कोविड-19 से रिकवरी के बाद क्या करें मरीज, मंत्रालय ने जारी किया फॉलोअप प्रोटोकॉल

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने विशेषज्ञ की देखरेख में आयुष मंत्रालय की दवाओं को खाने की सलाह दी है

By Bhagirath Srivas

On: Monday 14 September 2020
 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आखिरकार 13 सितंबर 2020 को कोविड-19 से रिकवर हुए मरीजों के लिए फॉलोअप प्रोटोकॉल जारी कर दिए। प्रोटोकॉल दस्तावेज का कहना है कि कोविड-19 की बीमारी के बाद रिकवर मरीज थकान, शरीर में दर्द, खांसी, गले में खराश, सांस में लेने में परेशानी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे मरीजों का फॉलोअप जरूरी है। डाउन टू अर्थ ने पिछले महीने कई ऐसे मरीजों से बात की थी जिन्हें रिकवरी के बाद इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। जिस बड़ी संख्या में लोग कोरोनावायरस संक्रमण से रिकवर हो रहे हैं, उसे देखते हुए रिकवरी के बाद प्रोटोकॉल की जरूरत महसूस की जा रही थी।  

प्रोटोकॉल में रिकवर हुए मरीजों को कई तरह की सलाह दी गई हैं। इनमें से कुछ सलाह व्यक्तिगत स्तर की, कुछ सामुदाय स्तर की और कुछ स्वास्थ्य सेवा स्तर की हैं। व्यक्तिगत स्तर की सलाह में मरीजों को रिकवरी के उचित व्यवहार अमल में लाने जैसे, मास्क का इस्तेमाल, साफ सफाई और सामाजिक दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है। साथ ही बड़ी मात्रा में गर्म पानी पीने को कहा गया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आयुष मंत्रालय की कुछ दवाओं को आयुष एक्सपर्ट की सलाह पर लेने को कहा गया है। जैसे आयुष क्वाथ रोज एक कप, 500 एमजी की समसावटी दिन में दो बार या गर्म पानी में एक से तीन ग्राम गिलोय पाउडर लेने को कहा गया है। इसके अलावा 500 एमजी की अश्वगंधा 15 दिन तक दिन में दो बार, दिन में एक आंवला फल या एक से तीन ग्राम पाउडर दिन में एक बार लेने को गया है। आयुष मंत्रालय ने सलाह दी है कि एक चम्मच च्यवनप्रास रोज सुबह गर्म पानी या दूध में लेना चाहिए।

व्यक्तिगत स्तर की अन्य सलाह में कहा गया है अगर स्वास्थ्य इजाजत दे तो घर का काम करना चाहिए और धीरे-धीरे पेशेवर काम शुरू किए जा सकते हैं। लोगों को हल्का व्यायाम और योगाभ्यास भी करना चाहिए।

सामुदायिक स्तर के सुझाव

फॉलोअप प्रोटोकॉल का दस्तावेज कहता है कि रिकवर मरीजों को अपने सकारात्मक अनुभव सोशल मीडिया के माध्मय से अपने दोस्तों और रिश्तेदारों आदि से साझा करने चाहिए जिससे जागरुकता आए और बीमारी से जुड़े स्टिग्मा व भ्रांतियों को दूर किया जा सके। इसके अलावा रिकवरी के बाद स्वयं सहायता समूहों, नागरिक संगठन और प्रशिक्षित पेशेवरों की मदद से अपना जीवन फिर से पटरी पर लाने की सलाह दी गई है। जरूरत पड़ने पर मनोचिकित्सकों की मदद लेने को भी कहा गया है। इसके अलावा सामाजिक दूरी को बरकरार रखते हुए समूह में योग, ध्यान आदि करने की सलाह दी गई है।

स्वास्थ्य सेवा स्तर की सलाह

स्वास्थ्य सेवा स्तर की सलाह में कहा गया है कि डिस्चार्ज होने के 7 दिन बाद डॉक्टर के पास पहली फॉलोअप विजिट करनी चाहिए। यह विजिट उसी अस्पताल में हो जहां से डिस्चार्ज हुए हों। आगे के इलाज के लिए नजदीकी डॉक्टर से संपर्क किया जा सकता है। मरीजों को पॉली थेरेपी से बचने की सलाह दी गई है। जो मरीज होम आइसोलन में रहे हैं, अगर उनमें कोई लक्षण उभरते हैं तो नजदीकी अस्पताल जाने की सलाह दी गई है।  

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