं की मौत बर्ड फ्लू से हो सकती है। हालांकि राहत की बात यह है कि मृत पक्षी सांभर झील के आसपास नहीं मिले हैं। ज्यादातर मृत कौए सांभर नगर पालिका के डंपिंग यार्ड के 500 मीटर के दायरे में मिले हैं, लेकिन अब इसका दायरा बढ़ता जा रहा है। अब तक तलाई वाले बालाजी, एक्सीडेंट फाटक और डीवाईएसपी ऑफिस के पास ही मृत कौए मिले थे। लेकिन रविवार को पुरानी धानमंडी बालाजी मंदिर, साध पुरसना मंदिर और सांभर साल्ट पार्क में मरे हुए कौए मिले हैं। वन विभाग के सांभर में रेंजर बालू राम सारन ने डाउन-टू-अर्थ को बताया कि विभाग की ओर से रेस्क्यू सेंटर में तीन कर्मचारी तैनात हैं। रतन तालाब के पास अस्थाई रेस्क्यू सेंटर खोला गया है। तैनात कर्मचारी सांभर झील में भी लगातार निगरानी कर रहे हैं ताकि झील में आए पक्षियों के बारे में जानकारी मिलती रहे।

रेंजर ने आगे बताया कि शनिवार को 4 कौओं के सैंपल भोपाल भेजे हैं। इनकी रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ स्पष्ट बताया जा सकेगा कि मौत बर्ड फ्लू से हुई है या मौत की कोई और वजह है।

बता दें कि बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लुएंजा) टाइप-1 वायरस है। जो इसके एच5एन1 वायरस से फैलता है। जोधपुर में बीते हफ्ते इसी वायरस के कारण 189 साइबेरियन क्रेन जिन्हें सामान्य भाषा में कुरजां कहा जाता है की मौत हो गई थी।

इसके बाद जोधपुर सहित प्रदेश में अन्य जगहों पर आने वाले प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई। जैसलमेर के डेजर्ट नेशनल पार्क में भी गोडावण की सुरक्षा के अतिरिक्त सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं। गोडावण के वाटर पॉइन्ट्स पर विशेष निगरानी की जा रही है। साथ ही कुछ चूजों की सामान्य पक्षियों से पहुंच दूर बना दी गई है ताकि संभावित खतरे से उन्हें बचाया जा सके। भारतीय वन्य जीव और राजस्थान वन विभाग के अधिकारी गोडावण के रहने की जगहों की लगातार निगरानी कर रहे हैं।

 

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