कोविड-19: वैक्सीन की दोनों खुराक के बाद भी धीरे-धीरे बढ़ सकता है संक्रमण का खतरा

फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के 90 दिनों के बाद से कोविड-19 संक्रमण के जोखिम में धीरे-धीरे वृद्धि देखी गई थी

By Lalit Maurya

On: Monday 29 November 2021
 

फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की दोनों खुराक के बाद भी कोविड-19 संक्रमण का खतरा धीरे-धीरे बढ़ सकता है।  यह जानकारी हाल ही में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल द्वारा प्रकाशित अध्ययन में सामने आई है। शोध के अनुसार फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के 90 दिनों के बाद से कोविड-19 संक्रमण के जोखिम में धीरे-धीरे वृद्धि देखी गई थी।

यह अध्ययन इजराइल में लेउमिट हेल्थ सर्विसेज द्वारा किया गया है। जिसके निष्कर्ष इस बात की पुष्टि करते हैं कि फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन ने टीकाकरण के बाद शुरुआती कुछ हफ्तों में उत्कृष्ट सुरक्षा प्रदान की थी, लेकिन समय के साथ लोगों में इम्युनिटी कम होती जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। 

गौरतलब है कि इजराइल उन देशों में से एक है जिसने दिसंबर 2020 में बड़े पैमाने पर कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरु किया था, लेकिन जून 2021 के बाद वहां फिर से कोविड के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई थी।

हालांकि इसमें कोई शक नहीं कि दुनिया भर में, बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान ने वायरस के प्रसार को रोकने में मदद की थी। लेकिन जिस तरह से एक बार फिर यह महामारी उन देशों में फैल रही है जहां टीकाकरण की दर अन्य देशों से कहीं ज्यादा है उसने वैज्ञानिकों को इस बात पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि यह वैक्सीन कितने समय तक कारगर रहती है।

वैज्ञानिकों को लगता है कि इस वायरस के दोबारा से फैलने के पीछे इम्युनिटी में धीरे-धीरे आती गिरावट एक कारण हो सकती है। ऐसे में वैज्ञानिक यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि यह टीके कितने समय तक कारगर रहते हैं और कब उसकी तीसरी खुराक की जरुरत पड़ती है साथ ही उस खुराक को कब देना चाहिए उस बारे में भी सुराग मिल सकते हैं। 

क्या कुछ निकलकर आया अध्ययन में सामने

इसे समझने के लिए शोधकर्ताओं ने 80,057 लोगों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड की जांच की थी, जिनकी औसत आयु 44 वर्ष थी। इन लोगों ने दूसरी खुराक लेने के कम से कम तीन सप्ताह बाद से पीसीआर जांच करवाई थी, जिनमे उस समय संक्रमण का कोई सबूत नहीं था। इसके बाद समय बीतने के साथ ही उनमें संक्रमण के मामले फिर से दर्ज किए गए थे।

उदाहरण के लिए दूसरी खुराक लेने के बाद सभी आयु वर्गों में  21 से 89 दिनों के अंदर 1.3 फीसदी लोगों में संक्रमण दर्ज किया गया था। वहीं 90 से 119 दिनों के बाद यह बढ़कर 2.4 फीसदी में देखा गया था। वहीं 120 से 149 दिनों के बाद यह 4.6 फीसदी, 150 से 179 दिनों के बाद 10.3 फीसदी और 180 दिनों या उसके बाद 15.5 फीसदी लोगों में रिकॉर्ड किया गया था। 

कुल मिलकर शोध से पता चला है कि दूसरी खुराक के शुरुआती 90 दिनों की तुलना में सभी आयु वर्गों में संक्रमण का खतरा 90 से 119 दिनों के बाद 2.37 गुना बढ़ गया था, वहीं 180 या उससे ज्यादा दिनों के बाद उसमें 2.82 गुना वृद्धि दर्ज की गई थी। शोध में निष्कर्ष निकाला गया है कि जिन व्यक्तियों को फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की दो खुराकें दी गई थी उनमें समय के साथ संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा शुरुआती 90 दिनों के दौरान प्रदान की गई सुरक्षा की तुलना में कम होती गई थी।

गौरतलब है कि दुनिया भर में अब तक 26 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जिनमें 52 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है जबकि 23.5 करोड़ मरीज इस बीमारी से उबर चुके हैं। वहीं यदि भारत से जुड़े आंकड़ों को देखें तो देश में अब तक कोविड-19 के 3.46 करोड़ मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से 467,468 लोगों की मृत्यु हो चुकी है,  जबकि 339,77,830 मरीज ठीक हो चुके हैं। 

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