छह राज्यों में हुई बर्ड फ्लू की पुष्टि, दिल्ली में रिपोर्ट का इंतजार

केंद्र ने एवियन फ्लू से अप्रभावित राज्यों से आग्रह किया है कि वे पक्षियों के बीच किसी भी असामान्य मृत्यु दर पर नजर रखें

By DTE Staff

On: Friday 08 January 2021
 

हरियाणा के पंचकुला जिले में मुर्गी पालने वाले दो फार्मों में आईसीएआर-एनआईएचएसएडी से एवियन फ्लू (बर्ड फ्लू) के पॉजीटिव नमूने मिलने, गुजरात के जूनागढ़ जिले में प्रवासी पक्षियों और राजस्‍थान के सवाई माधोपुर, पाली, जैसलमेर और मोहर जिलों में कौओं में पॉजीटिव नमूने मिलने की पुष्टि होने के बाद केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने प्रभावित राज्‍यों को सुझाव दिया है कि वे एवियन फ्लू बीमारी को रोकने के लिए कार्य योजना के अनुसार काम करें।

अब तक छह राज्यों (केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात) में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। यह जानकारी प्राप्‍त हुई है कि केरल के दोनों प्रभावित जिलों में इस बीमारी से प्रभावित मुर्गियों को मारने का काम पूरा हो चुका है। संक्रमण को समाप्‍त करने की प्रक्रिया चल रही है।

एवियन फ्लू से अप्रभावित राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे पक्षियों के बीच किसी भी असामान्य मृत्यु दर पर नजर रखें और तुरंत इसकी जानकारी दें ताकि आवश्यक उपाय तेजी से किए जा सकें।

निगरानी और महामारी विज्ञान से जुड़ी जांच के लिए केरल, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के प्रभावित राज्यों का दौरा करने के लिए केन्‍द्रीय टीमों को तैनात किया गया है।

दिल्ली के हस्‍तसाल गांव के डीडीए पार्क में 16 पक्षियों की असामान्य मृत्यु भी दर्ज की गई है। एनसीटी दिल्ली के पशुपालन विभाग ने एहतियाती कदम उठाए हैं और नमूने आईसीएआर-एनआईएचएसएडी को भेज दिए हैं और जांच रिपोर्ट का इंतजार है।

इस बीमारी के बारे में मुर्गी पालने वाले किसानों और आम जनता (अंडे और चिकन के उपभोक्ताओं) को जागरूक करना महत्वपूर्ण है। चिकन और अंडे की खपत के बारे में उपभोक्ता का विश्वास बहाल करने के लिए सचिव (एएचडी) से प्राप्‍त जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय से इस संबंध में उचित सलाह जारी करने का अनुरोध किया गया है ताकि अफवाहों से प्रभावित उपभोक्ता के विश्वास को बहाल किया जा सके। साथ ही, राज्यों से पोल्ट्री या पोल्ट्री उत्पादों की सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने का अनुरोध किया गया है जो उबलने/ खाना पकाने के बाद खपत के लिए सुरक्षित हैं, जिसके लिए केन्‍द्रीय सहयोग उपलब्ध रहेगा।

 

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