कोविड एक्सक्लूसिव : उत्तर प्रदेश में कांटेक्ट ट्रेसिंग प्रोटोकॉल टूटा, व्यवस्था ने कहा 30 लोगों की ट्रेसिंग संभव नहीं

उत्तर प्रदेश में कोविड संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा है कि कांटेक्ट ट्रेसिंग से ही संक्रमण पर लगाम संभव है लेकिन अधिकारी बोले यह संभव नहीं। 

By Vivek Mishra

On: Friday 23 April 2021
 

उत्तर प्रदेश रिकॉर्ड कोविड संक्रमण मामलों वाला राज्य बन गया है। 23 अप्रैल, 2021 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक संपन्न हुई तो बैठक के सार्वजनिक हो जाने के प्रोटोकॉल टूटने की बात सामने आई। इसकी खूब चर्चा हो रही है लेकिन इसी बैठक में एक और प्रोटोकॉल टूटने की बात भी सामने आई जो हमारे-आपके जीवन-मरण से जुड़ी है और जिसकी चर्चा लगभग गायब है। यह प्रोटोकॉल है उत्तर प्रदेश में कोविड मरीजों की कांटेक्ट ट्रेसिंग के नियमों और मानकों के टूटने की।
 
केंद्र सरकार लगातार टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट यानी जांच, पीछा और उपचार पर राज्यों को जोर देने के लिए कह रही है। यह तब और मानीखेज है जब 23 अप्रैल को नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने अपने प्रजेंटेशन में कहा है कि उत्तर प्रदेश में कोविड संक्रमण की कड़ी को यदि तोड़ना है तो उसे कांटेक्ट ट्रेसिंग पर तत्काल जोर देना होगा। उत्तर प्रदेश में कोविड मरीजों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की स्थिति बहुत खराब है। 
 
भारत सरकार के मुताबिक प्रत्येक कोविड मरीज के संपर्क में आने वाले 25 से 30 लोगों की कोविड जांच होनी चाहिए। 
 
उत्तर प्रदेश के आला अधिकारियों की जब 23 अप्रैल की शाम को जब बैठक हुई तो कहा गया कि यह संभव नहीं है कि सभी मामलों की कांटेक्ट ट्रेसिंग हो पाए। यानी कांटेक्ट ट्रेसिंग के नियम और मानकों का पालन करने के लिए अधिकारियों ने लगभग हाथ खड़े कर दिए हैं। 
 
उत्तर प्रदेश में इस वक्त रिकॉर्ड 34 हजार से ज्यादा कोविड संक्रमण पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं। यूपी के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि इतने मामलों में अगर प्रत्येक से 30 लोगों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की गई तो यह आंकड़ा 10.50 लाख से ज्यादा होगा, यानी इतने ही लोगों की हमें उसी दिन कोरोना जांच भी करनी होगी, जो कि अभी संभव नहीं है। 
 
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की एसओपी के मुताबिक कोरोना संक्रमण पॉजिटिव मरीज की पुष्टि के बाद और आइसोलेशन से पहले दो दिन के भीतर सभी घर वालों, सामाजिक संपर्क, कार्यस्थल और उसके संपर्क में आए लोगों की जांच का प्रयास  कम से कम होना चाहिए। 
 
डॉ पाल ने सितंबर, 2020 में भी यह दोहराया था कि हम राज्य सरकारों की ओर से यह शिकायत सुन रहे हैं कि लोग कोविड से बचाव के नियमों और मानकों के अनुरूप व्यवहार नहीं कर रहे हैं। हमें खुद  वायरस से दूर रहना है। वहीं, यह व्यवस्था की जिम्मेदारी है कि वह बचाव संबंधी उपायों का पलन करे। जिसमें कांटेक्ट ट्रेसिंग सर्विलांस अहम है। हमारे उपचार संबंधी प्रोटोकॉल काफी बेहतर और व्यवस्थित है। 
 
वहीं उत्तर प्रदेश के आला अधिकारियों की एक बैठक में कहा गया कि इतनी व्यापक कांटेक्ट ट्रेसिंग व्यावहारिक नहीं है और उनकी ओर से यह स्वीकारा भी गया कि प्रभावी ट्रेसिंग नहीं हो पा रही है। सूत्र के मुताबिक अभी उत्तर प्रदेश में कांटेक्ट ट्रेसिंग का आंकड़ा प्रत्येक कोविड मरीज पर करीब 5 पहुंच गया है जो कि फरवरी-मार्च में 18 तक था। 
 
यूपी के अधिकारियों का कहना है कि इस वक्त राज्य में 273,653 कोरोना के एक्टिव मामले  हैं। इनमें 218,000 लोग होम आइसोलेशन में है। 
 
24 घंटे के अंदर उत्तर प्रदेश में 22,566 लोग  (होम आइसोलेशन और हॉस्पटिल ) से स्वस्थ्य हो चुके हैं। वहीं, प्रदेश में कोरोना से ठीक होने वालों की अब तक कुल संख्या 728,980 है।  

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