कोविड-19: अनलॉक पड़ रहा है भारी, भारत 15 सबसे ज्यादा जोखिम वाले देशों में शामिल

अनलॉक होने के बाद भारत दुनिया के उन 15 देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जहां सबसे ज्यादा कोविड-19 संक्रमण फैलने का खतरा है

On: Thursday 11 June 2020
 
दिल्ली के गाजीपुर सब्जी मंडी के बाहर जमी भीड़ । फोटो: विकास चौधरी

प्रिया श्रीवास्तव

लॉकडाउन के बाद अनलॉक करने की रणनीति देश पर भारी पड़ती दिख रही है। भारत दुनिया के उन 15 देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जहां पर सबसे ज्यादा कोविड-19 संक्रमण फैलने का खतरा है। यही नहीं देश के अनलॉक होने से संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी की आशंका है। ऐसी स्थिति में दोबारा लॉकडाउन करने की भी स्थिति आ सकती है, इस बात की चेतावनी जापान की रिसर्च फर्म नोमुरा सिक्योरिटीज ने अपने  ताजा रिपोर्ट में दी है।

रिसर्च फर्म ने यह रिपोर्ट दुनिया की 45 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मौजूदा संक्रमण स्थिति और लॉकडाउन खुलने के बाद उत्पन्न हुई परिस्थितियों के आधार पर तैयार की है।

भारत में संक्रमण के दूसरे अटैक का खतरा

रिपोर्ट में 45 देशों को,  पटरी पर लौट रहे देश (ऑन ट्रैक), खतरनाक स्थिति में देश (डेंजर जोन), चेतावनी वाली स्थिति में देश (अलर्ट जोन) में बांटा गया है। इसमें भारत उन 15 देशों में शामिल है, जो डेंजर जोन में आते हैं। रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन में ढील देने के बाद डेंजर जोन वाले देशों में कोरोना का दूसरा अटैक होने का खतरा बढ़ गया है। डेंजर जोन में भारत के अलावा इंडोनेशिया, चिली, पाकिस्तान, ब्राजील, मैक्सिको, कनाडा, ब्राजील, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका, सउदी अरब, सिंगापुर, मैक्सिको, इक्वाडोर, कोलंबिया, पेरु शामिल हैं। जबकि 17 देश अब पटरी पर लौट रहे हैं। वहीं 13 देश चेतावनी वाली स्थिति में है।

दुनिया में दो स्थितियां बनेंगी

रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन हटाने से दो तरह के हालात बनेंगे। पहला- किसी देश में गतिविधियां बढ़ेंगी, कारोबार दोबारा शुरू होगा, लेकिन रोजाना नए मामलों में मामूली बढ़ोतरी होगी। दूसरा- लॉकडाउन खोलने के नतीजे खतरनाक हो सकते हैं। इसमें अर्थव्यवस्था को खोलने से रोजाना संक्रमितों के मामले बढ़ेंगे। जनता के बीच डर फैलेगा और लोगों की गतिविधियां प्रभावित होंगी। ऐसे में इन देशों में लॉकडाउन दोबारा लागू हो सकता है। 

अमेरिका-ब्रिटेन पर खतरा

रिपोर्ट के अनुसार फ्रांस, इटली, दक्षिण कोरिया ऐसे देश हैं जहां पर लॉकडाउन में ढील के बाद संक्रमण के मामले तेजी से नहीं बढ़े हैं। ऐसे में वहां अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है, जबकि जर्मनी, अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में ऐसी स्थिति नहीं है, वहां मामले बढ़ने का खतरा है, ऐसे में वह जोखिम वाले देशों में बने हुए हैं। 

भारत दो राहे पर

नोमुरा की रिपोर्ट जिस खतरे का इशारा कर रही है, उससे भारत एक दोराहे पर खड़ा हुआ दिखाई दे रहा है। अगर लॉकडाउन में ढील बढ़ाई जाती है तो निश्चित तौर पर संक्रमण बढ़ेगा, वहीं अगर दोबारा सख्ती की गई तो बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ने और अर्थव्यवस्था को नुकसान होने के खतरा है। ऐसे में कोई कदम उठाने से पहले केंद्र सरकार को रोजगार सुरक्षा और लोगों के हाथ में नकदी देने जैसे अहम कदम उठाने होंगे।

भारत में 25 मार्च को पहला लॉकडाउन लगाया गया था, जो अलग-अलग 4 चरणों में 30 मई तक लागू किया गया है। अब देश को अनलॉक करने की रणनीति लागू कर दी गई है। इसी के तहत मॉल, धार्मिक स्थल, रेस्तरां खोलने और आर्थिक गतिविधियां शुरू करने की मंजूरी दे दी गई है। 10 जून ( दोपहर) तक भारत में 2.76 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं, बल्कि 7751 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है।

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