महिलाओं में 21 फीसदी तक हृदय रोग बढ़ाने के लिए जिम्मेवार है मानसिक तनाव: अध्ययन

अध्ययन में 1991 से 2015 तक प्रतिभागियों पर नजर रखी गई, ताकि महिलाओं में कैंसर, हृदय रोग और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के बेहतर तरीकों का पता लगाया जा सके।

By Dayanidhi

On: Monday 12 April 2021
 
Photo : Wikimedia Commons

एक नए अध्ययन से पता चला है कि मानसिक तनाव आमतौर पर चुनौतीपूर्ण वातावरण में होने वाली कठिनाई के कारण होता है। यह तनाव महिलाओं में कोरोनरी हृदय रोग के खतरे को बढ़ाता है। 

अध्ययन के अनुसार नौकरी और सामाजिक तनाव के प्रभाव, सामाजिक संबंधों के खराब पहलू महिलाओं पर काफी गहरा असर छोड़ते हैं। साथ ही यह कोरोनरी हृदय रोग के खतरे को 21 फीसदी तक अधिक बढ़ाने के लिए जिम्मेवार है। नौकरी में तनाव तब होता है जब एक महिला के पास अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए कार्यस्थल में पर्याप्त अधिकार नहीं होते हैं।

अमेरिका की ड्रेक्सेल यूनिवर्सिटी के डॉर्नसेफ स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं के द्वारा किए गए इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि जीवनसाथी की मृत्यु, तलाक, अलग रहने या शारीरिक या मानसिक शोषण के साथ-साथ समाज में होने वाली तनाव की घटनाएं जीवन पर असर डालती हैं। ये घटनाएं 12 फीसदी और कोरोनरी हृदय रोग के 9 फीसदी अधिक खतरे के साथ जुड़ी हुई हैं।

इस अध्ययन के लिए 80,825 रजोनिवृत्ति (पोस्टमेनोपॉज़ल) वाली महिलाओं के आंकड़ों का इस्तेमाल किया। महिलाएं एक बार रजोनिवृत्ति या पोस्टमेनोपॉज़ल की अवस्था में पहुंचती है तो हार्मोन का स्तर हमेशा कम हो जाता है। महिलाएं गर्भवती नहीं हो पाएंगी और मासिक धर्म चक्र भी बंद हो जाता है। 

अध्ययन में 1991 से 2015 तक प्रतिभागियों पर नजर रखी गई, ताकि महिलाओं में कैंसर, हृदय रोग और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के बेहतर तरीकों का पता लगाया जा सके। वर्तमान अनुवर्ती (फॉलो-अप) अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने कोरोनरी हृदय रोग पर, तनाव के इन रूपों का एक सर्वेक्षण कर पता लगाया। जिसमें नौकरी में होने वाला तनाव, तनावपूर्ण जीवन की घटनाएं और सामाजिक तनाव शामिल थे, अध्ययनकर्ताओं ने इनसे पड़ने वाले प्रभावों का मूल्यांकन किया।

14 साल, सात महीने के इस अध्ययन के दौरान लगभग 5 फीसदी महिलाओं में कोरोनरी हृदय रोग हुआ। उम्र, नौकरी में समय, सामाजिक आर्थिक विशेषताओं, उच्च-तनाव वाले जीवन की घटनाओं की वजह से कोरोनरी हृदय रोग के 12 फीसदी मामले पाए गए। अधिकतम सामाजिक तनाव कोरोनरी हृदय रोग को 9 फीसदी तक बढ़ा सकता है। अकेले ही काम से संबंधित तनाव कोरोनरी हृदय रोग से नहीं जुड़ा था।

दुनिया भर में कोरोनरी हृदय रोग मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। हृदय की धमनियों के सिकुड़ने के कारण हृदय में पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त का संचार नहीं होता है। तनाव को कोरोनरी हृदय रोग से जोड़ते हुए यह पता लगाते हैं, कि कैसे काम के तनाव और सामाजिक तनाव एक साथ मिलकर बीमारी के खतरे को बढ़ा देते हैं।

कोविड-19 महामारी ने महिलाओं में काम और रोजगार को लेकर तनाव बढ़ा दिए हैं। डॉर्नस्फी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एसोसिएट प्रोफेसर यवोन माइकल ने कहा है कि ये निष्कर्ष कार्यस्थल में होने वाले तनावों की निगरानी के बेहतर तरीकों को उजागर करेंगे और हमें घर पर देखभाल करने वालों के रूप में बिना वेतन के, दोहरे बोझ वाली कामकाजी महिलाओं को इससे छुटकारा मिलेगा। यह अध्ययन अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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