वीडियो स्टोरी: लॉकडाउन का एक साल, कैसे भारत ने अपना सबसे बड़ा आंतरिक पलायन देखा

लॉकडाउन का एक साल पूरे होने पर डाउन टू अर्थ ने एक वीडियो सीरीज तैयार की

By DTE Staff

On: Tuesday 30 March 2021
 

कोरोना महामारी के दौरान भारत में लगाए गए लॉकडाउन के चलते श्रमिक वर्ग को गहरा मानसिक और शारीरिक आघात झेलना पड़ा। देश में 23 मार्च 2020 को लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद सैकड़ों और हजारों की तादाद में श्रमिकों के जत्थे बड़े शहरों से अपने गांव घर को वापस लौटने के लिए मजबूर हो गए। देश में यह पहली दफा था जब इतना बड़ा आंतरिक पलायन देखा और महसूस किया गया। 

पहली बार ही शायद यह देश इस बात का भी गवाह बना कि कितनी बड़ी संख्या में बड़े शहरों में प्रवासी श्रमिक काम कर रहे हैं। इस देश में करीब 37 फीसदी आबादी प्रवासियों की है। इनमें महिलाएं और अकुशल मजदूरों की संख्या काफी ज्यादा है। लॉकडाउन के दरमियान सबसे ज्यादा प्रभावित वर्ग यही रहा।  

लॉकडाउन का भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में काफी असर पड़ा। इसे लेकर डाउन टू अर्थ के पांच भाग में वीडियो सीरीज बनाया है। इस ताजा भाग में हिंदी डाउन टू अर्थ, हिंदी के वरिष्ठ संवाददाता राजू सजवान ने डीटीई, हिंदी के संवाददाता विवेक मिश्रा से महामारी के दौरान भारत के सबसे बड़े आंतरिक पलायन को लेकर बातचीत की है।

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