उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने ट्वीट कर कहा है कि यह अंतरराष्ट्रीय मानक हैं। आंख बद करके सैनिटाइजर से नहलाया जा सकता है
बरेली से ज्योति पांडे
दिल्ली-एनसीआर से थके-मांदे उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में पहुंचे थे सोचा था कि अब उनके गांवों का रास्ता आधा ही बचा है। उन्हें क्या पता था कि बरेली में उन्हें सोडियम हाइपोक्लोराइट रसायन से नहला दिया जाएगा। बच्चे दर्द से चीखने लगेंगे। बरेली प्रशासन के इस कृत्य ने अमानवीयता की हदें लांघ ली। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस घटना को लोगों ने अपनी टिप्पणियों में क्रूर करार दिया है। अब इस कृत्य के बचाव में अतिरिक्त मुख्य सचिव ने ट्वीट कर कहा है कि यह अंतरराष्ट्रीय मानक हैं। आंख बद करके सैनिटाइजर से नहलाया जा सकता है।
29 मार्च, 2019 को जब यह घटना आम लोगों के चर्चा और आलोचना का विषय बनी तो डीएम नीतीश कुमार ने ट्वीट कर जानकारी दी कि बरेली नगर निगम एवं फायर ब्रिगेड की टीम को बसों को सैनेटाइज करने के निर्देश थे। अति सक्रियता के चलते उन्होंने ऐसा कर दिया। इस मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
मानवाधिकार कार्यकर्ता रबीअ बहार ने घटना की घोर निंदा की है। उन्होंने डाउन टू अर्थ से कहा कि एक तरफ विदेशों में फंसे भारतीयों को सरकार ने एयर लिफ्ट कराया। वहीं दूसरी तरफ गरीब लोगों का अपमान किया जा रहा है। उन्हें घर पहुंचने के लिए ना वाहन है और ना भोजन की व्यवस्था। संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
बरेली कॉलेज के प्राचार्य और रसायन शास्त्री डॉ अनुराग मोहन ने कहा कि सोडियम हाइपोक्लोराइट से क्लोरीन रिलीज होती है। यह जीवाणु और विषाणुओं को मारने में सहायक होती है। इसकी अधिक मात्रा से आंखों और त्वचा में जलन हो सकती है। सैनिटाइजेशन में इसका इस्तेमाल होता है। मगर जिस तरह से इस्तेमाल किया गया यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। भूखे प्यासे लोगों के साथ हमें मानवीय व्यवहार करना चाहिए था। प्रशासन को इन लोगों से माफी मांग कर उनको अपने घर तक सुरक्षित पहुंचाना चाहिए।
29 मार्च, 2020 को रोडवेज पर भी सभी बसों और पूरे रोडवेज परिसर को सैनिटाइज किया जा रहा था। इसी दौरान प्रवासी मजदूरों को एक जत्था वहां पहुंचा था। ट्रैफिक पुलिस और फायर विभाग ने दिल्ली, नोएडा और हरियाणा से आ रहे लोगों को एक जगह बैठा दिया। लोगों को लगा कि शायद उन्हें खाना-पानी दिया जाएगा। अचानक ही उनके ऊपर सोडियम हाइपोक्लोराइड की बौछार कर दी। बौछार से लोग पूरी तरह भीग गए। कुछ मजदूरों ने आंखों और त्वचा में जलन होने की शिकायत भी की। कई नेताओं ने घटना को ट्वीट कर आलोचना की।