कोरोनावायरस: सरकार ने बढ़ाया जांच का दायरा, प्राइवेट लैब भी कर सकेंगी जांच

अब तक विदेश दौरा करने वालों की ही जांच की जा रही थी। सरकार ने प्राइवेट लैब के लिए शुल्क भी तय किया

By Banjot Kaur

On: Saturday 21 March 2020
 
Photo credit: Pixabay

नरेंद्र मोदी सरकार ने आखिरकार कोरोनावायरस (सार्स-कोव-2) की जांच का दायरा बढ़ा दिया है। सरकार ने इसके लिए जहां परीक्षण मानदंडों का विस्तार करने का निर्णय लिया है। वहीं, प्राइवेट अस्पतालों से भी कहा है कि वे अपनी लैब में कोरोनावायरस टेस्ट कर सकते हैं।

21 मार्च को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा जारी सूचना में कहा गया है कि सरकारी लैब में सभी रोगियों जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही हो और उन्हें बुखार, और खांसी की तकलीफ है का कोरोनावायरस टेस्ट किया जाएगा। अब तक केवल उन लोगों का टेस्ट किया जा रहा था, जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में विदेश का दौरा किया हो या पिछले दिनों वह किसी मरीज के संपर्क में आया हो और बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ हो रही हो।

जांच का दायरा बढ़ाने के बाद अब कई और लोगों की भी कोरोनावायरस की जांच की जा सकेगी।

वहीं, इससे पहले 20 मार्च को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक गाइडलाइन जारी कर कहा था कि प्राइवेट लैब भी कोरोनावायरस संक्रमण का टेस्ट कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी नहीं कि मरीज ने पिछले दिनों विदेश का दौरा किया हो। अगर मरीज को बुखार, खांसी के साथ-साथ सांस लेने में तकलीफ हो रही हो तो उनका टेस्ट किया जा सकता है।

भारत के निजी अस्पतालों के संगठन हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (एएचपीए) के डायरेक्टर जनरल गिरिधर गयानी ने कहा, "अगर किसी मरीज को सांस की गंभीर बीमारी है, जिसके लिए स्वाइन फ्लू सहित अन्य सभी बीमारियों के परीक्षण नकारात्मक साबित हुए हैं, तो हमारे पास यह मानने का हर कारण है कि यह एक संदिग्ध कोविड-19 मामला है। ऐसी स्थिति में कोविड-19 का टेस्ट कराया जा सकता है।"

इस बारे में 19 मार्च प्राइवेट हेल्थ प्रोवाइडर्स ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत की थी। एएचपीआई के एक अन्य वरिष्ठ सदस्य, जिन्होंने बैठक में भाग लिया, ने डाउन टू अर्थ को बताया कि सरकार ने उन्हें सूचित किया था कि वह इस समय अपनी प्रयोगशालाओं के लिए परीक्षण मानदंडों का विस्तार नहीं कर रही हैं, क्योंकि उनके पास पर्याप्त किट नहीं थी। वे चाहते थे कि निजी क्षेत्र शुरू करे और परिणाम देखे।

कितना होगा चार्ज
ज्ञानी ने कहा कि सरकार ने हमें कोविड-19 टेस्ट करने का शुल्क 5000 रुपए से कम रखने को कहा है, हालांकि यह संभव नहीं है, लेकिन यदि सरकार हमें कम कीमत पर परीक्षण किट मुहैया कराती है तो हम यह इस रेट पर टेस्ट कर सकते हैं।

हालांकि इससे पहले 17 मार्च को आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने प्राइवेट लैब से अपील की थी कि देश हित को देखते हुए उन्हें मुफ्त में कोविड-19 का टेस्ट करना चाहिए।

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