डब्लूएचओ ने की बाजारों में जीवित जंगली जानवरों की बिक्री पर प्रतिबन्ध की अपील

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह अपील जीवित जंगली जानवरों से इंसानों में बीमारियों के फैलने के खतरे को देखते हुए की है

By Lalit Maurya

On: Wednesday 14 April 2021
 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जीवित जानवरों से इंसानों में बीमारियों के फैलने के खतरे को देखते हुए खाद्य बाजारों में जीवित जंगली जानवरों के व्यापार पर रोक लगाने की अपील की है। डब्ल्यूएचओ, वर्ल्ड ऑर्गनाइज़ेशन फॉर एनिमल हेल्‍थ और संयुक्‍त राष्‍ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने मंगलवार को जारी अपनी अपील में कहा है, हालांकि जीवों के यह पारंपरिक बाजार, एक बड़ी आबादी के लिए भोजन और जीविका प्रदान करते हैं, लेकिन इस कदम से न केवल बीमारियों के फैलने के खतरे कम किया जा सकता है साथ ही वहां काम करने वाले लोगों और दुकानदारों के स्वास्थ्य की भी रक्षा की जा सकती है।

इन दिशानिर्देशों के अनुसार ज्यादातर संक्रामक बीमारियां जिन्होंने दुनिया पर व्यापक असर डाला है जंगली जीवों से ही इंसानों में फैली हैं। इनमें लासा बुखार, मारबर्ग वायरस और निपाह वायरस शामिल हैं। यही नहीं कोरोनावायरस के अन्य रूप जैसे 2003 में फैला सार्स और 2012 में फैला मर्स जैसे संक्रमण भी जीवों से ही इंसानों में फैले हैं।

वहीं कोविड-19 के बारे में भी जितनी जानकारी सामने आई है उसके अनुसार इसके कुछ शुरुवाती मामले चीन के वुहान शहर में एक थोक पारंपरिक खाद्य बाजार से भी जुड़े थे। जिसके शुरुवाती मरीज दुकानों के मालिक, बाजार के कर्मचारी और बाजार में नियमित खरीदारी करने वाले ग्राहक थे। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट में भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सार्स-कोव-2 वायरस, जो कोविड -19 का कारण बनता है, उसकी सबसे ज्यादा संभावना है कि वो चमगादड़ में पैदा हुआ था और फिर अभी तक अज्ञात मध्यस्थ जानवर के माध्यम से मनुष्यों में फैल गया था।

70 फीसदी से भी ज्यादा संक्रामक बीमारियों के लिए जिम्मेवार हैं जंगली जीव

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आगाह किया है कि वर्तमान में इंसानों में जितनी भी संक्रामक बीमारियां सामने आ रहीं हैं उनमें से करीब 70 फीसदी के लिए जंगली जानवर ही जिम्मेवार हैं।  इनमें से कुछ वायरसों के कारण भी फैल रहे हैं। गाइडेंस के अनुसार पारम्परिक बाजारों में जहां इन जीवों को भोजन के लिए बेचा, काटा और तैयार किया जाता है वहां दुकानदारों और ग्राहकों में रोगजनकों के फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।

ऐसे में इस गाइडेंस में अपील की गई है कि जब तक सभी जरुरी सावधानियां न बरती जाएं और खतरों का पूरी तरह आंकलन न हो तब तक इन बाजारों और इसके कुछ हिस्सों को बंद कर दिया जाना चाहिए। संगठनों का कहना है कि इस गाइडेंस का उद्देश्य पारंपरिक खाद्य बाजारों में कोविड-19 और जानवरों से फैलने वाली बीमारियों के जोखिम को कम करना है।

गौरतलब है कि दुनियाभर में अब तक कोविड-19 के 13.8 करोड़  मामले सामने आ चुके हैं। जबकि करीब 30 लाख लोग इस महामारी की भेंट चढ़ चुके हैं। भारत में भी अब तक इसके 1.38 करोड़ मामलों की पुष्टि हो चुकी है जबकि इस संक्रमण से अब तक 172,085 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। ऐसे में इस संक्रमण को फैलने से रोकने और नई बीमरियों को रोकने के लिए इस तरह के कदम जरुरी हैं, जिसे सभी देशों को पालन करना चाहिए।

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