दूध-दही के लिए मशहूर प्रदेश की महिलाएं क्यों हैं अस्वस्थ

हरियाणा की 40 प्रतिशत लड़कियों का वजन उम्र और कद, काठी के लिहाज से कम है और करीब 60 प्रतिशत महिलाएं अनीमिया यानी खून की कमी का शिकार हैं

By Malick Asgher Hashmi

On: Friday 06 March 2020
 
Photo: Satwik Mudgal

 
'देशा में देश हरियाणा, जित दूध-दही का खाणा।' यह देसी कहावत भले ही यहां के पुरुषों पर फिट बैठती हो, पर आंकड़े और सर्वे रिपोर्ट बताते हैं कि स्वास्थ्य के मामले में हरियाणा की लड़कियों और महिलाओं की स्तिथि किसी दूसरे पिछड़े प्रदेश से अच्छी नहीं है। इस प्रदेश की 40 प्रतिशत लड़कियों का वजन उम्र और कद, काठी के लिहाज से कम है और करीब 60 प्रतिशत महिलाएं अनीमिया यानी खून की कमी का शिकार हैं।
 
विश्व बैंक की एक ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के 66 फसादी बच्चे कुपोषित हैं, क्यों कि उनकी माताओं का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। जब कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष देश के 38 प्रतिशत बच्चों के कुपोषण और 50 प्रतिशत महिलाओं के एनीमिया से पीड़ित होने की बात कहते हैं।
 
प्लान इंडिया नामक एक संस्थान ने हाल में लैंगिक संवेदनशील के आधार पर एक सर्वे कर डेटा इकट्ठा किया था। इसके मुताबिक, हरियाणा की 40 प्रतिशत लड़कियों का वज़न कम पाया गया और 60 फीसदी महिलाएं खून की कमी से ग्रस्त मिलीं। खून की कमी के कारण महिलाओं का वजन कम हो जाता है। शरीर की व्रद्धि रुक जाती है। काम करते समय जल्द थक जाती हैं। मांसपेशियां ढीली पड़ जाती हैं। आंखें धंस  जाती हैं और नींद और पाचन क्रिया सही नहीं रहती।
 
भिवानी की डॉक्टर सुमन दहिया कहती हैं कि उनके यहां इलाज कराने आने वाली 30 प्रतिशत महिलाएं कुपोषित और 60 प्रतिशत खून की कमी का शिकार होती हैं। भिवानी के स्वास्थ्य विभाग ने जिले की 60 फीसदी महिलाओं को कुपोषित बताया है। प्लान इंडिया के सर्वे के अनुसार, हरियाणा देश में महिलाओं व लड़कियों की सुरक्षा के मामले 21वें, शिक्षा में 12 वें और स्वास्थ्य के मामले में 26 वें स्थान पर है। इस प्रदेश की 18.05 प्रतिशत लड़कियों का विवाह कानूनी उम्र से पहले हो जाता है।
 
केंद्र सरकार ने कुपोषित और रक्त की कमी से पीड़ित गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं का पोषण स्तर सुधारने के लिए 2017 में प्रधानमंत्री मातृ वेदना योजना शुरू किया गया था। योजना पर खर्च होने वाली धनराशि का 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकारें  वहन करती हैं। 2017 से 2019 के बीच हरियाणा में योजना के तहत 3 लाख 55 हज़ार 739 लाभार्थियों का पंजीकरण कराया गया, जिन्हें 152. 72 करोड़ रुपये वितरित किए गए। लाभार्थी महिलाओं को 5000 हज़ार रुपये के तीन किस्तों में भुगतान किया गया।
 
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि खान, पान पर विशेष ध्यान नहीं देने, प्रदूषण और बदलती जीवन शैली के कारण महिलाएं खून की कमी और लड़कियां कम वजन का शिकार हो रही हैं। उनमें जागरूकता पैदा करने के लिए विश्व महिला दिवस पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर गुरुग्राम की महिला कॉलेज से प्रदेश स्तरीय पोषण अभियान शुरू करेंगे। अभियान के तहत प्रदेश की महिलाओं और बच्चियों को खान, पान को लेकर सजग करने के अलावा उन्हें ऐसी सरकारी योजनाओं के बारे में भी बताया जाएगा जिससे वो अपने स्वास्थ्य का ख्याल रख सकेंगी।

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