सरकार ने ई-सिगरेट पर लगाया प्रतिबंध, युवाओं में बढ़ रहा है चलन

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलवरी सिस्टम पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसे ई-सिगरेट भी कहा जाता है

By DTE Staff

On: Wednesday 18 September 2019
 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलवरी सिस्टम पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसे ई-सिगरेट भी कहा जाता है। बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी जानकारी दी। यह प्रतिबंध न केवल बिक्री, बल्कि उत्पादन व निर्माण, आयात या निर्यात, ट्रांसफर, वितरण, स्टॉक करना और विज्ञापन भी लागू होगा।

सीतारमण ने बताया कि ई-सिगरेट के दुष्प्रभावों से युवाओं को बचाने के लिए यह फैसला लिया गया है। अमेरिका में इसके कई उदाहरण देखने को मिले हैं। ताजा आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में ई सिगरेट पीने वालों की संख्या 77.8 फीसदी इजाफा हुआ है। जबकि इस डिवाइस को यह कह कर बेचा जाता है कि इससे सिगरेट पीने की आदत खत्म हो जाएगी। लेकिन इसके बाद ई-सिगरेट पीने की लत लग गई।

सीतारमण ने बाजार में उपलब्ध ई-सिगरेट के कई मॉडल भी दिखाए और बताया कि ये किस तरह काम करती हैं। उन्होंने बताया कि अभी ई-सिगरेट की लगभग 400 वैरायटी भारत में बिक रही हैं, लेकिन इनमें से कोई भी देश में नहीं बनती है। ये ई-सिगरेट अलग-अलग स्वाद में उपलब्ध हैं, जो युवाओं को ‘कूल’ बनाने का काम करती हैं।  

इससे पहले तंबाकू कारोबारियों ने केंद्र सरकार से अपील की थी कि वे ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाएं

सरकार की ओर से कानून का जो मसौदा तैयार किया गया है, उसके मुताबिक पहली बार प्रतिबंध तोड़ने वाले को 1 लाख रुपए का जुर्माना और एक साल तक की सजा हो सकती है। लेकिन जो बार-बार इसका उल्लंघन करेगा, उस पर 5 लाख रुपए का जुर्माना और 3 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। इसी तरह ई-सिगरेट को स्टोर करने पर छह माह की सजा और 50 हजार रुपए के जुर्माना का प्रावधान किया गया है। 

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