सार्स के बाद मार्स कोरोनावायरस का प्रकोप, सऊदी अरब में 888 लोगों की मौत

सऊदी अरब में मार्स-कोव के मामले सामने आए हैं, जो मनुष्य से मनुष्य को संक्रमित करने वाले दूसरे कोरोनावायरस से होने वाली बीमारी है

By DTE Staff

On: Friday 20 August 2021
 
Saudi Arabia reported four cases of MERS-CoV infection between March 12 and July 31, 2021. One of these four has died. It spreads through Dromedary camels. Photo: Wikimedia


विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपने एक नए बुलेटिन में कहा है कि सऊदी अरब में 12 मार्च से 31 जुलाई, 2021 के बीच मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस ( मार्स-कोव, MERS-CoV) संक्रमण के चार मामले सामने आए हैं। इन चार मरीजों में से एक की मौत हो गई है।

मार्स-कोव एक कोरोनावायरस है, इसकी खोज 2012 में हुई थी। सऊदी अरब में पहले मामले का पता चला था। ड्रोमेडरी, या एक कूबड़ वाला ऊंट या अरबी ऊंट को इस कोरोनावायरस का भंडार माना जाता है। इन ऊंटों के सीधे या निकट संपर्क में रहने वाले मनुष्य इस कोरोनावायरस से संक्रमित हो जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मार्स-कोव  इंसान से इंसान में फैलता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के नए बुलेटिन के मुताबिक, सऊदी अरब के रियाद, हफर अल्बाटिन और ताइफ में मार्स-कोव के मामले सामने आए हैं।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 2012 में इस कोरोनावायरस के पहले प्रकोप के बाद से जुलाई 2021 तक अकेले सऊदी अरब में मार्स-कोव  के 2,578 मामले सामने आए और इनमें 888 लोगों की मौत हो गई। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि भविष्य में इन क्षेत्रों में मामले सामने आते रहेंगे।

मार्स-कोव की मृत्यु दर काफी ऊंची है। इससे संक्रमित लोगों में से करीब 35 फीसदी की मौत हो चुकी है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मृत्यु दर का यह अनुमान गलत भी हो सकता है, क्योंकि मार्स-कोव के कई मामले हल्के लक्षणों के कारण रिपोर्ट नहीं किए जाते हैं। ऐसे में वर्तमान निगरानी प्रणाली इसका पता लगाने में सक्षम नहीं है।

सऊदी अरब में जुलाई 2021 में मार्स-कोव के कारण दो लोगों की मौत हो गई। इन दोनों मामलों का ऊंटों के साथ निकट संपर्क का इतिहास रहा है। लेकिन हाल ही में मरने वाला व्यक्ति स्वास्थ्य कार्यकर्ता नहीं था, माना जा रहा है कि उसे किसी अन्य बीमार व्यक्ति से वायरस मिला है। इस साल अकेले सऊदी अरब में जुलाई तक 11 मामले सामने आ चुके हैं।

डब्ल्यूएचओ ने आशंका जताई है कि मध्य पूर्व या उन देशों में मार्स-कोव के संक्रमण के मामले सामने आ सकते हैं। जहां ऊंटों में मार्स-कोव फैल रहा है। इनसे दूसरे इलाकों में भी संक्रमण फैल सकता है।

कोविड-19 की तरह, यह कोरोनावायरस भी मधुमेह, गुर्दे, फेफड़ों की गंभीर बीमारी का कारण बन रहा है। 2012 में मध्य पूर्व से यात्रा करते हुए चार महाद्वीपों के 27 देशों से मार्स-कोव की सूचना मिली है।

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